एंट्री पॉइंट्स पर पुख्ता व्यवस्था न कर पाने पर बढ़े मामले : राम लाल ठाकुर

पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने कोरोना महामारी के चलते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे है व चिंता का विषय है जबकि अब तक हिमाचल प्रदेश कोरोना फ्री राज्य घोषित होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि जैसे ही बाहरी राज्यों से लोंगो का आवागमन हिमाचल प्रदेश में हुआ उसमे प्रदेश सरकार राज्यो के एंट्री पॉइंट्स पर पुख्ता व्यवस्था न कर पाने पर यह मामले बढ़े है। जहाँ-जहाँ पर प्रदेश के एंट्री पॉइंट्स थे वहां पर प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग बाहर से आने वाले लोंगो की प्राथमिक जांच करने में ही असफल रहा। इन एंट्री पॉइंट्स पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास उपयुक्त स्वास्थ्य जांच इंस्ट्रूमेंट्स न होने से इन लोंगो की शुरुआती जांच भी नहीं हो पाई जिसके कारण बाहरी राज्यो से आने वाले लोग प्रदेश मे प्रवेश कर गए और अब इन लोंगो की सेहत की देखभाल सिर्फ और सिर आशा वर्करों या वार्ड पंचो के हवाले कर दी गई है।
राम लाल ठाकुर ने यह भी कहा कि इस महामारी के समय प्रदेश सरकार ने जो 80 प्रतिशत लोंगो की स्वास्थ्य जांच का दावा किया है वह सरासर गलत है। यह सारा दावा प्रदेश सरकार का आशा वर्करों के द्वारा इक्कठी की गई रिपोर्टों के आधार पर है। बहुत सी आशा वर्करों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फोन पर निर्देश देते है कि अपनी पंचायत के लोगों की बीमारियों के बारे में पता लगाओ। अब यह बताओ कि एक पंचायत को सिर्फ दो आशा वर्करों के सहारे छोड़ देना कहां तक उचित है और फिर क्या यह स्वास्थ्य वर्कर क्या स्वास्थ्य विषय विशेषज्ञ है?
उन्होंने कहा कि मेरी सलाह प्रदेश सरकार को है कि यदि कोविड 19 जैसी महामारी से लड़ना है तो स्वास्थ्य विशेषज्ञों, प्रशानिक अधिकारियों और सरकार के पक्ष और विपक्ष के नेताओं को साथ लेकर एक सयुक्त टीम का गठन करना चाहिए ताकि कोई बुनयादी योजना बन सके और इस महामारी को मात दी जा सके, केवल विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के सहारे सरकार नहीं चल सकती है।
राम लाल ठाकुर ने कहा कि आज लॉक डाउन का पचासवां दिन है अभी तक तो प्रदेश के हर जिला अस्पताल में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा दी जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा 50 दिन लॉक डाउन होने के बावजूद भी अभी तक भी कोरोना के मरीजों के लिए कोई पर्याप्त इसोलेशन वार्डस विकसित नहीं हो पाए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि कोरोना की लड़ाई में बहुत सी वित्तिय धांधलियों को भी जन्म दिया गया है जो कि एक गम्भीर व चिंता का विषय है। इसकी भी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।