मंदिरो को सशर्त खोलने को मंजूरी
एक लंबे अंतराल के बाद मंदिरों को खोलने की अनुमति सशर्त सरकार ने प्रदान कर दी है। आगामी दस सितंबर से सरकार ने मंदिरों को खोलने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बिलासपुर के नगर अराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिर को खोले जाने की भी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं । वरिश्ठ पुजारी अरूण शर्मा ने बताया कि करीब पांच महीने से ज्यादा समय तक मंदिर बंद रहा है। उन्होंने बताया कि अब बाबा नाहर सिंह स्थापना यानि पीढ़ी तक कोई भी श्रद्धालु नहीं जा सकेगा। सामने बेरीकेटस लगाए गए हैं जहां पर दान पात्र और धूप आदि रखने की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर पार्किंग के पास श्रद्धालुओं का बाकायदा नाम पता लिखा जाएगा तथा थर्मल स्कैनर से तापमान जांचा जाएगा। उसके बाद मंदिर के द्वार पर श्रद्धालु को सेनेटाइज किया जाएगा। मंदिर में मात्था टेकते समय छह फुट की दूरी यानि सामाजिक दूरी का भी प्रबंध किया गया हैै, इसके लिए स्थानों को गोल दायरा बनाकर चिन्हित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मात्था टेकने के बाद राणी मंदिर, तुलसी चौरा से होते हुए बाहर लंगर भवन की ओर से एक्जिट व्यवस्था बनाई गई है। मंदिर में घंटी का बजाना वर्जित है। इसलिए घंटी पर पहले की कवर किया जा चुका है। प्रसाद व्यवस्था पर प्रतिबंध रहेगा जबकि कोई श्रद्धालु पुजारी के करीब यानि छू नहीं सकेगा। अरूण शर्मा ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालु सीधे आएंगे और दूर से दर्शन कर अलग रास्ते से भेजे जाएंगे। नई गाईड लाइस के अनुसार मंदिरों में लाइन लगने की स्थिति में बुजुर्गो व बच्चों के लिए दी गई हिदायतों का पालन किया जाएगा। अरूण शर्मा बताया कि मूर्तियों के आगे एक मिनट से अधिक श्रद्धालु खड़े नहीं हो पाएंगे। श्रद्धालुओं को अपने जूते वाहनों में खोलकर रखने होंगे। धार्मिक स्थलों में भीड़ जमा नहीं होगी और समूह में प्रार्थना पर रोक रहेगी। श्रद्धालुओं के हाथ पैर धोने की व्यवस्था मंदिर के बाहर होगी। उन्होंने बताया कि सरकार के एसओपी नियमों को मंदिर प्रबंधन द्वारा कड़ाई से पालन किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से रोका जा सके।