बारिश व ओलावृष्टि ने किया किसान-बागवानों को हताश
मौसम की बेरुखी किसान-बागवानों पर भारी पड़ रही है। एक ओर कोरोना का कहर लोगों को सता रहा है तो वहीं मौसम का बदला मिज़ाज किसानों के लिए नई दिक्कतें ला रहा है।
बीच-बीच में हो रही ओलावृष्टि से किसान बागवानों की कमर टूट गई है। वीरवार दोपहर बाद आनी में मौसम ने अपना मिज़ाज बदला और भारी आंधी-तूफ़ान के साथ साथ बारिश और ओलबृष्टि भी हुई। भारी बारिश होने से नालों में पानी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पानी सड़कों पर आ गया जिससे वाहन चालकों व राहगीरों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
वहीं आनी, निरमण्ड के कई क्षेत्रों में एक बार फिर ओले से भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि से सेब की फसल काफी हद तक प्रभावित हो गई है। गौर रहे इससे पूर्व भी कई बार ओलावृष्टि ने किसान-बागवानों की सेब, आलू, मटर जैसी फसलों को बर्बाद कर दिया था। जिस कारण बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इस बार बागवान अच्छी सेब की पैदावार होने की उम्मीद कर रहे थे। पहले लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि ने सेब की सेटिंग को काफी नुकसान पहुंचाया है।
इलाके में बागवानों के घर का खर्चा सेब व अन्य फसलों की पैदावार पर ही निर्भर करता है। सेब की पैदावार ठीक ठाक हो जाए तो बागवानों को साल भर का खर्चा निकल जाता है। मौसम की बेरुखी तो वहीं कोरोना का कहर सता रहा है।
बागवानों ने कहा कि ओलावृष्टि ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर कर रख दिया है। ओलावृष्टि से सेब की फसल पूरी तरह प्रभावित हो गई है। इस बार बागवानों को सेब की पैदावार न के बराबर होने का भय सता रहा है। किसान-बागवानों ने सरकार व कृषि विभाग से हुए नुकसान का जायज़ा लेने और आगामी कार्रवाई की मांग की है ।