नागरिक केंद्रित है 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' व्यवस्था- उपायुक्त नीरज कुमार
उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' व्यवस्था पूरी तरह से नागरिक केंद्रित है। इस व्यवस्था के लागू होने से लोगों को अब अपने विभिन्न तरह के कार्य करवाने या अनुमति लेने के लिए कार्यालयों में नहीं जाना पड़ता है। उपायुक्त आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व्यवस्था के लिए नोडल विभाग के तौर पर कार्य कर रहे उद्योग विभाग के तत्वावधान में 'ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के तहत हुए सुधारों' पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी सुगम हिमाचल- उन्नत हिमाचल के मूल मंत्र के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व्यवस्था को शुरू किया है। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों में कई तरह की पहल शुरू की हैं। उद्योग विभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में सेल्फ सर्टिफिकेशन की शुरुआत की जा चुकी है। इसके अलावा सात विभिन्न अधिनियमों में भी स्वतः पंजीकरण की व्यवस्था मौजूद है।
उपायुक्त ने ये भी बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की ऑल इंडिया रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश वर्ष 2015 में 17वें स्थान पर था। लेकिन 2019 में हिमाचल प्रदेश की यह रैंकिंग अब 7वें स्थान पर आ चुकी है। इससे जाहिर होता है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की इस व्यवस्था से लोगों को लाभ मिल रहा है और विभाग भी इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश निवेशक मित्र राज्य के तौर पर भी उभर रहा है। इससे पूर्व उद्योग विभाग के उप निदेशक संजय शर्मा ने कार्यशाला में भाग लेने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों और उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के बारे में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में केवल मात्र उद्योग विभाग के कार्यकलापों को ही शामिल नहीं किया गया है बल्कि विभागों की विभिन्न सेवाओं को भी इस दायरे में लाया गया है। इस मौके पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र नितिन शर्मा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विनोद धीमान, जिला कृषि अधिकारी डॉ चौधरी राम, पुलिस उपअधीक्षक हेमंत ठाकुर समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।