आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति लोगों का बढ़ रहा रुझान...
प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। बीते कुछ वक्त में प्रदेश सरकार ने भी आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रद्धति के प्रचार -प्रसार हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। फिलवक्त प्रदेश के 32 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पंचकर्म चिकित्सा सुविधा व क्षार सूत्र चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है जिसमें बवासीर व अन्य गुदा संबंधित रोग क्षारीय धाग से ऑपरेशन करके या बिना ऑपरेशन के ठीक किए जाते है। इसके बाद अब पूरे प्रदेश में सरकारी सेवा में चिकित्सकों को मर्म चिकित्सा, नाड़ी चिकित्सा, अग्नि कर्म, जलोका कर्म व प्रच्छान विधियों को जानने के लिए अलग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुरे प्रदेश में आम लोग इन विधियों से चिकित्सा करवाकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।
इसके अलावा विभाग के चिकित्सक अपनी सेवाओं के अतिरिक्त अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में बढ़- चढ़कर हिस्सा ले रहें है। विभाग के स्कूल अडॉशन कार्यक्रम के तहत चिकित्सक अपने स्वास्थ्य केंद्र के साथ लगते स्कूलों में भिन्न- भिन्न विषयों पर महीने में एक बार भाषण देते हैं। अनीमिया रहित हिमाचल योजना के तहत विकास खंडों में हर व्यक्ति का हीलोग्लोबिन जांचा जा रहा है व निशुल्क औषधियां वितरित की जा रही है। किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए जड़ी बूटियों की खेती के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं। किसानों को अलग- अलग वातवरण के हिसाब से कौन सी जड़ी बूटी उगाई जा सकती है इसके विषय में भी जानकारी दी जा रही है और उनको इस ओर प्रेरित करने के लिए सरकार वित्तीय सहायता भी दे रही है। सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए विभागीय अधिकारी बहुत मेहनत कर रहे है।
डॉ अरविन्द गुप्ता ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा औषधियों की गुणवता जांचने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर भी लगाए गए है। औषधियों को स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने से पहले सैंपल लेकर उनका परीक्षण करवाया जा रहा है। विभागीय ड्रग परीक्षण प्रयोगशाला को भी सुदृढ़ किया गया है।