अपने लाभ के लिए वन संशोधन अधिनियम 2020 से की जा रही छेड़छाड़
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की राष्ट्रीय स्तर की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मीनाक्षी नटराजन की अध्यक्षता में जूम एप्प के माध्यम से
आयोजित की गई । पूर्व प्रदेश सचिव प्रदेश सह संयोजक राजीव गांधी पंचायती राज संगठन हिमाचल प्रदेश हीरापाल सिंह ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में एक अति महत्वपूर्ण विषय को लेकर चर्चा हुई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जय राम रमेश ने वन संशोधन अधिनियम 2020 पर कहा कि इस बिल में प्रावधान है कि सरकार अधिसूचना के जरिये बिना राज्य सरकार, पंचायतों, नगर निकायों को पूछे आपकी जमीन पर कोई भी परियोजना या उद्योग के लिए सड़क निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि ये अधिसूचना वन अधिनियम को कमजोर करने का हथियार है। पहले स्थानीय लोगो की शिकायतें सुनी जाती थीं, परंतु अभी तो सिर्फ शक्तियों को केंद्रित करके चन्द चुने हुए उद्योग पतियों को खुश करने का जरिया मात्र बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस अधिसूचना से उत्तरी पूर्वी राज्यों के साथ साथ आदिवासी अधिकृत क्षेत्र में वनसंपदा को लूटने के लिए प्रयास के मकसद से इसमें प्रावधान किया है। इसके अलावा अपने करोड़पति चुनिंदा व्यवसाइयों को कोल् माइन व अभ्रक की खानों के साथ बड़ी बड़ी परियोजनाओं को लगाने के रास्ते को खोलने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर करने का कुप्रयास कर रही है इस तरह प्रदेश में लगने वाले उद्योग कारखानों को स्थापित करने के लिए पंचायत के साथ ग्रामसभा से पूछने की जरूरत नही है इस तरह कमजोर किया जा रहा है वन अधिकार नियम और भूमि अधिग्रहण के कानून को कमजोर करने का प्रयास जो कि किसान वेगवान एवम गरीब विरोधी निर्णय ले रही जो कि अति निंदनीय भाजपा की कथनी करनी में अंतर है। प्रधानमंत्री क्योंकि 68 बार मन की बात कर चुके हैं जो बड़ी बड़ी बातें करते थकते नही सिर्फ मन की बात करके गरीब मजदूर किसान व बागवान का भला नहीं होने वाला।