चंबा: जिला परिषद अध्यक्ष ने आशा वर्कर्स से बैठक कर उनकी समस्याएं जानीं
जिला परिषद अध्यक्ष डॉ. नीलम ने आज स्वास्थ्य विभाग ब्लॉक मेहला और चंबा के अंतर्गत आने वाले बख्तपुर की आशा वर्कर्स के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य संबंधित जरूरत को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार निर्देशित कई योजनाएं धरातल पर पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाता है, जिसमें घर-घर लोगों को दवाइयां पहुंचाने में आशा वर्कर्स की अहम भूमिका होती है। इसके साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप कैंप भी होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यदि स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ करनी हंै तो उसके लिए हमें धरातल से काम करना पड़ेगा, इसके लिए आशा वर्कर के साथ बातचीत करना बहुत जरूरी है। क्योंकि आशा वर्कर्स ही हर घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को बहुत नजदीक से देखती हैं।
गत दिनों ताडोली में जिस तरह एक लड़की का केस पेश आया था तो उसको ध्यान में रखते हुए जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आशा वर्कर्स वो सारा डाटा जिला परिषद सदन में भी पेश कर सकती हंै, जिसमें कितने सहारा पेंशनर्स हैं, कितने ऐसे गरीब लोग हैं, जिनको दवाइयोंं की जरूरत है। हम बेहतर सुविधाएं किस तरह से मुहैया करवा सकते हैं यह तभी हो पाएगा, जब हमें जानकारी होगी कि किस क्षेत्र में रहने वाले लोग स्वास्थ्य संबन्धित किन दिक्कतों का सामना कर रहे हैं । इसके अलावा जो सबसे अहम मुद्दा इस बैठक का था वह यह था कि उन्होंने आशा वर्कर से पूछा कि उनको फील्ड में क्या-क्या समस्याएं आती हैं उसे पर भी चर्चा हुई और कौन-कौन सी पंचायतें ऐसी हैं, जहां पर हेल्थ सब सेंटर तो हैं पर अपने भवन में नहीं चल रहे हैं जिनका अपना भवन नहीं है कहीं लैंड अवैलबलिटी नहीं है तो उस के लिए संबंधित प्रधानों से बातचीत करके लैंड के लिए प्रयास किये जाएंगे।
इसके अलावा यदि कहीं फंड्स के इशू हैं तो जल्दी सरकार से पत्राचार करते हुए जरूरत के अनुसार जहां पर स्थान है वह अवेलेबल करवाने के पश्चात फंड्स प्रोवाइड करवाये जाएंगे और उसके आधार पर ही पंचायतों में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने हेतु आगे भी अपने प्रयास निरंतर किए जाएंगे। इसके अलावा मेंटल हेल्थ केयर के लिए उन्होंने आशा वर्कर को कहा कि कहीं मेंटल हेल्थ केस सामने आएं तो हमे मेंटल हेल्थ एक्ट की जानकारी रखते हुए मदद के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मेंटल रिटार्ड केस वाले बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल की डिमांड की जा सकती है।