-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से मांगी सूची हिमाचल प्रदेश में 1,409 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से 25 वर्ष पहले बीएड करने वालों को भी सरकारी नौकरी करने का मौका मिलने जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय टीजीटी कला संकाय के 652, नॉन मेडिकल के 492 और मेडिकल के 265 पद भरेगा। टेट पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। अनुबंध आधार पर भर्ती होने वाले शिक्षकों को 22,860 रुपये का फिक्स वेतन मिलेगा। विभाग ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं नहीं देने के इच्छुक अभ्यर्थियों से काउंसलिंग में न आने की अपील की है। किस कोटे में कितने पद टीजीटी के 898 पद अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से भरे जाएंगे। इसके अलावा पूर्व सैनिक कोटे से 353, खेल कोटे से 68 और दिव्यांग कोटे से 90 पद भरे जाएंगे। 898 पदों के लिए जिला रोजगार कार्यालयों से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले और बीएड पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। टीजीटी के 898 पदों की भर्ती के लिए नॉन मेडिकल संकाय में बीएड करने वालों का वर्ष 1999 का बैच पात्र होगा पूर्व सैनिक कोटे के तहत टीजीटी कला में 159, नॉन मेडिकल में 130 और मेडिकल में 64 पद भरे जाएंगे। निदेशक सैनिक कल्याण विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। बैचवाइज भर्ती के लिए कला संकाय में अनारक्षित वर्ग के लिए वर्ष 2001, मेडिकल में 2002 का बीएड बैच चल रहा है। कला संकाय की भर्ती के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का मई 2003, ओबीसी का 2003, एससी और एसटी वर्ग का वर्ष 2004 का बैच चल रहा है। नॉन मेडिकल भर्ती के लिए ईडब्लूएस का 2002, ओबीसी का 2003, एससी का 2006 और एसटी का 2008 का बैच चल रहा है। मेडिकल संकाय में ईडब्लूएस का 2005, ओबीसी का 2006, एससी-एसटी का वर्ष 2006 का बैच चल रहा है 6 से 15 नवंबर तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग टीजीटी की बैचवाइज भर्ती के लिए जिला स्तर पर 6 से 15 नवंबर तक काउंसलिंग होगी। जिला उप निदेशक शिक्षा भर्ती करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से 20 अक्तूबर तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची देने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की जगह जिला उप निदेशक कार्यालयों में अभ्यर्थियों के नाम देने को कहा गया है।
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के निर्देश के बाद परिवहन निगम ने बसों में सामान ले जाने को लेकर रिवाइज्ड भाड़ा सूची जारी की है। इसमें बसों में नि:शुल्क ले जाने वाली वस्तुओं के साथ नए उत्पादों के लिए किराया विवरण भी जारी किया है। बस में सवारी अपने साथ घरेलू सामान 30 किलोग्राम तथा किसी भी साइज के दो बैग, बच्चों की ट्राली, तिपहिया साइकिल, व्हील चेयर, लैपटॉप, सेब बॉक्स के साथ सेब का एक गिफ्ट पैक फ्री में कहीं भी ले जा सकते हैं, लेकिन अगर सवारी साथ नहीं है, तो फिर एक गिफ्ट पैक का हाफ टिकट कटेगा। सवारी के साथ एक से ज्यादा गिफ्ट पैक पर एक चौथाई किराया लिया जाएगा, जबकि फुल पेटी का पूरा एक सवारी का किराया कटेगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने सवारियों के साथ और बिना सवारी के साथ एचआरटीसी की बसों में ढोए जाने वाले सामान के लिए रिवाइज्ड भाड़ा निर्धारित किया है। एचआरटीसी की ओर से रिवाइज्ड भाड़े के मुताबिक सवारी के साथ ऑफिस या डाइनिंग चेयर का एक चौथाई किराया वसूल किया जाएगा। डाइनिंग व ऑफिस टेबल फुल टिकट होगा। पांच सीटर सोफा सेट का डबल टिकट कटेगा। सिंगल बेड बॉक्स का फुल टिकट कटेगा। डबल बेड बॉक्स का डबल टिकट कटेगा, अलमारी का भी डबल टिकट कटेगा। सिलाई मशीन व पंखे का एक चौथाई किराया कटेगा। प्लास्टिक व फोल्डिंग चेयर का एक से तीन कुर्सियों का एक चौथाई किराया कटेगा। छह कुर्सियों का हॉफ टिकट व इससे ज्यादा का फुल टिकट कटेगा। साइकिल का हाफ किराया। बच्चों की ट्रॉली व दिव्यांगों की व्हील चेयर का कोई किराया नहीं लगेगा। दिव्यांग व्यक्ति के बस में न होने पर कुर्सी का एक चौथाई किराया काटा जाएगा। कंप्यूटर, एलईडी, एलसीडी का एक चौथाई किराया कटेगा। सवारी के साथ दो लैपटॉप बिना किराए के ले जा सकते हैं। दो से ज्यादा पर एक चौथाई किराया काटा जाएगा। वहीं, वॉशिंग मशीन का फुल टिकट कटेगा।
-कहा, आपदा से नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव जरूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में कड़ा कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में गृह निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की अनुमति, भूमि के भार वहन करने की क्षमता का पता लगाने के साथ-साथ जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने इसमें लोगों से राज्य सरकार को सहयोग का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आज आपदा से अमूल्य जीवन एवं संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाकर ही आपदा की संभावना तथा इससे होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियां, विषय पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आज यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में इस बार बरसात में भारी बारिश, बादल फटने और बांधों से अत्याधिक पानी छोड़े जाने के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से ही राज्य में बारिश हो रही थी और मानसून में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस आपदा के लिए मानवीय लालसा व असंवेदनशीलता इत्यादि भी कारण रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत नालों इत्यादि से समुचित दूरी पर घर बनाने और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसमें चूक से आपदा में जान-माल के नुकसान की आशंका और भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही की बरसात में राज्य में बादल फटने की बहुत घटनाएं हुई हैं, जिनका व्यापक अध्ययन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी दृष्टिगोचर हो रहा है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इस बार काफी ज्यादा बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने आपदा के दौरान बेहतर काम किया और रिकॉर्ड 48 घंटों के भीतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और टेलीफोन सहित अन्य आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गई। राज्य में किसानों-बागवानों को भी असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखते हुए सेब व अन्य नकदी फसलों को समय पर मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में बेहतर प्रयासों के लिए अधिकारियों सहित सभी लोगों की पीठ भी थपथपाई।
पांगी में पहली बार भारत में जनजातीय पहचान मुद्दे चुनौतियां और आगे की राह पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन पहली और 2 अक्टूबर को ऑनलाइन और 4 अक्टूबर को ऑफलाइन राजकीय महाविद्यालय किल्लाड़ पांगी में किया गया। इसकी संयोजक डॉ. प्रोमिला देवी प्रभारी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय पांगी हैं। इसमें मुख्य अतिथि आवासीय आयुक्त रितिका जिंदल तो विशिष्ट अतिथि के एसडीएम पांगी रमन घरसंगी व डॉ. राकेश राठौर उपस्थित रहे। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 125 से अधिक प्रस्तुतकर्ताओं ने ऑनलाइन तो 20 से अधिक ऑफलाइन प्रस्तुतियां दी गईं। जिसमें डॉ. मुकेश कुमार, प्रो इंदु दुग्गल, डॉ. भूपेंद्र कुमार, प्रो इंदु ठाकुर, प्रो. दिनेश सिंह, प्रो व्यास, प्रो विजय कुमार, प्रो भूमेश कुमार राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की छात्रा रेखा राणा सहित कई प्रस्तुत कर्ता ने अपनी प्रस्तुती दी। इस सम्मेलन में जनजातीय विकास विभाग हिमाचल प्रदेश शिमला द्वारा वित्त पोषित का सहयोग किया गया। राजकीय महाविद्यालय पांगी की प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि पांगी जैसे दुर्गम क्षेत्र में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में जितने दिन स्कूल बंद रहे, उतने दिन या घंटे तक एक्स्ट्रा कक्षाएं लगानी होंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसे लेकर प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा निदेशक ने सर्कुलर जारी कर सभी डिप्टी डायरेक्टर को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेशों में स्पष्ट कहा गया कि रोजाना एक घंटे एक्स्ट्रा क्लासेज लगाई जाएं। यदि बीच में दो-तीन दिन की छुट्टियां आती हैं तो एक दिन स्कूल खुले रखकर बच्चों को पढ़ाई कराई जाए। इन आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर को एक्स्ट्रा क्लाजेस का टाइम टेबल बाकायदा डिप्टी डायरेक्टर को शेयर करने को बोला गया है। बरसात में महीना भर बंद रहे थे कुछ स्कूल इस बार भारी बारिश के कारण कई जगह शिक्षण संस्थान मानसून सीजन में एक महीने से भी ज्यादा समय तक बंद रखे गए थे। इनमें मंडी, कुल्लू और शिमला जिला के ज्यादातर स्कूल शामिल हैं। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, कोटखाई, कुल्लू के आनी, मंडी व सिरमौर के कई क्षेत्रों में बार-बार स्कूल बंद किए गए हैं।
-मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना औपचारिक रूप से शुरू -मुख्यमंत्री ने पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ के वित्तीय लाभ किए वितरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को व्यापक सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इसके साथ ही हिमाचल अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर यह योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना के पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ का वितरण भी किया। इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 अनाथ बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपये तथा मासिक व्यय के रूप में 11.52 लाख रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 अनाथ बच्चों को 7.02 लाख रुपये फीस तथा 4.08 लाख रुपये मासिक व्यय का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने पालक देखभाल एवं प्रायोजन (फोस्टर केयर) के अन्तर्गत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ हस्तांतरित किए। इसके अतिरिक्त बाल देखभाल संस्थानों के 12वीं कक्षा के 30 मेधावी छात्रों को 10वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तीन लाभार्थियों को छह लाख रुपये का आवंटन भी किया। सरकार अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वे बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है। 27 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह मिलते रहेंगे 4000 रुपये मुुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत नए चिन्हित किए गए लगभग 2700 अनाथ बच्चे, जो कि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के संरक्षण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और इस योजना में मातृत्व देखभाल की आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे के लिए एक परिचारिका का भी प्रावधान किया गया है और प्रत्येक बढ़ते तीन बच्चों के लिए एक मैट्रन का भी प्रावधान है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा, जिस दौरान उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को प्रदत्त यह अधिकार दया के रूप में नहीं अपितु एक कानून बनाकर उन्हें उपलब्ध करवाया गया है। बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि एकाग्रता, दृढ़ इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत सफलता की ओर ले जाती है और यह बच्चे हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह बच्चे जीवन में अकेले नहीं हैं और समस्त समाज उन्हें समाहित करने के लिए आगे आ रहा है। 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 10 हज़ार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोज़गार के लिए प्रेरित हो सकें। 10वीं में बेहतर प्रदर्शन के लिए 30 मेधावी छात्रों को प्रदान किए लैपटॉप सीएम सुक्खू ने इस पहल के द्वितीय चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधवा, एकल नारी और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों सहित विभिन्न वंचित वर्गों को पेंशन और अपंगता राहत भत्ते की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उन्हें आय सीमा में भी छूट प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। आपदा प्रभावितों की मदद को 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मुख्यमंत्री ने लोगों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत नई कल्याणकारी योजनाएं आरंभ करने की भी घोषणा की और संकट के समय बहादुरी के साथ आपदा का सामना करने के लिए प्रदेशवासियों के प्रयासों व जीवट की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित 16500 परिवारों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके अतिरिक्त पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। साथ ही आपदा में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे एवं पक्के मकानों के लिए मुआवज़ा राशि एक लाख रुपये की गई है। सुक्खू ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनाथ बच्चों के साथ दोपहर भोज में भी शामिल हुए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों और सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के महत्त्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन के नए मामले स्वीकृत करने सहित सामाजिक कल्याण की दिशा में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विधवा पुनर्विवाह भत्ता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 995 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 7 बीडीओ यानी खंड विकास अधिकारियों का तबादला किया है। इन अधिकारियों के तबादलों के संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब निशांत शर्मा को हमीरपुर जिला के नादौन विकास खंड के बीडीओ का कार्यभार सौंपा गया है। अभी तक वह शिमला के टूटू विकास खंड में बतौर बीडीओ सेवाएं दे रहे थे। वहीं वर्तमान में बीडीओ बिलासपुर कुलवंत सिंह को बीडीओ भोरंज का कार्यभार सौंपा गया है। मंडी जिला के गोलापुर में बतौर बीडीओ सेवाएं दी रही अस्मिता ठाकुर पोस्टिंग के नए आदेशों तक राज्य हेडक्वार्टर को ज्वाइन करेगी। वहीं बीडीओ कुनिहार विवेक पॉल भी राज्य मुख्यालय में पोस्टिंग के आगामी आदेशों तक सेवाएं देंगे। बीडीओ गगरेट हिमांशी को बीडीओ हमीरपुर लगाया गया है। बीडीओ धर्मशाला ओमपाल को बीडीओ अंब बनाया गया है। इसके अलावा सुशील कुमार को जो वर्तमान में बीडीओ अंब है। वह आगामी आदेशों तक राज्य मुख्यालय को ज्वाइन करेंगे।
-दोनों पर पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ ठगने का आरोप -विधायक होशियार सिंह ने सदन में उठाया था मामला हिमाचल में लोगों से क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी के मामले में एसआईटी ने गुजरात से दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। ये दोनों जिला मंडी के रहने वाले हैं। मामले में जांच के लिए गठित पुलिस अधिकारियों की एसआईटी ने गुजरात पुलिस की मदद से गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मास्टरमाइंड हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को गिरफ्तार किया है। आरोपी हिमाचल में लोगों से ठगी करने के बाद गुजरात में छिपे हुए थे। एसआईटी ने भोजदा गांव के एक फार्म हाउस से दोनों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों ने पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ रुपये की ठगी की थी। गौर रहे कि प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी होने का मामला उठाया था। सरकार के निर्देश पर डीजीपी संजय कुंडू ने क्रिप्टो करंसी घोटाले को लेकर राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी का अध्यक्ष डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर को बनाया गया और इसमें एसपी साइबर क्राइम अध्यक्ष रोहित मालपानी, प्रवीन धीमान एएसपी साइबर क्राइम, मनमोहन सिंह एएसपी साइबर क्राइम मंडी और डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा, डीएसपी पालमपुर लोकेंद्र नेगी व डीएसपी जवाली वीरी सिंह को शामिल किया था। ऐसे फंसाए लोग आरोपियों ने पीड़ितों से वादा किया था कि उनका निवेश दोगुना हो जाएगा। एसआईटी ने करोड़ों की ठगी के आरोपी हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को भोजदा गांव के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर क्रिप्टो करंसी घोटाले के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने फार्म हाउस पर छापा मारकर क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
हिमाचल एकता मंच द्वारा जिला चंबा के पांगी किलाड़ की उन बेटियों व महिलाओं को स्माइल अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। कार्यक्रम के मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर प्रोमिला प्रधानाचार्य महाविद्यालय पांगी, आशा किरण बीडीसी चेयर मैन पांगी, समाज सेवी प्रकाश ठाकुर, सतीश राणा बीडीसी सदस्य, धर्मपाल समाजसेवक, नरेंद्र समाजसेवक, विशेष अतिथि उपस्थित रहे। मंच के चेयरमैन दीप लाल भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल एकता मंच द्वारा 60 महिलाओं व बेटियां को स्माइल अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया। इस तरह का कार्यक्रम पांगी में पहली बार किया गया। सभी ने कार्यक्रम की खूब सराहना की ओर कहा कि मंच आगे भी इसी तरह के कार्यक्रम निरंतर करता रहेगा। इस कार्यक्रम मे मंच के चेयरमैन दीप लाल भारद्वाज, प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा राणा, जिला चंबा अध्यक्ष पुष्प कुमार, ब्लॉक पांगी अध्यक्ष शिव सूर्यवंशी, ब्लॉक भरमौर अध्यक्ष योग राज सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
-परिवारजनों से भेंट कर व्यक्त की शोक संवेदनाएं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज चंबा के विधायक नीरज नैय्यर के निवास स्थल पर उनकी स्वर्गीय माता चंचल नैय्यर की रस्म क्रिया में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नीरज नैय्यर के शोकाकुल परिवारजनों से भेंट कर शोक संवेदनाएं व्यक्त की और उन्हें सांत्वना प्रदान की। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक-संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय चंचल नैय्यर एक मिलनसार महिला थीं। समाज सेवा में दिए गए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक यादविंदर गोमा, संजय रतन, पूर्व मंत्री आशा कुमारी, महासचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी धर्म सिंह पठानिया और अमित भरमौरी, कार्यकारी जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कमल ठाकुर, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव सहित जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही हैं। ई-के.वाई.सी. के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया में आम जनता का विभाग को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गत दिनों में हुई भारी वर्षा व आधार से सम्बन्धित तकनीकी समस्याओं के मद्देजर विभाग द्वारा आधार संख्या पंजीकृत व ई-के.वाई.सी. करवाने की तिथि 30 सितंबर तक बढ़ाई गई थी, परंतु अभी भी कुछ उपभोक्ताओं द्वारा किसी कारणवश उनके राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या को पंजीकृत नहीं किया जा सका है। ऐसे उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-के.वाई.सी. अपडेट करने की तिथि को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया गया है। इसलिए उपभोक्ताओं से आग्रह है कि अपनी नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया निर्धारित तिथि से पहले करवाएं। यदि कोई अपना आधार 31 अक्तूबर, 2023 तक जमा नहीं करवाता है तो उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार उपलब्ध करवाने के बाद ही राशन कार्ड को फिर से शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त लाभार्थी विभाग से नवीनतम, सक्रिय मोबाईल नम्बर साझा कर खाद्यान्नों संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट एवं पारदर्शिता पोर्टल http://epds.co.in पर राशन कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
-डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की होंगे अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के मामलों की जांच डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता वाली एसआईटी करेगी। जांच कमेटी में सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों में काम कर चुके निपुण अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान देहरा से विधायक होशियार सिंह के सवाल पर यह एलान किया। मुकेश ने कहा कि बहुत जल्दी पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोग इस तरह के झांसे में आ रहे हैं। उधर, विधायक ने धोखा करने वाली कंपनियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया। कहा कि देहरा क्षेत्र में ही दस करोड़ से अधिक की ठगी हो चुकी है। गरीब लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने सदन में 425 लोगों की सूची रखी, जिन्होंने यह धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए। 200 करोड़ का घोटाला हमीरपुर में, 250 करोड़ का कांगड़ा, 100 करोड़ का ऊना में हुआ है। आरोप लगाया कि राजनीतिक संरक्षण से यह ठगी की जा रही है। उन्होंने कुछ कंपनियों के नाम भी बताए। उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। उन्होंने अपने विस क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि फ्रॉड करने वाले ये लोग राजनीतिज्ञों के साथ देखे जाते हैं। अभी तक 6 एफआईआर, 56 शिकायतें जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामले पूरे प्रदेश में आए हैं। अभी तक 6 एफआईआर पुलिस ने दर्ज की हैं। 56 शिकायतें पुलिस के पास आई हैं। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। कहा कि राजनीतिक संरक्षण वाले आरोप की उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय हुई है। व्यवस्था परिवर्तन करते हुए कांग्रेस सरकार ने इस वर्ष शराब ठेकों का नवीनीकरण करने की जगह नीलामी से आवंटन किया। नीलामी से इस वित्त वर्ष में कुल 1815 करोड़ रुपये की आय होगी। अगस्त 2023 तक 1301 करोड़ रुपये सरकारी कोष में जमा भी हो गए हैं। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में शराब के ठेकों का आवंटन नवीनीकरण के माध्यम से किया गया। 2022-23 में 1296.94 करोड़ रुपये में ठेकों का नवीनीकरण हुआ था। इस साल सरकार ने ऑक्शन कम टेंडर के आधार पर नीलामी का निर्णय लिया। सरकार के इस पारदर्शी कदम से 39.97 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। ठेकों की नीलामी से पिछले वर्ष के मुकाबले 518.41 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
-कहा, हर चीज के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावितों को दोहरे जोखिम दे रही सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय कर रही है, आए दिन जनविरोधी फैसले ले रही है। सत्ता में आते ही डीज़ल पर टैक्स बढ़ा दिए। बिजली-पानी के शुल्क बढ़ा दिए। आज दस गुना स्टांप ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की तानाशाही से जनविरोधी फैसले जनता पर नहीं लाद सकती है। सरकार ने राजस्व के विभिन्न कार्यों में जहां सौ रुपये का स्टाम्प लगता था। उस जगह पर अब एक हज़ार जा स्टांप लगाने जा रही है। एक साथ दस गुना बढ़ोतरी आज तक प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। नेता प्रतिपक्ष ने का कहा कि इस अधिनियम का विरोध करते हुए बीजेपी के विधायकों ने सदन से 'वॉकआउटÓ किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोगों को सुविधा देने के नाम पर कांग्रेस प्रदेश के लोगों से झूठ बोला। सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश के लोगों को दुख देने वाले काम शुरू कर दिये। चुनाव के पहले दस गारंटी का वादा करने वाली कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और लोगों के ऊपर टैक्स पर टैक्स लगाए जा रही है। आपदा के समय में भी इस तरह की जनविरोधी गतिविधि सरकार कर सकती है। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश आपदा से गुजर रहा है लेकिन सरकार आए दिन किसी न किसी प्रकार के आर्थिक बोझ से प्रदेश के लोगों को परेशान कर रही है। आपदा से उबरने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता है उन्हें महंगा कर रही है। लोगों के घर टूटे हैं, जिन्हें बनाने में सीमेंट, रेता स्टील की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिये। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली महंगी कर दी। इससे स्टील और अन्य महत्वपूर्ण चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। डीज़ल के दाम बढ़ा दिये, जिससे आम जन-जीवन में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजों के दामों पर असर पड़ा। आपदा के समय में इस तरह का बर्ताव कभी किसी सरकार ने नहीं किया। सरकार को इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला स्टील सिटी बन गई है। पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के मूल सवाल और राजेश धर्माणी व हरीश जनारथा के सप्लीमेट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधायक निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायतें करते हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। नॉन टेक्निकल लोगों ने दी टेक्निकल काम की मंजूरी विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी बड़ा रोल है।
-सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे सुक्खू सरकार पर जनता को नहीं रहा भरोसा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि जिन्होंने अपनी जान को ख़तरे में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा की, आज छह महीनें से उनका वेतन नहीं दिया गया हैं। इस महीने उन सबकी सेवा ख़त्म करने का नोटिस दे दिया गया है। सरकार हर मुद्दे पर झूठ बोल रही है। सदन में भी सही जवाब नहीं दे रही है। आज हर दिन विधान सभा के बाहर लोग अपनी मांगें लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सब सही है, लेकिन सब सही नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह से फेल हैं। जनहित के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे हैं कि सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दस महीनें में ही लोग सड़कों पर आ गये हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। दस महीनें में ही प्रदेश के लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर आ गये हैं क्योंकि सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। आज भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी परीक्षा के परिणाम नहीं जारी किए जा रहे हैं। युवा आये दिन परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक सिर्फ आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब हमें मौक़ा मिला तो हमने प्रदेश में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित, किसी कारण से अशक्त हुए लोगों के लिए सहारा योजना लाई। उसके तहत तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही थी। जिससे ऐसे लोगों की मदद हो जाए। अब मुझे उन लोगों के फ़ोन आते हैं कि पेंशन नहीं मिल रही है। यह गलत परंपरा हैं। ऐसी व्यवस्थाएं सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह समाज में जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई गई योजना है।
मणिमहेश की डल झील में शाही स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भरमौर पहुंच गए हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा के शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज दोपहर 1:36 बजे शुरू होगा और कल दोपहर 12:18 मिनट तक चलेगा। पिछले 24 घंटे के दौरान जिस तरह के हालात भरमौर में वाहनों के अधिक संख्या में पहुंचने से बने हैं, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि शाही स्नान के शुभ मुहूर्त में आज व कल 60 से 70 हजार लोग डुबकी लगा सकते हैं। 23 घंटे 18 मिनट तक रहेगा स्नान का शुभ मुहूर्त राधा अष्टमी पर शाही स्नान का शुभ मुहूर्त 23 घंटे 18 मिनट तक चलेगा। छह सितंबर से शुरू हो रही यात्रा कल पूरी हो रही है। अब तक दो लाख लोग डल झील में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जो बीते सालों की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत कम हैं।
-आज चौरासी मंदिर भरमौर से डल झील के लिए हुए रवाना -डल को तोड़ने के बाद होगा राधा अष्टमी का शाही स्नान उत्तरी भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में डल झील तोड़ने की परंपरा को निभाने के लिए संचूई के शिव गूर आज चौरासी मंदिर भरमौर से मणिमहेश डल झील के लिए रवाना हो गए। प्राचीन शिव मंदिर भरमौर में माथा टेकने के बाद चेलों ने मणिमहेश डल झील का रुख किया। 2 दिन शिव चेलों ने चौरासी में यात्रियों को यात्रा पर जाने की अनुमति दी। कल 1 बजे के बाद डल झील को तोड़ने की परंपरा निभाई जाएगी। डल झील को तोड़ने के बाद ही राधा अष्टमी के शाही स्नान की शुरुआत होगी। पुरानी मान्यताओं के अनुसार डल झील को पार करने की परंपरा का निर्वहन सप्तमी के दिन होता है, जिसे राधा अष्टमी का स्नान कहा जाता है। सदियों से निभाई जा रही इस परंपरा का निर्वहन भरमौर के संचूई गांव के त्रिलोचन महादेव के वंशजों द्वारा किया जाता है जो मणिमहेश यात्रा के प्रमुख भागीदारों में से एक हैं।
पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद से केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार पर ऋण लेने पर पाबंदियां लगा दी हैं। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कही। उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार को बीते 5 साल में विभिन्न एजेंसियों से 10,000 करोड़ का ऋण मिला। अब पाबंदियां लगने से वर्तमान सरकार को 3 साल में 2,944 करोड़ रुपये का ही ऋण लेने का सीमित कर दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से शिवधाम मंडी और कन्वेंशनल सेंटर धर्मशाला को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति का पत्र देने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दौरे करने से कई जानकारियां मिल रही हैं। जिस स्वीकृति की बात जयराम ठाकुर करते हैं, वो कहां है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव वर्ष 2018 से कागजों में ही चल रहा है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक से इस प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं मिली है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मिलने वाले ऋण की सीमा को कम कर दिया है। केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने ऋण सीमा पर पाबंदी लगाई है। विश्व बैंक, जायका, जापान के बैंक सहित अन्य एजेंसियों से मिलने वाले ऋण भी इसमें आते हैं। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद से यह पाबंदियां लगी हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर के मैंझा में मैरिज डेस्टिनेशन बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 100 कनाल भूमि पर करीब 40 करोड़ की राशि से मैरिज डेस्टिनेशन बनाया जाना है। यह बनने से क्षेत्र में मैदान की कमी हो जाएगी। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंझा की जगह इसे पालमपुर या सुलह के किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को विधायक परमार के साथ बैठकर हल कर लिया जाएगा।
-केंद्र से 12,000 करोड़ की विशेष मदद मांगी -वोटिंग के वक्त विपक्ष रहा मौन हिमाचल विधानसभा में बुधवार देर शाम राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पास हो गया। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने थ्रू-वायस वोट इस प्रस्ताव को सदन में पास कराया। इस दौरान विपक्ष ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकारी संकल्प का न समर्थन किया और न विरोध। सत्तापक्ष के विधायकों ने हां में हां भरी। स्पीकर ने प्रस्ताव पारित होते ही सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। अब यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव पर तीन दिल चली चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए केंद्र से 12000 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा तबाही का मंजर पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में 441 लोगों की जान गई और 39 लोग अभी भी लापता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से 12 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। 16658 पशुओं की मौत, 2621 घर पूरी तरह नष्ट, 12 हजार से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान, 318 दुकानें, 238 झोपडिय़ां, 540 घराट और 5917 गौशालाएं तबाह हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग, पंडोह, पार्वती-2 डैम प्रबंधन को बिना सूचना पानी छोडऩे पर नोटिस जारी किए गए, क्योंकि इससे डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ है। सभी बांध प्रबंधन को पानी छोडऩे से पहले अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से सरकार करुणामूलक नौकरियां देगी। मंगलवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक केएल ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस मामले पर कुछ काम नहीं किया। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी के साथ दो बार चर्चा हो चुकी है। जल्द कार्य योजना सामने लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने करुणामूलक आधार की नौकरियों के सरकारी विभागों में 1,766 और निगमों-बोर्डों में 734 आवेदन रिजेक्ट किए। सिर्फ 25 फीसदी को ही नौकरियां दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल में करुणामूलक नौकरियों के लिए सरकारी विभागों में 4,099 और निगम-बोर्डों में 2,971 आवेदन आए। इस मामले पर गंभीरता से सोचना होगा। उधर, मुख्यमंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आधार पर सबसे अधिक नौकरियां पूर्व सरकार ने दी हैं। भाजपा सरकार ने नौकरियां देने के लिए नियम बदले। पहले 50 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को नौकरी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने प्रावधान किया कि अगर सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी मृत्यु होती है तो करुणामूलक नौकरी दी जाएगी। जयराम ने कहा कि आयु की शर्त में भी भाजपा सरकार ने छूट दी। विधायक केएल ठाकुर ने पूछा था कि करुणामूलक आधार की नौकरियां कब तक दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां चंबा विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज नैय्यर की माता चंचल नैय्यर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका आज प्रात: चंडीगढ़ में निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वंचित वर्गों के कल्याण के लिए उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
-दशनाम अखाड़ा के महंत यतिंद्र गिरि ने की अगवाई -कल हड़सर के लिए रवाना होगी, 22 को डल पहुंचेगा जत्था राधाष्टमी के शाही स्नान के लिए दशनाम छड़ी यात्रा मंगलवार को चौरासी परिसर भरमौर पहुंची। छड़ी यात्रा की अगवाई दशनाम अखाड़ा के महंत यतिंद्र गिरि ने की। शनिवार शाम को दशनाम अखाड़ा परिसर से आरंभ हुई छड़ी यात्रा लक्ष्मीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद शहर के विभिन्न हिस्सों से चंबा, मैहला, राख, धरवाला, खड़ामुख, प्रथम कैलाश दर्शन लाहल से गुजरती हुई भरमौर पहुंची। 63 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को तय करके 4 दिन के बाद मंगलवार को राधाष्टमी के शाही स्नान के लिए दशनाम छड़ी यात्रा भरमौर के चौरासी मंदिर परिसर पहुंची है। भरमौर पहुंचने पर शिव भक्तों व स्थानीय लोगों ने बैंड-बाजों के साथ छड़ी का स्वागत किया, जिसके बाद छड़ी के साथ आए साधु-संतों ने छड़ी के साथ चौरासी स्थित अखाड़ा में डेरा जमा लिया है। बुधवार सुबह दशनाम छड़ी भरमौर से हड़सर के लिए रवाना होगी, जिसके बाद विभिन्न पड़ावों से होते हुए छड़ी यात्रा 22 दिसंबर को डल झील पहुंच कर राधा अष्टमी का पवित्र स्नान करेगी। बता दें कि १६ सितंबर को छड़ी यात्रा दशनाम अखाड़ा चंबा से रवाना हुई थी, जिसके बाद विभिन्न पड़ावों से होते हुए आज भरमौर पहुंची है।
-दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ हिमाचल प्रदेश में तीनों बड़ी कंपनियों ने सीमेंट के दाम 10 रुपये प्रति बैग बढ़ा दिए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश में अल्ट्राटेक, अंबुजा और एसीसी सीमेंट कंपनी ने दामों में बढ़ोतरी की है। वहीं सूत्रों के अनुसार आगामी कुछ दिनों में सीमेंट के दामों में पांच रुपये और बढ़ोतरी होने की संभावना है। एसीसी सीमेंट का दाम 430 रुपये से बढ़कर 440 रुपये हो गया है। जबकि एसीसी गोल्ड के दाम 470 से 480 रुपये हो गए हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट के दामों में भी 10 रुपये बढ़ोतरी हुई है। अल्ट्राटेक सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़कर 440 रुपये प्रति बैग हो गए हैं। अंबुजा सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़ाकर 440 रुपये प्रति बैग किए गए हैं। प्रदेश में सभी सीमेंट कंपनियों की ओर से एक साथ दामों में बढ़ोतरी की है। बढ़े दाम बीती रात 12 बजे से लागू कर दिए गए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से निर्माणाधीन मकानों के मालिकों का बजट बिगड़ गया है। एसीसी सीमेंट के विक्रेता किशन लाल एंड सन्स के मालिक पवन बरूर और सत्या प्रकाश एंड कंपनी के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि सीमेंट के दामों में 10 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है।
एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि भारी बारिश के चलते श्री मणिमहेश यात्रा कर रहे यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी तौर पर हडसर से आगे यात्रा करने के लिए रोका गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के चलते एडवाइजरी जारी की गई है कि जो श्रद्धालु अभी जिस स्थान पर हंै, वे उसी स्थान पर रुके रहें व आगे यात्रा करने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि बीते कल से बारिश का दौर जारी है, जिस कारण यात्रियों से आग्रह है कि बारिश के रुकने तक यात्रा करने से परहेज करें।
मुख्यमंत्री ने किया एचपीएसईबीएल के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां अभियंता दिवस के अवसर पर शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को अब अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा, बल्कि वे घर बैठे ही आसानी से बिलों का भुगतान कर सकेंगे। इसके अलावा लोग अब नए बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन की प्रगति की भी निगरानी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पोर्टल पर एचपीएसईबीएल द्वारा दी जाने वाली नाम परिवर्तन और लोड समायोजन आदि विभिन्न सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य बिजली बोर्ड में कागज रहित कार्य संस्कृति की शुरुआत करना है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित होंगी और सेवाओं में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कुशल और सुलभ सेवाएं प्राप्त होंगी। इसके अलावा पोर्टल पर ऊर्जा उत्पादन डेटा उपलब्ध होगा और यह उपभोक्ताओं को कार्यालय में आए बिना आईपीपी द्वारा ऑनलाइन चालान जमा करने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में अभियंताओं के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में भारी वर्षा के कारण आई आपदा ने राज्य के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इसके वाबजूद प्रदेश के विभिन्न विभागों के इंजीनियरों के समर्पित प्रयासों से सरकार ने 48 घंटे की अल्पावधि में आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल की। इस आपदा के कारण प्रदेश में सड़क, बिजली और जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं और अभी तक हुए कुल नुकसान का आकलन 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। डिजिटलीकरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभाग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ उनके घर-द्वार पर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभियंताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से जलवायु परिवर्तन को एक सामूहिक जिम्मेदारी मान कर इससे निपटने में पूर्ण सहयोग देने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, एचपीएसईबीएल के निदेशक डॉ. अमित कुमार शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
- एसएमसी शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी -अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय भी 2000 रुपये बढ़ा -मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों, निगमों के तहत विभिन्न समूह-सी पदों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने विभाग को मजबूत करने के लिए पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का निर्णय लिया, जिसमें 877 पुरुष कांस्टेबल, 292 महिला कांस्टेबल और 57 कांस्टेबल ड्राइवर शामिल हैं। कैबिनेट ने एसएमसी शिक्षकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया गया। 1 अप्रैल, 2023 से 2000 प्रति माह जिससे 2115 व्यक्तियों को लाभ होगा। इसके अलावा, शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 3900 से रुपये 1 अप्रैल, 2023 से 4400 प्रति माह, जिससे 283 व्यक्ति लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल ने अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उद्योग विभाग में खनन निरीक्षक के 12 पद, सहायक खनन निरीक्षक के 24 पद और खनन गार्ड के 38 पद भरने का भी निर्णय लिया। बागवानी विभाग में बागवानी विस्तार अधिकारियों के 50 पद भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी सहायक के 10 पद भरने को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी दी और रुपये आवंटित करने का फैसला किया। योजना के तहत 40 करोड़ रु. यह योजना छोटे उद्यमियों और कौशल आधारित श्रमिकों जैसे मोची, दर्जी, नाई, मोबाइल रिपेयरिंग विक्रेता, सब्जी और फल विक्रेता आदि को अपने व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करने के बेहतर अवसर प्रदान करेगी। राजस्व न्यायालय के मामलों के विलंबित निर्णयों के मुद्दे को संबोधित करने और विभाजन, सुधार, उत्परिवर्तन, अपील जैसे विभिन्न राजस्व कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने का निर्णय लिया गया। और जनता की सुविधा के लिए सीमांकन आदि। लंबित मूल्यांकन मामलों और बकाया जो मुकदमेबाजी के अधीन थे या अभी तक जीएसटी के तहत मूल्यांकन नहीं किया गया था, को निपटाने के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 के तीसरे चरण को शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राजस्व के अनुकूलन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 से एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और ऊर्जा निदेशालय के संबंध में व्यापारिक रणनीतियों और बिजली के लेनदेन के समन्वय के लिए एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया। इसने जलवायु, स्थलाकृतिक और अन्य संबंधित कारणों से मंदी की अवधि के दौरान ऊर्जा की कमी का प्रबंधन करने के लिए स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति, 2021 में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। नए प्रावधान छत आधारित सौर परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करेंगे और बिजली उत्पादन में योगदान देंगे।
- बैठक में सिरमौर के युवा नेता व जिला चंबा के प्रभारी ओपी ठाकुर ने लिया भाग - कहा, संगठन की मजबूती के लिए पूरी निष्ठा के साथ करूंगा काम जिला सिरमौर युवा कांग्रेस नेता, प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव व जिला चंबा के प्रभारी ओपी ठाकुर ने किल्लाड़ गांव में आयोजित युवा कांग्रेस की बैठक में भाग लिया। बता दें कि किल्लाड़ गांव प्रदेश के सबसे दुर्गम जनजातीय क्षेत्र भरमौर विधानसभा क्षेत्र के पांगी क्षेत्र में पड़ता है। उन्होंने इस बैठक में प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष निगम भंडारी के साथ संगठन की मजबूती को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की। ओपी ठाकुर को हिमाचल युवा कांग्रेस द्वारा जिला चंबा का प्रभारी बनाया गया है और पिछले 3 दिनों से प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी के साथ ओपी ठाकुर बतौर जिला प्रभारी चंबा के दौरे पर हैं। ओपी ठाकुर ने बताया कि 3 दिनों में जिला चंबा में चंबा, भारमौर, चुराह व पांगी ब्लॉक युवा कांग्रेस की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बतौर जिला प्रभारी उन्हें जिला चंबा की जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाया जाएगा तथा संगठन की मजबूती के लिए कार्य किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नामित आरोपी नितिन आजाद की जमानत रद्द कर दी है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने अपने निर्णय में कहा कि नितिन गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जमानत मिलने के बाद याचिकाकर्ता कानूनी परिणामों से बचने के लिए फरार हो सकता है। अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने अभी तक मामले की जांच पूरी नहीं की है। एजेंसी का शक है कि वह किसी अन्य समानांतर मामले में संलिप्त हो सकता है। आरोपी नितिन के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7ए, 8, 12 और 13(1)(ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज है। अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत की गई कि संजीव कुमार उर्फ संजय ने उसे जेओए (आईटी), पोस्ट कोड संख्या 965 की परीक्षा के पेपर चार लाख रुपये में बेचने की बात कही थी। उसके बाद शिकायतकर्ता ने संजीव कुमार उर्फ संजय की बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी। उसके बाद प्रश्नपत्र के लिए कीमत पर ढाई लाख रुपये में सौदेबाजी की गई। प्रश्नपत्र के लिए संजीव कुमार ने शिकायतकर्ता का परिचय निखिल नाम के व्यक्ति से करवाया। इसके बाद संजीव कुमार और निखिल ने प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने की पेशकश की। मामले की आगामी जांच में नितिन आरोपी पाया गया और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। इससे पहले अप्रैल में भी आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन की जानकारी दें सरकार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नियमानुसार प्लास्टिक अपशिष्ट का निष्पादन न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार से शपथपत्र के माध्यम से प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी तलब की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 में इसके निष्पादन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। मामले की सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 के तहत सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीकृत उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड-मालिकों की संख्या अदालत के समक्ष स्पष्ट रूप से बताई जाए। इसके अलावा प्लास्टिक अपशिष्ट के निष्पादन के लिए चिन्हित स्थानों की जानकारी भी तलब की गई है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश ठोस कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 में उन व्यक्तियों या प्राधिकरणों की संख्या भी तलब की है, जिनके विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत जुर्माना लगाया हो। इसके अतिरिक्त अदालत ने प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों का निरीक्षण की रिपोर्ट दायर करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अदालती आदेशों के बावजूद भी कचरे का निस्तारण नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। बता दें कि अदालत के समक्ष हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों से अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट स्थापित करने के लिए स्थल विवाद और अनुपचारित सीवरेज और ठोस अपशिष्ट की रिहाई से जुड़ी याचिकाएं दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और इसके कार्यान्वयन पर अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश 59 शहरी समूह के साथ भारत का सबसे अच्छा शहरीकृत राज्य है। लेकिन, कचरे की कम मात्रा भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। हिमाचल में 29 नगर परिषद और 5 नगर निगम है। कहीं भी कचरे का नियमानुसार निष्पादन नहीं किया जा रहा है।
-परिवार सहित सड़कों पर उतरने की भी दी चेतावनी प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा बोले- 2555 एसएमसी शिक्षक स्कूलों में दे रहे सेवाएं -सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार यदि 30 सितंबर 2023 तक एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी नहीं बनाती है तो 2 अक्तूूबर से प्रदेश में सत्याग्रह किया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों ने प्रदेश सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे परिवारों के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। बता दें कि प्रदेश में 2555 एसएमसी शिक्षक मौजूदा समय में कार्यरत हैं और अपने लिए सरकार से पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं। शिमला में एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा आज पत्रकार वार्ता को संबोधित किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा शिक्षा सचिव को एसएमसी अध्यापकों द्वारा नियमित करने के संदर्भ में अल्टीमेटम दिया गया है। संघ ने कहा कि 2555 एसएमसी अध्यापक 2012 से निरंतर प्रदेश के विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार द्वारा कोई भी नीति न बनने के कारण अभी तक शोषण के शिकार हो रहे हैं, जबकि अन्य सभी अस्थाई अध्यापक पीटीए, पैट, पैरा व उर्दू पंजाबी पीरियड आधार तथा तकनीकी शिक्षा में पीरियड आधार शिक्षकों को कम अंतराल में ही नियमित किया जा चुका है। एसएमसी अध्यापक बहुत ही कम वेतन में शिक्षा विभाग में सभी कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और प्रदेश के सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे चल रहे हैं। एसएमसी अध्यापकों द्वारा शिक्षा विभाग को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि 30 सितंबर तक एसएमसी अध्यापकों को नियमित नीति में लाया जाए, अन्यथा 2 अक्तूबर से ही एसएमसी अध्यापक मजबूरन अपने परिवार और बच्चों सहित सत्याग्रह, धरना-प्रदर्शन पैन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस संदर्भ में एसएमसी अध्यापकों ने विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार ने हमें गंभीरता से सुना और सरकार हमें नियमित करेगी। मुख्यमंत्री ने भी हमें आश्वासन दिया है कि एसएमसी अध्यापकों को सितंबर माह तक नियमित किया जाएगा। इस मौके पर अध्यक्ष सुनील शर्मा, उपाध्यक्ष निर्मल ठाकुर, महासचिव बेला राम वर्मा,सचिव वेद प्रकाश ठाकुर, और सुरेश चौहान उपस्थित रहे।
योजना के तहत संचूई में रोपे देवदार और चील के पौधे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की बेटियों को सम्मान देने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से भरमौर की ग्राम पंचायत संचूई के गांव संचूई में 'एक बूटा बेटी के नाम योजना' के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत संचूई के युवा प्रधान संजीव ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस कड़ी में विभाग के द्वारा बेहतर कार्य कर 'एक बूटा बेटी के नाम योजना' को अमलीजामा पहनाया गया। इस योजना के तहत संचूई गांव में देवदार व अन्य फलदार किस्मों के पौधे रौपे गए। इस मौके पर ग्राम पंचायत संचूई के युवा प्रधान संजीव ठाकुर ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की दिशा में बेहतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आमंत्रित करने पर उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारी सुभाष दियोलिया, आंगनवाड़ी कर्मचारियों सहित पंचायत की महिलाओं, बच्चियों का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अब बेटियों को बचाने के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करने का अभियान एक बूटा बेटी के नाम योजना के साथ शुरू की है। यह बच्चियों की सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने का एक प्रयास है। यह मुहिम लिंगानुपात में सुधार के साथ-साथ प्राकृतिक असंतुलन ठीक करने में सहायक है।
कहा- प्रदेश सरकार अदा करेगी आवास का किराया मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने योजनाओं व विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण घर क्षतिग्रस्त होने से जो लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें प्रदेश सरकार किराए पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाएगी। मकान का किराया प्रदेश सरकार अदा करेगी। इसके दृष्टिगत दो व तीन कमरों के सेट किराए पर लेने का प्रावधान किया जाएगा। इस संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर निगम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। उन्होंने शिमला में विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों व गिरे हुए डंगों के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र से कृत्रिम मेधा (एआई) के पाठ्यक्रम आरम्भ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में भविष्य की चुनौतियों के आधार पर एआई पाठ्यक्रम आरम्भ करना समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हेलीपोर्टस के निर्माण कार्य की प्रक्रिया की प्रगति की हर सप्ताह समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कटहल की खेती की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को कटहल की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन व समयादेश (अपॉइंटमेंट) के लिए प्रभावी ऑन-लाईन प्रणाली विकसित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा, भरत खेड़ा, आरडी. नजीम, देवेश कुमार, डॉ. अमनदीप गर्ग और विभिन्न सचिव उपस्थित थे।
सीएम ने जी-20 सम्मेलन के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज में लिया भाग मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उनके समक्ष प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में भारी बारिश के कारण आई आपदा से हुए नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और उनसे प्रदेश में हुई त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदाÓ घोषित करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि गत दो महीनों में भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण प्रदेश में 400 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है और 13 हजार से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है, जिस कारण हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि इस आपदा से उबरने के लिए प्रदेश को केंद्र की ओर से आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है। आपदा के कारण प्रदेश में हुए अभूतपूर्व नुकसान के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भुज और केदारनाथ मेें आई आपदा की तर्ज पर हिमाचल को भी विशेष राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा उठाए गए प्रदेश हित के मद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि प्रदेश की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित अन्य देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, 19 आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-सौरभ वैद और दरशोक ठाकुर को चुना वरिष्ठ उपाध्यक्ष - प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए चुनाव प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के चुनाव आज प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए। चुनाव प्रक्रिया में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एसएस जोगटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। चुनाव प्रभारी लाल सिंह चावला तथा सह प्रभारी हेम सिंह ठाकुर की देखरेख में संपन्न हुए। चुनाव में सभी 12 जिलों के अध्यक्षों तथा उनके प्रतिनिधि और 90 विभिन्न कर्मचारी संगठनों केअध्यक्ष-महासचिव व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभागार में लगभग 1100 कर्मचारी उपस्थित रहे। चुनाव में प्रदीप ठाकुर को सर्वसम्मति से प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुना गया। चुनाव में सौरभ वैद जिला कांगड़ा तथा दरशोक ठाकुर जिला हमीरपुर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। महासचिव भरत शर्मा जिला शिमला तथा कोषाध्यक्ष इंद्रजत शर्मा जिला सिरमौर से चुने गए। शमशेर ठाकुर मुख्य सलाहकार, कुशल शर्मा मुख्य प्रवक्ता, एम आर वर्मा मुख्य संरक्षक, पंकज शर्मा मीडिया प्रभारी, सुनील तोमर उपाध्यक्ष, नसीब सिंह, सोनम, मोहनलाल कश्यप, हंसराज उपाध्यक्ष रजनीश प्रवक्ता, अंकुर सचिव, ईश्वर उपाध्यक्ष, प्रवेश, हितेश शर्मा सचिव, कश्मीर सचिव, विनोद सलाहकार, नवीन रविकांत सोलन उपाध्यक्ष, मराठा सलाहकार, देव नेगी कार्यालय सचिव, नित्यानंद, रामेश्वर, कंवर सिंह ठाकुर, सुनीता मेहता उपाध्यक्ष, संजय कुमार, रजनीश, कमल शर्मा, सुरेश कुमार, जीवन गौतम, सरवन, पूजा सेन, भावना ठाकुर इत्यादि को राज्य कार्यकारिणी में चुना गया। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने उन्हें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुनने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त कार्यकारिणी कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान हेतु प्रयास करेगी, जिसके लिए आज शाम को ही कार्यकारिणी की बैठक कर रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने प्रदेश भर से पहुंचे सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सभी समस्याओं को उनके समक्ष रखा जाएगा। उनसे जल्द संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक हेतु भी आग्रह किया जाएगा, ताकि संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कर्मचारियों के सभी समस्याओं का निपटारा हो सके।
बिलासपुर जिले के लुहणु मैदान में चल रही अग्निवीर सेना भर्ती रैली में हजारों की संख्या में युवा भारतीय सेना में शामिल होने के लिए भाग ले रहे हैं। जिला ऊना के गांव नलवाड़ी तहसील बंगाना के जुड़वा भाई सौरव कुमार और गौरव कुमार जो हमीरपुर में हुई रैली में सफल नहीं हो पाए थे, लुहणु मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया। आश्चर्यजनक बात यह है कि दोनों जुड़वा भाई एक साथ सभी पायदानों को पार करते हुए सेना के लिए चुने गए हैं। विगत रैली की असफलता से सबक लेकर दोनों भाइयों ने कठोर परिश्रम के साथ सभी बाधाओं को पार करने की मन में ठानी। माता-पिता के आशीर्वाद तथा विभिन्न लोगों से प्रेरणा प्राप्त कर इस रैली में सफल हुए इन दोनों भाइयों का कहना है कि सेना भर्ती रैली में परिश्रम के माध्यम से ही स्थान पाया जा सकता है। सौरव और गौरव का कहना है कि रैली से पूर्व सी टेस्ट की सुविधा होने से छंटनी हो कर अभ्यर्थी शारीरिक क्षमता के विभिन्न आयोजनों में भाग लेता है। इससे दौड़ने में अधिक भीड़ न होने से अभ्यर्थी द्वाराअपनी क्षमता को बेहतर रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सेना का आभार व्यक्त किया। दोनों भाईयों ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट मुकाम प्राप्त किया है बावजूद इसके अन्य विकल्पों के होते हुए भी उन्होंने सेना में भर्ती होकर देश सेवा को सबसे बेहतर विकल्प के रूप में चुना। इनके पिता बलवंत सिंह का कहना है कि उन्होंने इन दोनों बेटों को सेना के लिए समर्पित किया है यद्यपि एक और बेटा है जो मानसिक दिव्यांग है। उन्होंने अग्नि वीर सैन्य भर्ती के प्रति अपनी पूरी आस्था जताते हुए बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर की। ऐसे ही जिला हमीरपुर के काकडियार के जुड़वा भाई अखिल राठौर और निखिल राठोर भी इस रैली में अपने बचपन के सपने को साकार करने में सक्षम हुए हैं। बड़े भाई व बहुत से परिवार जन भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं यही जज्बा अखिल और निखिल के मन में भी भरा हुआ था यह दोनों भाई बताते हैं कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें जहां परिवारजनों से प्रेरणा मिली वही गांव के कुछ लोग भी मार्गदर्शक बने। यह फौज में अपने सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए आतुर है। अखिल और निखिल कहते हैं कि आज बहुत से युवा भारतीय सेवा का अंग प्रत्यंग बन देश की सेवा के लिए तत्पर है युवाओं में इसके लिए होड़ लगी है। जिला ऊना के हरोली क्षेत्र से संबंध रखने वाले मनीष कुमार ने जमा दो की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की परिवार तथा स्वयं के समक्ष जीवन यापन के लिए अनेक विकल्पों में से इन्होंने सेना में जाकर देश के प्रति अपने कर्तव्य के निर्वहन को ही सबसे उचित समझा। मनीष कुमार का कहना है कि अग्नि वीर सैनिक में यदि योग्यता और समर्थ है तो वह सेना में लंबे समय के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता है। गौरतलब है कि लुहणु मैदान में आयोजित अग्नि वीर भर्ती रैली में बहुत से ऐसे युवाओं ने भाग लिया जो न केवल शैक्षणिक योग्यता में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किए हुए थे, अपितु अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग या किसी और विषय में भी महारत रखते थे, किंतु इन्होंने उन सब को दरकिनार कर भारतीय सेना का सिपाही बन देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का लक्ष्य ही चुना।
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में निजी शिक्षण संस्थान फर्जी दावे करते रहे और शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दावों को सत्यापित करते रहे। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है। ईडी की ओर से गिरफ्तार चार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है। मामले में हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति का बजट जारी हुआ है। इन आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 के प्रावधानों के कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आरोपियों की संपत्ति, बैंक खाते से लेनदेन, कैसे छात्रवृत्ति को इधर से उधर किया गया, इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान ने फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति घोटाला किया। यह है मामला छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 250 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। इस मामले में सीबीआई और ईडी कई अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
हिमाचल के चंबा जिले में सिढ़कुंड माणी मार्ग पर बीती शाम बोलेरो गाड़ी खाई में गिरने से दादी-पोती समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ड्राइवर सहित आठ लोग घायल हुए हैं। मृतकों की पहचान सानवी (2) पुत्री यशपाल, मीमी देवी पत्नी रमेश और वीना पत्नी रोशन गांव राजपुरा (चंबा) के तौर पर हुई। गाड़ी गिरने की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को भी सूचित किया। इसके बाद राहत व बचाव कार्य शुरू हुआ। देर शाम तक सभी को रेस्क्यू किया गया। बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुए लोग दवाट महादेव मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। सभी आपस में रिश्तेदार हैं। यह हादसा मंदिर से वापस लौटते के बाद टरियू मोड़ के समीप हुआ। एक महिला टांडा की रेफर घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां गंभीर रूप से घायल महिला को टांडा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। अन्य का चंबा में ही उपचार चल रहा है। विधायक नीरज नैयर भी अस्पताल पहुंचे सदर विधायक नीरज नैयर चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायलों का कुशलक्षेम जाना। पुलिस के अनुसार हादसे में दो महिलाओं सहित एक बच्ची की मौत हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस हादसे में ये लोग हुए घायल घायलों में ममता पत्नी यशपाल, पूजा पत्नी सत्यानंद, मीनाक्षी पत्नी जीवन, अर्श पुत्र सत्यानंद, रूही पुत्री जीवन, दिव्यांश पुत्र जीवन, यशी पुत्री सत्यानंद और चालक जीवन पुत्र रमेश निवासी राजपुरा शामिल हैं।
केंद्र सरकार को भेजी 10 करोड़ रुपये की डीपीआर हिमाचल सरकार प्रदेश में तीन नए नर्सिंग कॉलेज खोलेगी। यह कॉलेज चंबा, हमीरपुर और जिला सिरमौर के नाहन में खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी है। तीनों नर्सिंग कॉलेज में आधारभूत ढांचा विकसित करने पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति नर्सिंग संस्थान को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी जानी है। वर्तमान में हिमाचल में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और मंडी में दो ही सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। जबकि नर्सिंग स्कूलों की संख्या 15 से ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने नए खोले जाने वाले नर्सिंग कॉलेजों में 40-40 सीटें निर्धारित करने का फैसला लिया है। जैसे-जैसे आधारभूत ढांचा विकसित होगा। केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी। हिमाचल में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं नर्सिंग और मिडवाइफ के कोर्स कर रही हैं। निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों फीस कम है। इसमें एक साल का खर्च करीब 70 हजार के पास रहता है। हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र को भेज दी गई है।
स्नान के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचे श्रद्धालु भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा आज से शुरू हो गई है। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आज डल झील में शाही स्नान किया। दोपहर बाद 4:15 तक शाही स्नान का शुभ मुहूर्त था। इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के जत्थे चंबा के भरमौर से मणिमहेश को रवाना हो गए हैं। आज से शुरू हुई मणिमहेश यात्रा 23 सितंबर तक चलेगी। इस यात्रा के लिए देशभर व नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं और डल झील में डुबकी लगाते हैं। इस बार यह यात्रा ऊंची चोटियों पर हल्के हिमपात के बीच हो रही है। इससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान ठंड का सामना करना पड़ेगा। जन्माष्टमी पर हुई शुरुआत मणिमहेश मंदिर के पुजारी पंडित विपिन शर्मा के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी का छोटा न्हौण 6 सितंबर दोपहर 3:38 बजे शुरू हुआ, जो 7 सितंबर शाम 4:15 बजे तक रहा। छोटे न्हौण के बाद मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। राधाष्टमी का बड़ा स्नान 22 सितंबर को दोपहर बाद 1:36 बजे शुरू होगा और 23 सितंबर दोपहर 12:18 बजे तक चलेगा। स्ष्ठरू एवं मणिमहेश न्यास सचिव कुलवीर सिंह राणा ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अपना पंजीकरण जरूर करवाएं और प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के यह जरूरी है।
चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण कर सकते हैं सैलानी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन में कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सड़कों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में आगंतुकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं। नादौन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विपदा के समय में भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आहवान किया। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और उत्तराखंड और गुजरात में प्रदान की गई सहायता के समान वित्तीय सहायता प्रदान करने की बार-बार अपील की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हिमाचल प्रदेश के 16 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मंगलवार सुबह शिक्षक दिवस पर राजभवन शिमला में राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर इन शिक्षकों को सम्मानित किया। कांगड़ा, बिलासपुर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर से एक भी शिक्षक का पुरस्कार के लिए चयन नहीं हुआ है। जिला शिमला से चार, कुल्लू-ऊना और हमीरपुर से दो-दो शिक्षकों को चुना गया है। मंडी-सोलन-सिरमौर और चंबा जिला से पुरस्कार के लिए एक-एक शिक्षक का चयन हुआ है। 10 शिक्षकों का चयन प्रदेशभर से प्राप्त हुए 39 आवेदनों के आधार हुआ था। तीन शिक्षकों किशोरी लाल, दलीप सिंह और हरीराम शर्मा को सरकार की ओर से गठित राज्य स्तरीय कमेटी ने चयनित किया। कार्यक्रम में इन शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया गया। वहीं, पुरस्कार के लिए एक शिक्षक का नाम समारोह के दौरान ही घोषित किया गया। इसके अलावा बीते वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिमला के वीरेंद्र कुमार व चंबा के युद्धवीर सिंह को भी राज्य पुरस्कार दिया गया पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल आनी, कुल्लू प्रिंसिपल दीपक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बजौरा, कुल्लू डीपीई हेम राज वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हिमरी, शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल त्यूरी, ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा प्राथमिक स्कूल गिरथरी, हमीरपुर मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार प्राथमिक स्कूल सलोह, सोलन जेबीटी शिव कुमार प्राथमिक स्कूल ककराना, ऊना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा केंद्रीय प्राथमिक स्कूल लालपानी, शिमला जेबीटी किशोरी लाल उपशिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल वासनी, सिरमौर प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नेरवा, शिमला प्रिसिंपल सुरजीत सिंह राठौर छोटा शिमला स्कूल प्रवक्ता
विधानसभा के तीसरे सत्र (मानसून सत्र) के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 25 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसून सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहना होगा। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने के लिए भी कहा है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए। अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे ऑफिस में होना चाहिए। इनकी छुट्टियां हुई हैं रद्द अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कॉलेज, स्कूल उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्रेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी। विभाग में विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद सृजित हैं, कितने पद रिक्त हैं। कितने पद भरे गए हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कितने स्कूलों, कॉलेजों का निरीक्षण किया। कितने नए स्कूल, कॉलेज खोले गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्या स्टेटस है।
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस बार 13 शिक्षकों को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। चयनित शिक्षकों को मंगलवार को राजभवन शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सम्मानित करेंगे। शिक्षकों के यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और विद्यार्थियों को पढ़ाने में विशेष रुचि लेने के लिए दिया जा रहा है। इनमें से तीन शिक्षकों को सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान जीएसएसएस आनी प्रिंसिपल दीपक कुमार जीबीएसएसएस चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार जीबीएसएसएस मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल जीएसएसएस बजौरा डीपीई हेम राज जीएसएसएस हिमरी शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर जीएसएसएस त्यूरी ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा जीपीएस गिरथरी मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार जीपीएस सलोह जेबीटी शिव कुमार जीपीएस ककराना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा जीसीपीएस लालपानी जेबीटी किशोरी लाल उप शिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह जीएसएसएस वसवानी प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा जीएमएसएसएस नेरवा प्रिंसिपल
विकास कार्यों में तेजी लाने और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित प्रशासनिक सचिवों की मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी फाइलें ई-फाइल प्रणाली के माध्यम से भेजी जाए। इससे समय की बचत होगी और कार्यों को शीघ्र निपटाने में मदद भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जन सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली समयबद्ध कार्यान्वित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गवर्नेंस में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को विशेष अधिमान दे रही है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता के साथ-साथ दक्षता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने सभी नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों का पूर्णतया डिजिटाइजेशन सुनिश्चित करने को भी कहा। इससे लोगों को अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उनके घर में ही प्राप्त हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने नींबू प्रजाति फल उत्पादन बहुल क्षेत्र में अतिरिक्त जूस से साइडर बनाने के लिए आधुनिक संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उन्होंने शिमला, रिज स्थित पुस्तकालय के खुलने का समय बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, राजीव गांधी रोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न प्रधान सचिव और अन्य सचिव उपस्थित थे।
शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण रूप से विकसित और शांतिप्रिय व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्तियों का निर्माण करना है, जिनका पोषण विश्व और उनके आसपास के समाज के लिए कुछ बड़ी सोच रखने के लिए किया गया हो। एक बालक को केवल सूचनाएं प्रदान करने की प्रक्रिया के द्वारा नहीं बल्कि समग्र रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का मानना है, 'कक्षा में बैठने से ही कोई शिक्षित हो रहा है, हम ऐसा नहीं मान सकते। हमें बच्चे के मन और शरीर के संपूर्ण विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ उसमें अपनापन, साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना, प्रेम, अहिंसा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर भी ध्यान देना होगा।Ó एक सुंदर विचार है, जो प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का हिस्सा था, जिसे आज पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। एक अच्छा शिक्षक सदा यही चाहेगा कि उसका छात्र विजयी हो और एक अच्छा छात्र उस शिक्षक की जीत की कामना करेगा, जिसका ह्रदय विशाल है। छात्र जानता था कि उसके अल्प ज्ञान की विजय केवल दुख लाएगी, जबकि गुरु के महान ज्ञान की जीत केवल अच्छाई लाएगी। इस सोच ने छात्र और शिक्षक के मध्य एक स्वस्थ संबंध बनाया, जहां छात्र और शिक्षक अपनी वृद्धि और विकास की यात्रा पर एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे। अच्छे शिक्षक का धैर्यवान होना जरूरी एक अच्छे शिक्षक को बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। एक शिक्षक का धैर्य छात्रों के जीवन में चमत्कार पैदा कर सकता है, भले ही वे सीखने में थोड़े धीमे हों। माता-पिता को घर पर केवल एक या दो बच्चों को संभालना होता है, जबकि शिक्षकों को छात्रों से भरे कक्ष को संभालना होता है। यह स्पष्ट रूप से शिक्षकों के लिए अधिक तनावपूर्ण और कठिन है। इसलिए शिक्षकों को अधिक केंद्रित होने की जरूरत है। ध्यान और श्वास अभ्यास जैसी विधियाँ शिक्षकों को शांत और केंद्रित रहने के लिए तैयार करने में काफी मदद कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे हर समय शिक्षकों को देख रहे होते हैं और उनसे सीख रहे होते हैं। शिष्य को प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता आज शिक्षकों के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि छात्र कहां खड़े हैं और उन्हें वहां से अंतिम लक्ष्य तक जाने में प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यहां हम भगवान कृष्ण से सीख सकते हैं कि किस तरह वे कदम दर कदम धैर्य और प्रेम के साथ अर्जुन को अंतिम मंजिल तक ले जाते हैं। आरंभ में अर्जुन भ्रमित थे और उनके मन में बहुत सारे सवाल थे। जैसे-जैसे एक छात्र बड़ा होता है, उसे बहुत अधिक भ्रम होना स्वाभाविक है क्योंकि उसकी अवधारणाएं टूटती रहती हैं। उदाहरण के लिए, हम सीखते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है, बाद में हमें पता चलता कि वास्तव में ग्रह कैसे गति करते हैं। इसलिए एक अच्छा शिक्षक छात्र के मन में उठने वाले इन सवालों के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्ध होता है। एक अच्छा शिक्षक जानकार होता है और छात्र को इन भ्रमों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करता है। साथ ही कई बार जरूरत पड़ने पर शिक्षक भ्रम पैदा भी कर सकते हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत शिक्षकों को एक नाजुक संयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए जो है प्रेम के साथ दृढ़ता। ऐसे शिक्षक हैं, जो बहुत प्रेम करते हैं और कुछ अन्य केवल कठोर हैं। ऐसे बच्चे हैं जो विद्रोही हैं और ऐसे बच्चे हैं जो भीरु और शर्मीले हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत है। आपको उन्हें प्यार और उनकी देखभाल का एहसास कराना चाहिए और यह एहसास दिलाना चाहिए कि वे आपके अपने हैं। लेकिन जो बच्चे शर्मीले और डरपोक हैं, उन्हें खुलकर आगे आने और बोलने में सक्षम बनाने के लिए आप थोड़ा दृढ़ हो सकते हैं। उनके साथ सख्ती से पेश आएं और प्रेम भी करें। अक्सर हम इसका विपरीत करते हैं। शिक्षक विद्रोही बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और शर्मीले बच्चों के साथ उदार बन जाते हैं। तब उनका व्यवहार का क्रम बेहतरी के लिए नहीं बदलेगा। आपको कठोर और कोमल दोनों होने की आवश्यकता है, अन्यथा आप छात्र का मार्गदर्शन उस दिशा की ओर नहीं कर पाएंगे जहां आप उन्हें ले जाना चाहते हैं।
पुलिस चौकी ढांगूपीर प्रभारी एएसआई राजपाल ठाकुर को आज राज्यपाल ने डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित किया। जिला चंबा बनीखेत के एक छोटे से गांव ढलोग के स्थाई निवासी राजपाल के पिता बलदेव राज ठाकुर जो होमगार्ड पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी माता माया देवी एक गृहिणी हंै। राजपाल ठाकुर को डीजीपी डिस्क अवॉर्ड जिला चंबा के तूनूहट्टी बैरियर पर बतौर प्रभारी कार्य करते हुए चरस व चिट्टा तस्करों की कमर तोड़ने के े लिए मिला है। इन्होंने वर्ष 2019 में एक विशेष केस में एक व्यक्ति से गाड़ी में साढ़े 13 किलो चरस बरामद की थी। राजपाल ठाकुर वर्ष 1998 में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे, 2004 में लोअर कोर्स को पूरा किया। वर्ष 2006 में यह मुख्य आरक्षी बने। इसके बाद वर्ष 2021 में बतौर एएसआई प्रमोट हुए व 9 अप्रैल 2022 से बतौर चौकी प्रभारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सतेंद्र राणा को महासचिव और विशाल शर्मा को वित्त सचिव चुना हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ चंबा जिला इकाई का त्रैवार्षिक चुनाव रविवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) चंबा में करवाए गए। इसमें जिला चंबा के सभी 15 शिक्षा खंड के प्रधान सहित लगभग 200 खंड प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस चुनाव में जिला कांगड़ा से प्रधानाचार्य नागेश्वर सिंह पठानिया जिला चुनाव आयुक्त व सचिन जसवाल उपचुनाव आयुक्त के रूप में उपस्थित रहे। ऑब्जर्वर के रूप में जिला कांगड़ा से रसपाल और मनीष सूद उपस्थित रहे। यह सारी प्रक्रिया इन सभी महानुभावों की देखरेख में संपन्न की गई, जिसमें हरिप्रसाद शर्मा को जिला अध्यक्ष, सतेंद्र राणा को महासचिव और विशाल शर्मा को वित्त सचिव के पद के लिए निर्विरोध चुना गया। इसके साथ ही सुरेंद्र मोहन, ओम वर्मा और नारायण सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी प्रदान की गई। चुनाव के बाद जिला प्रधान हरिप्रसाद शर्मा ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु तथा पूरे मंत्रिमंडल का आभारी है कि उन्होंने सरकार बनते ही बनते ही बहुत पुरानी मांग पुरानी पेंशन को सभी कर्मचारियों के लिए लागू किया। संघ ने सरकार से मांग की कि एसएमसी अध्यापकों को जल्द से जल्द कोई पॉलिसी बनाकर नियमित करना या अनुबंध में लाया जाए। वहीं, 24 अप्रैल 2010 के बाद के पदोन्नति प्रवक्ता जो 2010 से पहले के टीजीटी हैं ,उन्हें मुख्य अध्यापक की ऑप्शन में छूट दी जाए। उच्चतम न्यायालय के हाल ही में दिए गए महत्वपूर्ण निर्णय को सरकार जल्द लागू करें जिसमें कहा गया है कि अनुबंध कार्यकाल को नियमित सेवा में जोड़ा जाए व अन्य लाभ प्रदान किए जाएं। जिला प्रधान ने यह भी कहा कि अध्यापक संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र चौहान ने माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपना 25 सूत्री मांग पत्र पहले ही सौंप दिया है, उम्मीद है कि संघ के सदस्यों को जल्द ही सरकार चर्चा के लिए आमंत्रित करेगी। इसके साथ ही जिला महिला विंग का भी गठन किया गया जिसमें रेनू शर्मा को जिला अध्यक्ष, रक्षा राणा को महासचिव पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। नवनिर्वाचित सभी सदस्यों ने उपस्थित प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।
त्योहारी सीजन से पहले ही हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। फेडरेशन ने अलग-अलग उत्पादों के 2.50 से 50 रुपये तक दाम बढ़ा दिए हैं। फेडरेशन का हिम देसी घी 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 650 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। हालांकि दूध के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई। फेडरेशन ने देसी घी के अलावा पनीर के 200 ग्राम पैकेट के दाम में छह रुपये बढ़ोतरी की है। हिम खोया में प्रतिकिलो के हिसाब से 20 रुपये बढ़ोतरी की गई है। हिम बटर में 25 रुपये आधा किलो के हिसाब से बढ़ाए गए हैं। मिल्क फेडरेशन के चक्कर स्थित प्लांट के यूनिट प्रभारी शुभम ने बताया कि दुग्ध उत्पादों के बढ़े हुए दाम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने आज यहां राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 24 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोड़कर किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाड़ियों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितंबर तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।यह निर्णय प्रदेश में भारी बरसात के कारण आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मानवीय जीवन, आधारभूत संरचना, पारिस्थितिकी की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार देर सायं सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें अपने जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान का तीन दिन के भीतर आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त जिलों में क्षति का मूल्यांकन कर सम्बंधित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत राशि के उचित वितरण के लिए एसडीएम और उपायुक्तों सहित राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपये और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपये की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपये की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, नए प्रावधानों के अनुसार दुधारू और भारवाहक मवेशियों की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और भेड़, बकरी और सुअर की मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश में धंसते क्षेत्रों के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थितियों का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावितों की सम्पत्ति पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ईमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश से बाहर इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस आदेश की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान उपायुक्तों द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप 48 घंटों के भीतर विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बहाल की गई। उन्होंने कहा कि अब विभाग सड़कों की मरम्मत पर विशेष ध्यान दे ताकि किसान अपनी उपज समयबद्ध बाजार तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनें किराये पर लेने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। बैठक में प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मणिमहेश यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के बाद अब शुक्रवार से ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू हो गया, जो 26 सितंबर तक चलेगा। 1,050 जवानों के हवाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था का जिम्मा होगा। इनमें पुलिस के 700 और होमगार्ड के 350 जवान शामिल रहेंगे। पूर्व की तरह इस बार भी यात्रा 13 सेक्टरों में विभाजित रहेगी। मणिमहेश यात्रा प्रशासनिक तौर पर 7 सितंबर से शुरू होगी। देश के कोने-कोने से पवित्र डल झील में डुबकी लगाने के लिए यहां श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। शिवभक्तों की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए जवान दिन-रात तैनात मिलेंगे। वहीं, सीमांत क्षेत्र जेएंडके, लाहडू, तुन्नूहटटी बैरियरों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया है। यात्रा के दौरान तहसील मुख्यालय भरमौर, चौरासी मंदिर, भरमाणी मंदिर, हड़सर से लेकर पवित्र डल तक पुलिस जवान वर्दी और सादे कपड़ों में ड्यूटी में नजर आएंगे। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान पुलिस और गृह रक्षक जवान भरमौर से लेकर पवित्र डल तक तैनात रहेंगे। कहा कि यात्रा के दौरान जाम की स्थिति से निपटने के लिए बाकायदा यातायात टीमें पेट्रोलिंग करती नजर आएंगी। उन्होंने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से भी यातायात नियमों का पालन करने की बात कही है।