बिलासपुर जिला में 1 अप्रैल से बीएस-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन बंद

बिलासपुर जिला में पहली अप्रैल से बीएस-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगी। यदि बीएस-4 वाहन खरीदने वाले की फाइल 25 मार्च तक रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ या आरएलए कार्यालय नहीं पहुंची है, तो फिर बाद में रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे। इसे लेकर प्रदेश परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ/आरएलए कार्यालय को आदेश जारी कर दिए हैं। कार्यकारी आरटीओ बिलासपुर रमेश चंद राणा ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बीएस-4 वाहनों की बिक्री पर 31 मार्च के बाद से रोक लग जाएगी। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा बीएस-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन के लिए डेडलाइन जारी कर गई है। डीलर्स को भी इन निर्देशों बारे अवगत करवा दिया गया है। विभाग ने यह आदेश इसलिए जारी किए हैं ताकि वाहन विक्रेताओं द्वारा बेचे गए इन वाहनों का पंजीयन हो सके। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन विक्रेता द्वारा यदि किसी को बीएस-4 वाहन बेचा गया है, तो वैध दस्तावेज के साथ तय समय पर उसका रजिस्ट्रेशन हो जाए। विभाग के अनुसार अंतिम समय में अत्यधिक कार्यभार की की वजह से विभिन्न तकनीकी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। इससे वाहन मालिक को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में परिवहन विभाग ने 25 मार्च तक पंजीयन फाइलें प्राप्त करने के लिए हर जिला के आरटीओ/आरएलए को सूचित किया है, ताकि प्राप्त बीएस-4 वाहनों की फाइलों का पंजीयन 31 मार्च तक हर हाल में किया जा सके। दरअसल बीएस एक ऐसा मानक है, जिससे भारत में गाडि़यों के इंजन से फैलने वाले प्रदूषण को मापा जाता है। इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है। बीएस के आगे नंबर बीएस-3, बीएस-4, बीएस-5 या बीएस-6 भी लगता है। बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही हैं। यानी कि बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है, उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है।