वायदा खिलाफी के साथ जले पर नमक छिड़क रही प्रदेश सरकार
बिलासपुर निजी बस आपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान अनिल कुमार मिंटू ने प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी के साथ जले पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगातार चार पांच महीने अपनी बसों को मजबूरी वश खड़ा रखने तथा अब सरकार के आग्रह पर बसों को सड़कों पर उतारने के बाद सरकार निजी बस आपरेटरों को राहत पंहुचाना तो दूर की बात है उल्टा स्पेशल रोड़ टैक्स बढ़ाकर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। जो कि निजी बस आपरेटरों के साथ विष्वासघात है। प्रैस को जारी बयान में अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना काल में निजी बस मालिक ने बेहतरीन सेवाए दे रहे हैं। जिला मे 20 प्रतिशत बस मालिक ही अपनी बसें पूरे रूट पर चला रहे हैं। जबकि 20 प्रतिशत आधे रूट पर चला रहै है। अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निजी बस आपरेटरों ने बड़ा जोखिम उठाकर सरकार के कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए अपनी जिम्मेवारी का वहन करना षुरू कर दिया है ताकि जनता को परेशानी न हो लेकिन यह हैरानी की बात है कि सरकार ने स्पेशल रोड टैक्स बढ़ा दिया है तथा 1 अगस्त 2020 से टैक्स लेना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत बस मालिक की 22 मार्च 2020 से जनता कर्फ्यू लगाया। 1 जुलाई 2020 से हिमाचल सरकार ने परिवहन सुविधा चलाने के आदेश किए तब से आज तक बसें 30 प्रतिशत ही रूट पर चली है। उन्होंने कहा कि बसों मे सवारी 15 प्रतिशत सवारी से बसें चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी निजी बस आपरेटर घाटे में बसें चला रहे हैं। ऐेसे हालातों से न डीजल का खर्चा पूरा हो रहा है और न ही कर्मचारियों का वेतन निकल रहा है। सरकार ने टैक्स वसूलने के लिए पोर्टल ओपन किया है, यही नहीं लेट होने पर पैनल्टी भी वसूली जा रही है जो कि निजी बस आपरेटरों के साथ अन्याय हैं। उन्होंने पोर्टल बंद करने तथा सरकार को निजी बस आपरेटरों के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने एसआरटी की बढ़ोतरी आपरेटरों से अन्याय है। उन्होंने कहा कि आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया के ढर्रे पर काम कर रहे निजी बस आपरेटरों के लिए यह समय बहुत नाजुक चल रहा है। कई आपरेटर तो मनरेगा के तहत मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे हैं जबकि कईयों में अवसाद की शिकायतें आना शुरू हो गई हैं। यह आपरेटरों व इनके परिवार के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि यदि उन्हें कोई रियायत दी गई है तो अधिसूचना जारी की जाए। इसके अलावा उन्होंने बढ़े टैक्स को वापिस लिया जाए, स्पेशल रोड टैक्स, टोकन टैक्स, ग्रीन टैक्स, अड्डा पर्ची 31-3-2020 तक माफ किया जाए। इसके अलावा तीन लाख कैपिटल राशि बिना ब्याज की राहत प्रदान की जाए ताकि निजी बस आपरेटर अपनी बसें चला सकें।