बद्दी: CIPET बद्दी द्वारा चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया "रासायनिक और पेट्रोकेमिकल औद्योगिक सुरक्षा" कार्यकम

भारत सरकार की 100-दिन की कार्य योजना विकसित भारत@2047 के तहत, रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स मंत्रालय के रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स विभाग ने रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण को बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। इस पहल के तहत, 28 फरवरी से 01 मार्च तक चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में "रासायनिक और पेट्रोकेमिकल औद्योगिक सुरक्षा" पर दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम CIPET: CSTS- बद्दी द्वारा आयोजित किया गया।
यह पहल सरकार की सुरक्षा, स्थिरता और जवाबदेही के प्रति अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो एक सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार औद्योगिक वातावरण को बढ़ावा देती है। आर्थिक विकास में रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, यह कार्यक्रम खतरनाक पदार्थों से जुड़े अंतर्निहित जोखिमों को भी संबोधित करता है, जीवन की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करता है।
कार्यक्रम में 59 रासायनिक और फार्मास्यूटिकल उद्योगों से 126 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें MAH इकाइयां भी शामिल थीं। चौदह सत्र आयोजित किए गए, जिसमें औद्योगिक सुरक्षा नियमों, जोखिम मूल्यांकन, खतरा प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया रणनीतियों और उभरती सुरक्षा प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया गया। CIPET, IITs, NITs, PCB, SLITE, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय और रासायनिक एवं फार्मास्यूटिकल उद्योग के विशेषज्ञों ने सत्रों के दौरान मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की।
विभाग का लक्ष्य देशभर में सभी 2,393 MAH इकाइयों में रासायनिक सुरक्षा पर प्रशिक्षण प्रदान करना है। अगले पांच वर्षों में 48 ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो सभी MAH इकाइयों का व्यापक कवरेज सुनिश्चित करेंगे।