फर्जी डिग्री मामले में आखिर क्यों ईडी को जांच नहीं सौंप रही सरकार : राणा

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा निजी विश्वविद्यालयों को लेकर की गई टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि शांता कुमार सदैव अपनी सच्ची व बेवाक टिप्पणियों को लेकर जाने जाते हैं। शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार का अड्डा बने निजी विश्वविद्यालयों को शांता कुमार ने केवल डिग्री देने वाली दुकानें करार दिया है। ऐसे ही एक जगजाहिर मामले में मानव भारती यूनिवर्सिटी समेत एक ही जिले में बीजेपी के राज में खुली 7 यूनिवर्सिटियां अब सवालों के घेरे में हैं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, एक ही ग्राम पंचायत में 3-3 यूनिवर्सिटियां बीजेपी के राज में खोली गई थीं। इनको खोलने का मकसद क्या था, इनके लिए छात्र कहां से आने थे। हालांकि यह मुद्दा तब भी कांग्रेस ने तत्कालीन सरकार में उठाया था। बीजेपी के राज में खुली इन यूनिवर्सिटियों में किस-किस की मिलीभगत रही है। स्टेट रैगुलेटरी कमीशन भी इस मामले में शक और संदेह के घेरे में है। आरोप लगे हैं कि रैगुलेटरी कमीशन से जुड़े एक व्यक्ति ने 60 कम्प्यूटरों की खेप इस फर्जीवाड़े में हजम की है, जिसकी भी जांच होनी जरूरी है। यह तमाम विषय बीजेपी की नीयत और नीति पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मानव भारती यूनिवर्सिटी मामले में अब वर्तमान सरकार किन-किन को बचाना चाह रही है। वह कौन अधिकारी व कौन राजनेता हैं, जिनको बचाने के लिए वर्तमान सरकार मौन और मूक मुद्रा में रहते हुए अंदरखाते बचाव के दबाव में है। मानव भारती यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार का पैसा विदेशों में जाने के बाद यह मामला ईडी की जांच का बनता है। सरकार इस मामले को ईडी को सौंपने से किसके दबाव में गुरेज कर रही है?
अब प्रदेश सरकार पर केंद्र में बैठे कुछ नेता इस मामले के बचाव में सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। दबाव पड़ोसी राज्य की भाजपा शासित सरकार से भी बना हुआ है, जिसके चलते सूचनाएं ये हैं कि मानव भारती यूनिवर्सिटी के माफिया सरगना को बचाने के लिए अब यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी की बलि देने का मसौदा तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि धर्मशाला में निजी संस्थान चलाने वाला जे एंड के से संबंध रखने वाला वह कौन व्यक्ति है, जिस पर इस मामले में दलाली के आरोप लगे हैं और अब सरकार उसको बचाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में पालमपुर के एक व्यक्ति पर भी भ्रष्टाचार के इस खेल में दलाल की भूमिका अदा करने के आरोप लगे हैं। इन दोनों जालसाजों के नामों का भी सरकार खुलासा करे।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के इतने सारे आरोप लगने के बाद सरकार ने किस मजबूरी में मानव भारती यूनिवर्सिटी की मान्यता जारी रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस लीपापोती पर कांग्रेस चुप नहीं बैठने वाली है। विपक्ष इस मामले को विधानसभा में पुरजोर से उठाएगा। देश में शिक्षा के नाम पर दूसरे पायदान पर स्थापित हिमाचल प्रदेश की छवि पर सरकार के रवैये के कारण प्रतिकूल असर पड़ा है लेकिन सरकार इस मामले में ऐसे बर्ताव कर रही है कि मानों कुछ हुआ ही नहीं है।
उन्होंने मांग की है कि अगर विपक्ष की बात सत्ता पक्ष को हजम नहीं हो रही है तो पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की टिप्पणी पर गौर करे, जिसमें उन्होंने कहा है कि फर्जी डिग्री के अलावा अन्य निजी यूनिवर्सिटियों में बहुत कुछ फर्जी है। यहां तक कि स्टाफ भी फर्जी है। पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है। फर्जी डिग्रियां देकर ऐसे निजी संस्थान हजारों युवकों के जीवन को बर्बाद करने में लगे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार की मंशा और नीयत इस मामले में अगर साफ पाक है तो सरकार करोड़ों के इस भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई की जांच से क्यों कतरा रही है?