हमीरपुर : चुनावों से पहले भाजपा के रक्षामंत्री काे याद आया वीर नारियों, पूर्व सैनिकों व अर्धसैनिकों का सम्मान : प्यार सिंह अत्री
मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर
पूर्व सैनिक कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लोकसभा हमीरपुर के उपाध्यक्ष प्यार सिंह अत्री ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया सैनिक हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नज़दीक आते ही आखिर भाजपा सरकार को याद आ ही गया। वीर भूमि के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और पैरामिलिट्री सर्विसेज के सेवानिवृत्त कर्मियों का मान-सम्मान। हिमाचल प्रदेश में कुल मिलाकर लगभग साढ़े चार लाख से अधिक संख्या में पूर्व व सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिक रहते हैं। जिनमें कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर के साथ-साथ कुछ अन्य जिलों में भी सैनिकों की काफ़ी संख्या है व उनके आश्रितों को भी कुल मिलाकर इनकी संख्या लगभग बीस लाख के करीब है, जिनकी औसतन संख्या देश के अन्य राज्यों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से केन्द्र व राज्य सरकार, रक्षा व गृह मंत्रालय लगातार दोनों संगठनों की अनदेखी कर उनकी सुविधाएं छीनता जा रहा है, इससे यहां के से सेना के तीनों बलों व पैरामिलिट्री के पूर्व सैनिकों में भारी रोष व्याप्त है। अगले सप्ताह हमीरपुर में आनन फानन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के दौरे से पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि रक्षामंत्री का वीरों की देवभूमि में हार्दिक स्वागत है कि आखिर पांच सालों बाद उन्हें वीरांगनाओं व वीर पूर्व सैनिकों की याद आ ही गई उनका आभार व्यक्त करते हैं, परंतु उन्हें पूर्व सैनिकों के कुछ सवालों का भी जवाब देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावज़ूद भाजपा सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना का 2019 से एरियर क्यों रोका हुआ है?
पूर्व सैनिकों की ईसीएचएस स्वास्थ्य सुविधा का सलाना बजट लगभग 6600 करोड़ रुपए है, जिसमें से 2300 करोड़ रुकी कटौती पिछले दो वर्षाें में की गई है। क्या सरकार इसके फंड को सेना के राजस्व से न लेकर अलग से इसकी फंडिंग करने का प्रावधान करेगी?
उन्होंने कहा भाजपा एक तरफ़ सैनिकों के सम्मान के दावे करती है। दूसरी तरफ़ अग्निपथ, अग्निवीर जैसी त्रुटिपूर्ण योजना चलाकर प्रदेश के युवाओं, पूर्व सैनिकों के आश्रितों की हर वर्ष होने वाली चार हज़ार नौकरियों को छीन लिया है व कोरोना की आड़ में पिछले दो वर्षाें में शारीरिक व मेडिकल परीक्षा पास करने वाले युवाओं की लिखित परीक्षा करवा उन्हें सेना में भर्ती होने का अवसर देगी?
सेवाकाल के दौरान अपंग हुए सैनिकों को सरकार ने करोड़ों रुपए वकीलों पर खर्च कर आठ वर्षाेें तक कोर्ट में तो घसीटा ही,बताएं उनकी पैंशन पर लगने वाले आयकर को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा?
सीएसडी कैंटीन में की गई कटौतियां समाप्त कर 2014 से पूर्व वाली सुविधाएं कब लागू होंगी?
शिक्षा भत्ता व बेटियों की मैरिज ग्रांट में दो सालों से विलंब क्यों?
छावनी क्षेत्रों की ज़मीनों को पूंजीपतियों, निजी क्षेत्र की कंपनियों के हाथों क्यों बेचा व सौंपा जा रहा है?
छावनियों क्षेत्रों को सिविल लोगों के लिए पूरी तरह खोल कर सुरक्षा को जोख़िम में क्यों डाल दिया गया है?
हिमाचल में सेवानिवृत्त अर्धसैनिक बल बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया गया। उनकी स्वास्थ्य व कैंटीन सुविधा विस्तार में विलंब क्यों? पूर्व की तरह पैंशन सुविधा कब लागू होगी व पूर्व सैनिक का दर्जा क्यों नहीं दिया गया? सरकारी नौकरियों में उन्हें आरक्षण मिले।
उन्होंने कहा क्या माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह यदि अपने हिमाचल दौरे के दौरान देवभूमि से इन सभी प्रश्नों का सही उत्तर देने का साहस करेंगे?
यदि वह इन पर आश्वासन नहीं देते तो संयुक्त रुप से पूर्व सैनिक व पैरामिलिट्री सैनिक अपने विरोध को और मुखर करते हुए आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार को करारा जवाब देंगे।