जिला सिरमौर में आयुर्वेदिक विभाग के पांच क्वाथ शाला का हुआ शुभारंभ
जिला प्रशासन सिरमौर की पहल पर आयुर्वेदिक विभाग द्वारा जिले के 6 प्रशासनिक ब्लोक में क्वाथ शाला प्रारम्भ करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई है जिनमें से पांच क्वाथ शालाओं का शुभारम्भ व संचालन आयुर्वेद विभाग द्वारा कर दिया गया है। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डॉ आर के परूथी ने दी।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में काढ़े का बड़ा महत्त्व है जिसका प्रयोग पुरातन काल से रोगों से बचाव व इलाज के लिए किया जाता था। वर्तमान में कोविड-19 की परिस्थिति को देखते हुए रोग प्रतिरोधि क्षमता बढाने के लिए काढ़े का महत्त्व और अधिक बढ़ गया है। इसी को ध्यान में रख कर आयुष मंत्रालय द्वारा नियमित रूप से काढा सेवन करने की सलाह व दिशा निर्देशों के बाद सामान्य जनता में काढ़े को लेकर जागरूकता उत्पन्न हुई है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सालय पौंटा साहिब की क्वाथशाला का शुभारंभ विधायक सुखराम चौधरी, क्वाथशाला राजगढ़ का शुभारम्भ विधायक रीना कश्यप, क्वाथशाला शिलाई का शुभारम्भ बलदेव तोमर उपाध्यक्ष खाद्य आपूर्ति निगम, क्वाथशाला नैना टिक्कर का शुभारम्भ एस डी एम सरांहा सोनाक्षी तोमर तथा क्वाथशाला श्री रेणुकाजी का शुभारम्भ सी ई ओ, रेणुकाजी विकास बोर्ड दीपराम शर्मा ने किया।
जिला आयुर्वेद अधिकारी सिरमौर डॉ राजेन्द्र देव ने बताया कि इन सभी क्वाथशालाओं में सामान्य जन की इम्युनिटी बढाने के लिए प्रतिदिन काढा बनाकर पिलाया जाएगा। इनमे आयुष काढा, मधुयष्ठी कषाय सहित समय-समय पर अन्य काढ़े पिलाए जायेंगे। इसके अतिरिक्त आयुष काढ़ा में तुलसी, दालचीनी, सौंठ और कालीमिर्च जैसे प्राकृतिक तत्व शामिल हैं। यह आयुष काढा लोगों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।