देश के पिछड़े जिला चंबा के अति दुर्गम क्षेत्र पांगी में भी कोरोना वायरस की दस्तक की संभावना ने हड़कंप मचा दी है। जिसका मुख्य कारण संदिग्ध व्यक्ति नेपाल निवासी होने सहित वायरस के लक्षणों संबंधी रोग पीड़ित हैं। इस बात का खुलासा जब नेपाल निवासी का मूल का करीब दस दिनों से अपने घर में सर्दी, जुखाम, बुखार व खांसी से ग्रस्त पलंग पर कमजोर एवं असमर्थ मुद्रा में पड़ा था। जिसका पंचायत वासियों को संज्ञान होते ही पीड़ित को तुरंत उपचार के लिए खिलाड़ी स्थित चिकित्सालय भर्ती करवाया गया है। जहां प्रारंभिक जांच पश्चात चिकित्सक द्धारा कोरोना वायरस संदिग्ध व्यक्ति को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर आगामी जांच के अभाव के चलते पंडित जवाहरलाल नेहरू मैडिकल कॉलेज चंबा रेफर कर दिया है। इतनी सख्ती व जांच के बावजूद कैसे पहुंचा नेपाल निवासी पांगी कोरोना वायरस का संदिग्ध नेपाल निवासी दरअसल कई वर्षों से जिला चंबा के पांगी घाटी के सांचे नामक क्षेत्र में होटल व्यवसाय के तहत कार्य करने के लिए आता जाता रहता है। वित्त वर्ष भी कुछ दिनों पहले वह नेपाल से कुल्लू और वहां से वह पांगी के बार्डर पर संसारी पोस्ट पुलिस को चकमा देकर पांगी में पहुंचा गया। पांगी के साच गांव में स्थित एक होटल में कार्य में जुट गया। जानकारी अनुसार उक्त व्यक्ति पांगी पहुंचने से पूर्व ही अस्वस्थ था और गत दस दिनों में उसकी हालत दिन व दिन नाजुक होती चली गई जिसके कारण वह अपने कार्य पर जाने तक से असमर्थ हो गया। पांगी में नहीं है कोरोना वायरस जांच के इंतजाम एक ओर जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस महामारी की चिंता एवं इस रोग के तोड़ रोकथाम में जुटा है, तो वहीं अभी हिमाचल सरकार व स्वास्थ्य विभाग उपचार संबंधित सुरक्षा इंतजामों की पोल तब खुलकर सामने आई जब जिला चंबा के दुर्गम क्षेत्र पांगी में कोरोना वायरस के टेस्ट का अभाव सामने आया। हालांकि वहां मौजूद चिकित्सक ने वायरस के संक्रमण होने की संभावना के तहत आइसोलेशन वार्ड में कुछ देर भर्ती एवं प्रारंभिक जांच के बाद उसे चंबा बेशक रेफर कर दिया, लेकिन इस वाक्या ने सरकार, प्रशासन सहित विभाग की कथनी-करनी में फर्क स्पष्ट अवश्य कर दिया। * क्या कहते हैं समुदायिक स्वास्थय केन्द्र चिकित्सक * इस संदर्भ में डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि समुदायिक स्वास्थय केंद्र में साच गांव से कुछ ग्रामीणों द्वारा नेपाल बेशभूषा संबंधी एक व्यक्ति को बीमार एवं असमर्थ व्यवस्था में लाया गया जिसकी जांच के दौरान उसमें कोरोना वायरस से मिलते-जुलते काफी लक्षण पाए गए। वहीं उस व्यक्ति से जुकाम खांसी होने की अवधि दस दिनों से अधिक होना ज्ञात हुई। जबकि सबसे अहम बात है कि वह व्यक्ति नेपाल से वाया कुल्लू संसारी पुल पुलिस पोस्ट को चकमा देकर पांगी पहुंचा है। इन सब बातों के ज्ञात होते ही और एंडवास कई टेस्टों सहित उपचार अभाव के तहत पंडित जवाहरलाल नेहरू मैडिकल कॉलेज चंबा संदिग्ध व्यक्ति को रेफर किया है जिसकी पूर्ण जांच पश्चात ही कुछ पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चम्बा के एक दिवसीय दौरे के दौरान जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर-पांगी में 209 करोड़ रुपये से भी अधिक की विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन किए व आधारशिलाएं रखीं। इससे पहले, होली हैलीपैड पर मुख्यमंत्री के आगमन पर पारम्परिक परिधानों में सुसज्जित स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने 2750 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 240 मैगावाट की कुठेड़ जल विद्युत योजना की आधारशिला रखी। उन्होंने 4 करोड़ रुपये की लागत से डली से नाहा सड़क के मैटलिंग व टारिंग कार्यों तथा 5.83 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली चोली से कवारसी सड़क के निर्माण कार्य की आधारशिलाएं रखी। उन्होंने होली के हिलिंग गांव में 150 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 15 मैगावाट की कवारसी जल विद्युत योजना तथा 90 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 9 मैगावाट की सलुन जल विद्युत योजना का उद्घाटन किया। जय राम ठाकुर ने 6 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली सचुईं से भरमाणी माता रज्जू मार्ग का भूमि पूजन किया। उन्होंने भरमौर में 1.33 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित साडा शाॅपिंग काॅम्पलैक्स का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विश्राम गृह भरमौर से 165.49 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली क्षेत्र की 23 सड़कों की आधारशिलाएं रखीं। जय राम ठाकुर ने 19.57 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले नागरिक अस्पताल भरमौर के भवन की आधारशिला रखी। उन्होंने 4.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले आई.टी.आई. भवन की आधारशिला रखी तथा 4.22 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली ददीमा से चलेड सड़क का भूमि पूजन किया। चैरासी मन्दिर परिसर भरमौर में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला चम्बा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चम्बा एक समय प्रदेश का पिछड़ा जिला माना जाता था लेकिन अब वर्तमान राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकासात्मक गतिविधियों के कारण यह जिला प्रदेश का अग्रणी जिला बनकर उभरेगा तथा विकास के मामले में दूसरे जिलों का मार्गदर्शन करेगा।
प्रदेश के चम्बा में सुबह करीब 11 बजकर 31 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र चम्बा रहा। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गयी जबकि भूकंप की गहराई जमीन से 6 किलोमीटर अंदर रही। भूकंप के झटकों से किसी के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। चम्बा जिला में पिछले 2 महीने से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।
मरीज को अस्पताल लेकर जा रही 108 एंबुलेंस में अचानक आग भड़क उठी। आनन-फानन में कर्मचारियों ने एंबुलेंस से मरीज को बाहर निकाला। जिस वायरिंग में आग लगी थी, चालक ने उसे काट दिया। इससे आग पूरी गाड़ी में नहीं फैली और बड़ा हादसा होने से टल गया। एंबुलेंस से धुआं निकलता देख लोगों की भीड़ जमा हो गई। जब धुआं निकलना बंद हुआ तो इसी एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया। चंबा अस्पताल की 108 एंबुलेंस दियोली से महिला मरीज को लेकर अस्पताल आ रही थी। पुराने बस अड्डे के पास एंबुलेंस में आग भड़क गई। चालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए शार्ट-सर्किट से आग पकड़ने वाली वायरिंग को काटा और इसके बाद मरीज को फौरन अस्पताल पहुंचाया। गनीमत रही हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। गौरतलब है कि चंबा में चलने वाली ज्यादातर एंबुलेंस खटारा हो चुकी है।
आज हम आपको दर्शन करवाने जा रहे हैं चामुंडा देवी मंदिर के। चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण वर्ष 1762 में उम्मीद सिंह ने करवाया था। पाटीदार और लाहला के जंगल स्थित यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में जाना जाता है। हजारों साल पहले धरती पर शुम्भ और निशुम्भ नामक दो दैत्यों ने राज कर लिया था। उन्होंने धरती पर इतने अत्याचार किये कि इससे परेशान होकर देवताओं व मनुष्यों ने शक्तिशाली देवी दुर्गा की आराधना की। आराधना से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने देवताओं व मनुष्यों को दर्शन दिए और कहा कि वो ज़रूर इन दैत्यों से उनकी रक्षा करेंगी। इसके बाद दुर्गा जी ने कौशिकी के नाम से अवतार लिया। वहीं शुम्भ और निशुम्भ के दूतों ने माता कौशिकी को देख लिया। दूतों ने शुम्भ और निशुम्भ से कहा कि आप तो तीनों लोगों के राजा है, आपके पास सब कुछ है लेकिन आपके पास एक सुंदर रानी भी होनी चाहिए। कौशिकी नमक एक देवी है जो सारे संसार में सबसे सुंदर है। दूतों की इन बातों को सुनकर शुम्भ और निशुम्भ ने अपना एक दूत माता कौशिकी के पास भेजा और कहा कि कौशिकी से कहना कि शुम्भ और निशुम्भ तीनों लोको के राजा हैं और वो तुम्हें रानी बनाना चाहते हैं। शुम्भ और निशुम्भ के आदेश पर दूत ने ऐसा ही किया। कौशिकी ने दूत की बात सुनकर यह कहा कि मैं जानती हूँ कि वो दोनों बहुत शक्तिशाली हैं, लेकिन में प्रण ले चुकीं हूँ कि जो मुझे युद्ध में हरा देगा मैं उसी से विवाह करुँगी। जब यह बात दूत ने शुम्भ और निशुम्भ को जाकर बताई तो उन्होंने दो दूत चण्ड और मुण्ड को देवी के पास भेजा और कहा कि उसके केश पकड़ कर हमारे पास लाओ। जब चण्ड और मुण्ड ने वहां जाकर देवी कौशिकी से साथ चलने को कहा तो उन्होंने क्रोधित होकर अपना काली रूप धारण कर लिया और असुरों को मार दिया। इन दोनों राक्षसों के सर काटकर देवी काली कोशिकी के पास लेकर आ गई। इससे खुश होकर देवी कोशिकी ने कहा कि तुमने इन दो राक्षसों को मारा है अब तुम्हारी प्रसिद्धी चामुंडा के नाम से पूरे संसार में होगी। चामुंडा देवी मंदिर अपनी खूबसूरती, इतिहास और कहानी की वजह से काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। भक्त 400 सीढ़ियों को चढ़कर मंदिर के दर्शन के लिए पहुँचते हैं। एक अन्य विकल्प के तौर पर चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। चामुंडा देवी मंदिर में पीछे की तरफ से गुफा जैसी संरचना है जिसको भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। चामुंडा देवी मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के रूप में भी जाना जाता है जिसमें भगवान शिव और शक्ति का घर है। भगवान हनुमान और भैरव इस मंदिर के सामने वाले द्वार की रक्षा करते हैं और इन्हें देवी का रक्षक माना जाता है। चामुंडा देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अप्रैल के महीनों का होता है। वहीं नवरात्रों के दौरान भी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ आती है।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल हर संभव प्रयास करता है। पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। अब नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी । हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है। इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।
बिजली खपत पर रहेगी निगरानी अब आप जल्द ही मोबाइल फ़ोन के ज़रिये अपने घर और कार्यालय में हो रही बिजली की खपत में नज़र रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार सभी पुराने मीटरों को बदल कर स्मार्टबिजली मीटर लगाने जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जे पी कालटा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। एक मोबाइल एप्लीकशन करनी होगी डाउनलोड स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल ऐप्प अपने फ़ोन पर डाउनलोड करनी होगी। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली इस्तेमाल की। इस मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फ़ोन की तरह ही इस्तेमाल होंगे। इसके अलावाउपभोक्ताओं को बिल जमा करवाने का विकल्प भी मिलेगा। अब रीडिंग लेने के लिए उपभोक्ताओं के घर नहीं जायेंगे बिजली बोर्ड कर्मचारी स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मीटर से ऑनलाइन रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी होने की भी कण्ट्रोल रूम में जानकारी पहुंचेगी। बिल जमा न करने पर कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं को भी चुकाना होगा शुल्क एक स्मार्ट बिजली मीटर 2800 से 3000 रूपए में पडेगा। इसके लिए केंद्र करीब 1200 रूपए प्रति मीटर सब्सिडी देगा। शेष खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पडेगा। पुराने बिजली मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में एडजेस्ट करने की भी योजना है। 2022 तक लगेंगें प्रदेश में 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर पहले चरण में शिमला और धर्मशाला दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख मीटर बदले जायेंगें। इसके बाद पुरे प्रदेश में साल 2021-22 तक 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद में रोड शो किया। ये रोड शो राज्य में निवेश आमंत्रित करने हेतु था। प्रदेश सरकार ने गुजरात के कई बड़े औद्योगिक घरानों के साथ 880 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं। ये कंपनियां करेगी हिमाचल में निवेश:- सेंटौर एनर्जी 360 करोड़ रुपये अल्ट्राकैब इंडिया 110 करोड़ गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट लिमिटेड 100 करोड़, ईएसएसएसीटी प्रोजेक्ट (क्रिएटिव च्वाइस ग्रुप) 100 करोड़, इसेक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट 100 करोड़ जेजे पीवी सोलर प्राइवेट लिमिटेड 40 करोड़ मैसर्ज चंद्रेश केबल्स 40 करोड़ ईशान नेटसोल प्राइवेट लिमिटेड 20 करोड़ रुपये ब्लू रे एविएशन 10 करोड़ कचरे से ऊर्जा परिवर्तित करेगी एबिलॉन क्लीन गुजरात स्थित एबिलॉन क्लीन एनर्जी के प्रबंध निदेशक आदित्य हांडा ने हिमाचल प्रदेश में पीपीपी मोड पर कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अंबुजा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनीष गुप्ता ने खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने, ईएसएसएसीटी के सह-संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमंत काचरू ने थैरेपी तैयार कर वैलनेस केंद्र खोलने में रुचि दिखाई। चंद्रेश केबल्स लिमिटेड के प्रतिनिधि अभिवंदन सी लोधा और आरके जैन ने केबल निर्माण इकाई स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की।
मौसम विभाग के अनुसार16 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, ऊना, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने पूरे प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बता दें पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश होने से प्रदेश के कई क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं।
मोदी सरकार भाग दो का पहला बजट शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक रूपया सेस बढ़ाने की घोषणा की गई है जिससे आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव लगभग हर सामान की कीमत पर होना तय माना जा रहा है।बजट में सोना पर शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही ये भी घोषणा की गई है कि आने वाले दिनों में तंबाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया हैं। बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने हेतु लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट भी देने का एलान किया है। मुख्य बिंदु... ''हर घर जल, हर घर नल'' के तहत 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक की घर खरीद पर ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 114 दिनों में जरूरतमंदों को घर बनाकर देने का लक्ष्य। 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य। सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर अब दो फीसदी टीडीएस। सोने के आयात शुल्क पर 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। सालाना 2-5 करोड़ रुपये की कमाई वाले व्यक्तियों के सरचार्ज में 3 फीसदी व 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज में सात फीसदी का इजाफा। 400 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू वाले कंपनियों को अब 30 फीसदी के मुकाबले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। ये हुआ सस्ता - साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, डिटरजेंट वाशिंग पाउडर, बिजली का घरेलू सामानों पंखे, लैम्प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के अलावा गद्दा, बिस्तर, चश्मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, मियोनीज, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन, ऊन खरीदना सस्ता हुआ।
The Krishi Vigyan Kendra (KVK) Chamba of the Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni has been awarded at the national level for the successful implementation of the National Innovations in Climate Resilient Agriculture (NICRA) project in Lagga village of the district. NICRA is an ICAR funded project, which was started in 2011 throughout India in 100 KVKs, including four of Himachal. The project was launched to address the climatic vulnerability prevailing in these kendras. Climatic vulnerability like water scarcity, drought, dry spells, delayed monsoon, hailstorm, cold waves and prolonged winter season were addressed under this project. This NICRA model of KVK Chamba was awarded at the Annual Review Workshop of Krishi Vigyan Kendras, which was held recently at the Central Research Institute for Dryland Agriculture, Hyderabad in which representatives of 121 KVKs took part. Dr Kehar Singh Thakur, Scientist cum Nodal officer of NICRA represented KVK Chamba in this workshop and gave an oral and poster presentation in the workshop. He received the Best NICRA Award for Zone-1 from Dr AK Singh, ICAR Deputy Director General (Agricultural Extension). He also bagged the award for the best poster presentation at the workshop. Dr Thakur dedicated the award to everyone associated with the project since its inception in 2011, particularly the farmers of Lagga village. Dr HC Sharma, UHF Vice Chancellor and other faculty and staff also congratulated the team on their achievement. Under the project, KVK Chamba carried out interventions at village Lagga which falls under Mehla block of District Chamba. It comprises of seven small villages like Lagga, Pudhruin, Ghati, Osal, Hathla, Shakla and Prechha. In the first phase (2011-2016), 102 families were selected covering an area of 89 ha. under different interventions. Four modules-Natural Resource Management, Crop Production, Livestock and Fisheries, and Capacity Building were covered. Different interventions/ demonstrations were also carried out in these selected villages. In 2018, five more villages were adopted to upscale the proven technology of existing villages. Successful interventions include the introduction of spur-type apple plantations in 24.9 ha area, 64 polyhouses, crop diversification with cabbage (46.0 ha.), crop diversification cauliflower (59.5 ha.) and protected cultivation in .80 ha area. (Capsicum cucumber and tomato are grown under protected cultivation).