ABVP ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें पुष्प किए अर्पित
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला महानगर द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती के उपलक्ष पर शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री गौरव अत्री अभाविप के राष्ट्रीय शोध कार्य प्रमुख डॉक्टर आलोक पांडे विशेष रुप से उपस्थित रहे।
जानकारी देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष विशाल सकलानी ने बताया की 23 जनवरी 1897 को जन्मे नेता जी भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूँगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।
संजौली महाविद्यालय इकाई अध्यक्ष करण सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को आजादी दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कटक के प्रोटेस्टेण्ट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा पूर्ण कर 1909 में उन्होंने रेवेनशा कॉलेजियेट स्कूल में दाखिला लिया। कॉलेज के प्रिन्सिपल बेनीमाधव दास के व्यक्तित्व का सुभाष के मन पर अच्छा प्रभाव पड़ा। मात्र पन्द्रह वर्ष की आयु में सुभाष ने विवेकानन्द साहित्य का पूर्ण अध्ययन कर लिया था। 1915 में उन्होंने इण्टरमीडियेट की परीक्षा बीमार होने के बावजूद द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हर वर्ष नेताजी की जयंती हर्षोल्लास के साथ आयोजित करता है। इस वर्ष भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस मनाने की घोषणा की है। विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से लेकर ऐसे महापुरुषों के सिद्धांतों पर चलती आई है। विद्यार्थी परिषद पूरे देश भर में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को मनाती आई है और देश के युवाओ को इन सभी महापुरुषों के जीवन से प्रेरित करने का आह्वान देश के नौजवानों से करती है।