फोरलेन का कार्य अतिशीघ्र आरंभ करवाने के लिए उचित कदम उठाए सरकार

कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन विस्थापित समिति ने इस जिला से गुजर रहे निर्माणाधीन फोरलेन सड़क निर्माण को वर्षों से खटाई में डाले रखने और क्षेत्र के लोगों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां झेलने को विवश करने के लिए सरकार और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण की कड़ी आलोचना की है और हिमाचल सरकार से मांग की है कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े इस सड़क के निर्माण कार्य को दोबारा से शीघ्र अतिशीघ्र आरंभ करवाने के लिए उचित कदम उठाए जाए। समिति के प्रैस व प्रचार सचिव रणवीर सिंह ठाकुर ने कहा कि पिछली शाम समिति के प्रधान राम सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में सर्वसम्मत प्रस्ताव में सरकार से मांग की गई है कि इस सड़क का निर्माण 2012 में आरंभ किया गया था जिसे सरकार पिछले आठ वर्षों में पूरा करने में पूरी तरह से असफल रही है, परिणाम स्वरूप क्षेत्र के लाखों लोग विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों झेलने को विवश हैं | इसलिए इसके निर्माण कार्य को और अधिक विलंब किए बिना तुरंत आरंभ करने के संबन्धित विभाग को आदेश दिये जाएँ ताकि इससे कुप्रभावित हुए लाखों किसानों को राहत मिल सके। समिति के खेद व्यक्त किया कि वर्ष 2012 से लेकर अब तक क्षेत्र की सभी सड़कें और रास्ते आदि मुरम्मत के अभाव में खराब हो चुके हैं और क्षेत्रवासियों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जबकि कई स्थानों पर लोगों की ज़मीनें बरसात में भूमि कटाव होने से क्षतिग्रस्त हो गई हैं और कुछ किसानों के घरों में दरारें आने से रहने के लायक नहीं रहे हैं जबकि संबन्धित विभाग और प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है | समिति ने अन्य विभिन्न प्रस्तावों में सरकार से मांग की है कि सड़क के किनारे भूमि कटाव स्थलों पर डंगों का निर्माण किया जाए, जिन विस्थापित हुए किसानों को उनकी भूमि और मकानों आदि का मुवावजा अभी तक नहीं दिया गया है, उसे तुरंत दिया जाए, पिछली सारी देय राशि का भुगतान किया जाये, पाँच बीघा से कम भूमि वालों को तुरंत नौतोड़ भूमि अलाट की जाए, क्षेत्र के सारे नष्ट हो गए रास्तों, सड़कों, पानी के स्त्रोतो और अन्य सुविधाओं को तुरंत बहाल किया जाये और अपनी पूर्व घोषणाओं और चुनावी वादे अनुसार अधिगृहीत की गई भूमि का मार्केट रेट का चार गुना मुवावजा दिया जाये तथा कानून के अनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए |