बिलासपुर जामा मस्जिद में पिछले पांच महीने से बाहरी राज्य से नहीं आई कोई जमात

बिलासपुर जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी के प्रधान मोहम्मद हारून उर्फ हरि का कहना है कि जब बात देश पर आए तो धर्म, मजहब भूल कर सभी को एकजुटता से खड़ा होना चाहिए क्योंकि देश है तो देशवासी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बेहतर तरीके से संभाल रहे हैं तथा ऐसे समय में जब देश वैष्विक बीमारी से लड़ रहा है तो सभी को सरकार व प्रशासन का साथ देना चाहिए। यदि कोई तबलिगी जमात से आया है तो वह स्वयं सामने आए तथा अपनी जांच करवाए। इसमें गलत बात क्या है, व्यक्ति संक्रमित हो भी सकता है और न भी लेकिन यदि संक्रमण है तो इलाज और बचाव जरूरी है ताकि समाज को भी बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि वे एहतियात तौर पर स्वयं नजर रखे हुए हैं। यदि ऐसा कोई पाया जाता है तो तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाएगा। हारून मोहम्मद ने कहा कि बिलासपुर जामा मस्जिद में पिछले पांच महीने से बाहरी राज्य से कोई जमात नहीं आई है।
एक दो जमातें आई थी जो प्रदेश से ही थी। हारून ने बताया कि जमात की कमेटियां अलग होती है, इनका मस्जिद कमेटियों से कोई ज्यादा ताल्लुक नहीं होता है। उन्होने बताया कि सरकार के आदेश के बाद 20 मार्च से जामा मस्जिद बिलासपुर पूरी तरह से बंद है। भीतर मौलवी व उसका परिवार तथा मदरसे में तालीम हासिल करने वाले 10-11 जरूरतमंद बच्चे हैं। यह सभी मस्जिद के भीतर रहते हैं। यहां पर केवल मौलवी को ही सामान आदि लाने की अनुमति है जबकि कोई मस्जिद में प्रवेष नहीं कर सकता है। तबलीगी जमातियों की हरकतों पर पूछे गए प्रशन का जबाव देते हुए जामा मस्जिद प्रधान हारून मोहम्मद ने बताया कि चिकित्सक और उनके स्टाफ पर पत्थराव करना अनपढ़ता का सबूत है। इसके लिए पूरी मुस्लिम कौम को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जमात में अधिकांश ऐसे लोग जाते हैं जिन्हें परिवार वाले सुधरने के लिए भेजते हैं ताकि 40 दिन बुद्धिजीवियों में रहकर वे कुछ अच्छा सीखें और समाज सुधार में अपना योगदान दें। उन्होंने बताया कि जमात में लोगों को यही सिखाया जाता है कि यदि धरती पर अच्छा करोगे तो उपर भी अच्छा मिलेगा, गलत करोगे तो आगे भी गलत ही मिलेगा। लेकिन इस प्रकार के कारनामों को अंजाम देने वाले अनपढ़ और शरारती तत्व होते हैं। ऐसे मानसिक बीमार लोगों की काउंसलिंग करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के असमाजिक तत्व हर कौम में होते हैं जिनकी हरकतें पूरे समाज और कौम को शर्मसार करती हैं। हारून मोहम्मद ने कहा कि कठिनाई की इस घड़ी में बिलासपुर नगर का पूरा मुस्लिम तबका जिला प्रशासन और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।