हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान की लाहौल स्पीति में साबित हो सकती है अहम भूमिका-उपायुक्त नीरज कुमार
लाहौल- स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर की भूमिका लाहौल-स्पीति के संदर्भ में भी अहम साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित 100 से ज्यादा विभिन्न तकनीकों और सेवाओं की उपलब्धता और हस्तांतरण से ये साबित होता है कि संस्थान अपने कार्यकलापों को लेकर तत्पर और गंभीर प्रयास कर रहा है। जिसके कई परिणाम भी सामने हैं। उपायुक्त ने कहा कि लाहौल- स्पीति में उच्च गुणवत्ता के हींग के उत्पादन को लेकर जो पहल हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा की जा रही है उसके आने वाले समय में बहुत ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।
हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित चावला ने उपायुक्त को बताया कि संस्थान द्वारा एथ्निक फूड के तौर पर कांगड़ी धाम के अलावा हर्बल साबुन, हाई एनर्जी चॉकलेट बार और शिटाके मशरूम के उत्पादन की तकनीक भी विकसित की गई है। टिन पैकेजिंग में कांगड़ी धाम, हर्बल साबुन और चॉकलेट बार के उत्पाद उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान ने जो तकनीक विकसित की है उसके माध्यम से 3 महीने के भीतर शिटाके मशरूम तैयार किया जा सकेगा। इस मौके पर उनके साथ हिमालय जलसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी अमरजीत भी मौजूद रहे।