क्या चाय पर चर्चा के बाद अब हमीरपुर कांग्रेस में लगी चिंगारी विकराल रूप लेगी?
हमीरपुर जिला में कांग्रेस के भीतर उठ रही विद्रोह की ज्वाला धीरे धीरे भड़कना शुरू हो गई है। जिला कांग्रेस के कुछ मौजूदा और कुछ पूर्व पदाधिकारी अपने रोज़मर्रा के कामों में जिला मुख्यालय हमीरपुर में आए हुए थे कि अचानक आपस में चाय पर चर्चा करने आ बैठे। जब राजनीति से जुड़े लोग आपस में आ बैठे हों और राजनीति की बात न हो ऐसा संभव नहीं।
सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि जिला कांग्रेस में जिस तरह सक्रिय पदाधिकारियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया है उससे संगठन के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों में रोष व्याप्त है। संगठन के भीतर जल रही चिंगारी कभी भी ज्वाला का रूप धारण कर सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि संगठन में कुछ लोगों की तो डिमोशन कर दी गई है उससे कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आहत है। चर्चा में पता चला कि जिला कांग्रेस में उपाध्यक्ष और महासचिव के पद से कई पदाधिकारियों को जिला सचिव या ब्लॉक स्तर पर नियुक्ति दे दी गई है और कई लोगों को जो पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी में महासचिव के पद पर नियुक्त कर दिया है। हमीरपुर के ब्लॉक स्तर पर तो एक ऐसा मामला भी देखने को मिला है जिसमें पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष को वर्तमान में ब्लॉक का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। संगठन के 20-25 पदाधिकारियों का आपस में मिलना क्या वाकई संयोग था।
संगठन के भीतर पनप रहे रोष पर देखने वाली बात यह है कि क्या हमीरपुर जिला कांग्रेस ने ऐसी नियुक्तियों को कर के अंगारों के ऊपर पांव रख दिया है और अगर इन पदाधिकारियों का रोष सही है तो यह कागजी घोड़े दौड़ने वाली हमीरपुर कांग्रेस कब और कैसे कांग्रेस को मजबूत कर पाएगी यह बात भविष्य के गर्भ में छुपी है।