कांगड़ा जिले में 3 हजार मीटर से ऊपर ट्रैकिंग गतिविधियों पर रोक
-कम ऊंचाई वाले ट्रैकिंग रूट के लिए भी लेनी होगी पूर्व अनुमति
कांगड़ा जिले में 3 हजार मीटर से ऊपर की सभी ट्रैकिंग गतिविधियों को आगामी आदेश तक पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने इसकी अनुपालना को लेकर आज एक आदेश जारी किया है। उन्होंने शरद ऋतु को देखते हुए जिले में ट्रैकिंग गतिविधियों को लेकर विशेष हिदायतें भी जारी की हैं।
एसपी ऑफिस से लेनी होगी पूर्व अनुमति
आदेश के मुताबिक करेरी, त्रिउंड और आदि हिमानी चामुंडा मार्गों पर ट्रैकिंग की अनुमति के लिए पुलिस अधीक्षक, कांगड़ा के कार्यालय से पूर्व अनुमति के प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके कार्यान्वयन के लिए पुलिस अधीक्षक, कांगड़ा से कार्यालय में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी तैनात करने को कहा गया है। उनसे यह भी आग्रह किया गया है कि पुलिस कर्मी उपरोक्त मार्गों पर अनुमति देते हुए आईएमडी शिमला द्वारा जारी मौसम के पूर्वानुमान को अवश्य ध्यान में रखें।
धौलाधार के समीप नहीं कर पाएंगे पैराग्लाइडिंग
आदेश में पैराग्लाइडिंग करने वाले पायलट्स को भी धौलाधार के समीप उड़ान न भरने को कहा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि आईएमडी शिमला द्वारा चेतावनी अथवा अलर्ट जारी किए जाने पर ट्रैकिंग मार्गों (करेरी, त्रिउंड, आदि हिमानी चामुंडा) के लिए प्रदान की गई सभी पूर्व अनुमति रद्द मानी जाएंगी।
बचाव दलों को होगी छूट
हालांकि आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पर्वतारोहण केंद्र मैक्लोडगंज और पुलिस के खोज और बचाव दलों को उक्त निर्देश में छूट दी जाएगी।
पर्यटकों को दें जानकारी
डॉ. निपुण जिंदल ने जिला पर्यटन अधिकारी को कांगड़ा जिले के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े समस्त हितधारकों को उनके वहां ठहरने वाले सभी पर्यटकों को ट्रैकिंग गतिविधियों की पाबंदियों से अवगत कराने के निर्देश देने को कहा है। उन्हें उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए दंडात्मक प्रावधानों के बारे में बताने को भी कहा गया है।
उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह हिदायतें आगामी आदेश तक लागू रहेंगी।