मंत्रिमंडल विस्तार: फिर अधूरे ही रह गए सुधीर और राजेंद्र राणा के अरमान
हिमाचल की सुक्खू कैबिनेट में मंगलवार को दो और मंत्री जुड़ गए। बिलासपुर जिले से राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले से यादविंदर गोमा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राजेश धर्माणी बिलासपुर से कांग्रेस के इकलौते विधायक हैं। ऐसे में उन्हें मंत्री पद मिलना जिले के लिए काफी अहम है। वहीं, यादविंदर गोमा कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं।
कांगड़ा एक ऐसा जिला है, जिसका सरकार बनाने में अहम योगदान रहता है। इस बार भी कांगड़ा से कांग्रेस के 10 विधायक हैं। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक सुधीर शर्मा भी कांगड़ा से ही हैं। वे प्रदेश की दूसरी राजाधानी धर्मशाला के विधायक हैं। वे भी मंत्री बनने के अरमान लिये बैठे हैं, लेकिन उनका यह अरमान एक बार फिर अधूरा ही रह गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनकी जगह यादविंदर गोमा को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। सियासी तौर पर माहिर माने जाने वाले सुधीर की राजनीतिक पारी धर्मशाला में वर्ष 2019 हुए विधानसभा के उप चुनाव से डांवाडोल चल रही है। इस उप चुनाव को सुधीर शर्मा ने नहीं लड़ा था। वर्ष 2022 के चुनाव के दौरान भी सुधीर का टिकट अंतिम चरण में घोषित हुआ था।
सुधीर के साथ ही हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा हलके से विधायक राजेंद्र राणा की हसरतें भी फिर अधूरी रह गईं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हराकर चर्चा में आए कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने 2022 में लगातार दूसरा चुनाव जीता है। जिला हमीरपुर से ही मुख्यमंत्री सुक्खू के होने के चलते क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाए रखना राजेंद्र राणा को मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से बार-बार रोक रहा है। अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत ही बिलासपुर से धर्माणी की नियुक्ति होने से राणा के लिए आने वाले वर्षों में भी मंत्री पद की राह मुश्किल भरी हो गई है।