गहलोत ले उड़ते है मायावती के विधायक
* राजस्थान में किंग मेकर बनकर भी खाली हाथ रह जाती है मायावती
* 2008 और 2018 में बसपा के 6 -6 विधायक जीते
* जीतने के बाद सभी गहलोत के समर्थक बने और कांग्रेस में गए
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस ही नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी भी पूरा जोर लगा रही है। बसपा सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है और 60 सीटों पर खास फोकस है। पार्टी को उम्मीद है कि अगर भाजपा और कांग्रेस , दोनों बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं मिलता तो वह किंगमेकर बन सकती है। दिलचस्प बात बात ये है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 6 सीटें हासिल की थीं पर सभी विधायक बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसी तरह 2008 में भी पार्टी 6 सीट जीतकर किंगमेकर बनी थी लेकिन तब भी सभी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। दोनों बार सीएम थे अशोक गहलोत और एक तरह से उनकी जादूगरी के आगे मायावती जीत कर भी खाली हाथ रही।
अब सबक लेते हुए इस बार बसपा ने उम्मीदवारों का चयन यह ध्यान में रखते हुए किया है कि सभी बसपा चीफ मायावती और पार्टी के प्रति वफादार हों। माना जा रहा है कि बसपा का प्लान है कि विधायकों के टूटने की गतिविधियों से बचने के लिए पार्टी सरकारों को बाहर से समर्थन नहीं देगी बल्कि सत्ता का साझेदार बनेगी। इस बार जरूरत पड़ी तो विधायकों को मंत्री बनाया जायेगा। अब मायवती का किंगमेकर बनने का अरमान पूरा होता है या नहीं ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।