CMO के बुलाने पर ही क्षेत्रीय अस्पताल में गई थी पत्नी : बंबर ठाकुर
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने बिलासपुर सदर पुलिस थाना में उनकी धर्मपत्नी के विरुद्ध क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की शिकायत पर दर्ज कराई गई एफ आई आर को नितांत झूठा, बेबुनियाद, मनघडन्त एवं राजनीति से प्रेरित बताया है।
बंबर ठाकुर ने टेलीफोन पर पत्रकारों को बताया कि 25 अगस्त को उनका अपना कोरोना टेस्ट सैंपल लिया गया था, जिसकी उन्हें 27 अगस्त को रिपोर्ट दी गई थी और उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया था। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त को उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फोन किया कि वे अपनी धर्मपत्नी को भी कोरोना टेस्ट कराने के लिए अस्पताल में भेजें इसलिए उनकी धर्मपत्नी 28 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बुलाने पर ही क्षेत्रीय अस्पताल में गई थी। वहां उनका कोरोना टेस्ट सैंपल लिया गया था, जिसकी दूसरे दिन 29 अगस्त को रिपोर्ट उनकी धर्मपत्नी को डाक्टर द्वारा व्यक्तिगत तौर पर दी गई थी जिसका उनके पास अस्पताल द्वारा दिया गया लिखित प्रमाण है।
बंबर ठाकुर ने कहा कि उस समय वह पूर्ण रूप से स्वस्थ थी और उसमें कोरोना संक्रमण के कोई प्राथमिक सिम्पटम्स तक नहीं थे किन्तु दूसरे दिन उन्हें यह जान कर बहुत आश्चर्य हुआ कि अस्पताल द्वारा 28 अगस्त को लिए गए टेस्ट में 29 अगस्त को उन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया गया जो कि पूर्णतया अनुचित व षड्यंत्र्पूर्ण लग रहा था। उन्होने कहा कि वह उस समय भी और अब भी पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
बंबर ठाकुर ने कहा कि 28 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बुलाने पर ही उनकी धर्मपत्नी स्वयं अस्पताल गई थी जबकि उस समय उसका कोरोना टेस्ट भी नहीं हुआ था। फिर उन्हें आश्चर्य है कि क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक किस प्रकार पुलिस को लिखित शिकायत करके एफ आई आर दर्ज करवा रहे हैं कि उनकी धर्मपत्नी ने अस्पताल में आकर वहाँ मौजूद लोगों में संकर्मण की संभावना बना दी और उन्हें खतरे में डाल दिया।