भरमौर: 136 दिन बाद खुले भगवान कार्तिक स्वामी के कपाट
हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध भरमौर के कुगती में भगवान भोलेनाथ के ज्येठ पुत्र कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट 136 दिन बाद आज बैसाखी के दिन खुल गए। मंदिर के कपाट 30 नवंबर को मौसम की प्रतिकूलता के कारण हर वर्ष नवम्बर महीने में बंद हो जाते हैं। कपाट बंद करने से पहले मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति के सामने पानी से भरी एक गड़वी (कलश) को रखा जाता है। इस बार भी ऐसा ही किया गया। अगर कलश आधा भरा मिला तो कम बारिश की संभावना रहती है और कलश में पानी पूरा सूख गया हो तो अकाल जैसी स्थिति इलाके में आने की संभावना रहती है। आज के दिन भगवान कार्तिक स्वामी के जयकारों से पूरा कुगती क्षेत्र गूंज उठा। हजारों श्रद्धालु भगवान कार्तिक स्वामी के दर्शन करने कुगती पहुंचे। कार्तिक स्वामी गद्दी समुदाय के लोगों के अराध्य देवता हैं। मंदिर के कपाट खुलने का लोगों को अरसे से इंतजार रहता है। गौरतलब हो कि उत्तरी भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के तहत लाहुल-स्पीति से आने वाले शिवभक्तों का कुगती एक अहम पड़ाव रहता है। इसको लेकर भी एक मान्यता है कि जो यात्री मणिमहेश यात्रा के दौरान सबसे पहले कार्तिक स्वामी मंदिर में दर्शन करते हैं, उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता। इसके अलावा मणिमहेश यात्रा के दौरान हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में शिवभक्त कुगती होकर मणिमहेश परिक्रमा यात्रा भी करते है।