भरमौर,प्रिंस कुमार शर्मा: विद्युत उपमंडल भरमौर के तहत आने वाले सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। विद्युत बोर्ड ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अगले तीन दिनों के भीतर अपने बिजली मीटर की ई-केवाईसी (e-KYC) करवाना सुनिश्चित करें। ऐसा न करने पर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली बिजली सब्सिडी को बंद कर दिया जाएगा। बोर्ड ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे इस अल्टीमेटम को गंभीरता से लें और समय रहते अपनी ई-केवाईसी पूरी करवाएं, ताकि उन्हें मिलने वाली सब्सिडी निर्बाध रूप से जारी रह सके।
भरमौर/प्रिंस कुमार शर्मा: महिला एवं बाल विकास परियोजना भरमौर के तहत विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर, कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका के पदों के लिए 22 जुलाई को सुबह 10 बजे उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) भरमौर के कार्यालय में साक्षात्कार आयोजित किए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के दो पद ग्राम पंचायत मझाट के आंगनबाड़ी केंद्र मझाट और वृत्त दुर्गठी के अंतर्गत ग्राम पंचायत दुर्गठी के आंगनबाड़ी केंद्र मिद्रा में भरे जाएंगे। वहीं, सहायिका के पद वृत्त गरोला (पंचायत सियूर व सवाई), वृत्त होली (केंद्र अन्दरललगा), वृत्त शिरडी (पूलन पंचायत होली के केंद्र पालन), वृत्त दुर्गठी (पंचायत रूणहक़ठी के केंद्र रूणहकोठी), तथा वृत्त भरमौर (पंचायत भरमौर के केंद्र भरमौर-II और पंचायत सचूई के केंद्र मलकोता-II) में भरे जाएंगे। इच्छुक और पात्र महिला उम्मीदवार अपने सभी शैक्षणिक और आय संबंधित प्रमाण पत्रों की सत्यापित फोटोकॉपी के साथ बाल विकास परियोजना अधिकारी, भरमौर के कार्यालय में 11 जुलाई की शाम 5 बजे तक आवेदन कर सकती हैं। इन पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास निर्धारित की गई है। आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए, और उनकी सालाना पारिवारिक आय 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार बाल विकास परियोजना अधिकारी भरमौर के कार्यालय के दूरभाष नंबर 7807083643 पर संपर्क कर सकते हैं।
भरमौर/ प्रिंस कुमार: चौरासी मंदिर से हेलीपैड को जोड़ने वाली सड़क पर आज दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया। वन परिक्षेत्र कार्यालय के पास, चढ़ाई पर एक वाहन लुढ़कते हुए सड़क किनारे बनी वन विभाग की दीवार से जा अटका। अगर यह दीवार न होती तो वाहन खाई में गिर सकता था और एक बड़ा हादसा हो सकता था। गौरतलब है कि चौरासी मंदिर प्रवेश द्वार के सामने से हेलीपैड की ओर जाने वाली सड़क काफी तीखी चढ़ाई वाली है। इस कारण कई बार वाहन चढ़ाई पर रुककर पीछे की ओर लुढ़कने लगते हैं। ऐसे में अगर कोई राहगीर सड़क से गुजर रहा हो तो बड़ा हादसा हो सकता है। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई और सभी सुरक्षित हैं. इस घटना ने एक बार फिर इस सड़क पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों की जरूरत को उजागर किया है।
भरमौर/ प्रिंस कुमार: चौरासी मंदिर से हेलीपैड को जोड़ने वाली सड़क पर आज दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया। वन परिक्षेत्र कार्यालय के पास, चढ़ाई पर एक वाहन लुढ़कते हुए सड़क किनारे बनी वन विभाग की दीवार से जा अटका। अगर यह दीवार न होती तो वाहन खाई में गिर सकता था और एक बड़ा हादसा हो सकता था। गौरतलब है कि चौरासी मंदिर प्रवेश द्वार के सामने से हेलीपैड की ओर जाने वाली सड़क काफी तीखी चढ़ाई वाली है। इस कारण कई बार वाहन चढ़ाई पर रुककर पीछे की ओर लुढ़कने लगते हैं। ऐसे में अगर कोई राहगीर सड़क से गुजर रहा हो तो बड़ा हादसा हो सकता है। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई और सभी सुरक्षित हैं. इस घटना ने एक बार फिर इस सड़क पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों की जरूरत को उजागर किया है।
भरमौर/प्रिंस कुमार: चंबा जिले के भरमौर स्थित मलकोटा गांव के मेधावी युवा सौरव ठाकुर का चयन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), भारत सरकार में सहायक कमांडेंट के प्रतिष्ठित पद पर हुआ है। यह सफलता उनके अथक परिश्रम और विलक्षण प्रतिभा का प्रमाण है। सौरव ठाकुर की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले भी उन्होंने कई अन्य प्रतिष्ठित सरकारी परीक्षाओं में सफलता का परचम लहराया है। उनका चयन पूर्व में जल शक्ति विभाग में सहायक अभियंता (SDO) के पद पर हो चुका था। इसके साथ ही, उन्होंने गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में इंटेलिजेंस ऑफिसर के रूप में भी अपनी जगह बनाई थी। इतना ही नहीं, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा के माध्यम से उन्हें भारत सरकार के संचार मंत्रालय (Department of Post) भी आवंटित किया गया है। सौरव ठाकुर ने एक साथ चार विभिन्न और अत्यंत प्रतिस्पर्धी सरकारी परीक्षाओं में चयन प्राप्त कर अपनी अकादमिक उत्कृष्टता और दृढ़ संकल्प का लोहा मनवाया है। उनकी यह शानदार सफलता उनके पूरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए सौरव ठाकुर और उनके पूरे परिवार को क्षेत्रवासियों और शुभचिंतकों की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई हैं।
भरमौर/प्रिंस कुमार: हिमाचल प्रदेश के भरमौर विधानसभा क्षेत्र के मेहला में युवाओं और युवतियों के लिए एक महत्वपूर्ण रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है। भारत की प्रतिष्ठित संस्था rojgaar.com द्वारा यह मेला 22 जून, रविवार को आयोजित होगा । इसका मुख्य उद्देश्य जिले भर के प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस रोजगार मेले में विशेष रूप से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें मशीनिस्ट, टर्नर, फिटर, डीजल मैकेनिक जैसे ट्रेड के साथ-साथ सिविल ब्रांच में डिप्लोमा धारक युवा भी भाग ले सकते हैं। आयोजकों ने जिले भर से इन ट्रेडों में प्रशिक्षित युवाओं से अधिक से अधिक संख्या में मेले में पहुंचने का आग्रह किया है ताकि वे अपने कौशल के अनुरूप रोजगार प्राप्त कर सकें। यह रोजगार मेला केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारों तक ही सीमित नहीं है। इसमें 10वीं पास, 12वीं पास, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, उन उम्मीदवारों के लिए भी अवसर उपलब्ध होंगे जिनके पास कोई औपचारिक शैक्षणिक योग्यता नहीं है। यह रोजगार मेला स्थानीय युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने का एक सुनहरा अवसर है। इच्छुक उम्मीदवार 22 जून को मेहला में आयोजित होने वाले इस मेले में उपस्थित होकर अपने सपनों की नौकरी पाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
भरमौर/प्रिंस कुमार:चंबा जिले के भरमौर स्थित प्रसिद्ध कुगती पास में ग्लेशियर के धंसने से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ग्लेशियर के पिघलकर नीचे बैठने और रास्ते के कट जाने से दो भेड़पालकों की 450 से अधिक भेड़-बकरियां लाहौल-स्पीति और भरमौर के बीच फंस गई हैं, जिससे भेड़पालक समुदाय में भारी चिंता है। जानकारी के मुताबिक, ग्लेशियर के खिसकने से पहाड़ी रास्ता पूरी तरह से बाधित हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि भेड़पालकों की कुछ भेड़-बकरियां पास के लाहौल-स्पीति वाले हिस्से में रह गई हैं, जबकि बाकी भरमौर की ओर फंसी हुई हैं। गर्मियों के दौरान, भरमौर के भेड़पालक अपनी भेड़-बकरियों को चराने के लिए कुगती पास, काली छोह, बनी और जोत जैसे कठिन रास्तों से होकर लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्रों में जाते हैं। लगभग दो महीने तक इन ऊँचे चरागाहों में रहने के बाद, वे इसी रास्ते से अपने निचले इलाकों में लौटते हैं। ऐसे में, रास्ता बंद होने से उनकी वापसी मुश्किल हो गई है और भेड़पालक पूरी तरह से परेशान हैं। एक प्रभावित भेड़पालक जिगरी राम ने बताया कि रास्ता न होने के कारण उनकी कुछ भेड़-बकरियां लाहौल-स्पीति की तरफ फंस गई हैं, जबकि कुछ भरमौर वाले हिस्से में हैं। उन्होंने शुक्रवार को भरमौर भेड़ फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर से जल्द से जल्द रास्ता बनाने की मांग की है, ताकि भेड़पालकों को जोत पार करने में कोई कठिनाई न हो। इस पर, भेड़ फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने उपायुक्त चंबा और एडीएम भरमौर से बात की है और इस समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है।
चम्बा: ग्राम पंचायत मंगला के अंतर्गत ओडरा खड्ड में नहाते समय डूबकर लापता हुए दूसरे युवक वीरेंद्र का शव आज सुबह कड़ी मशक्कत के बाद बरामद कर लिया गया है। इस घटना में बुधवार को दो युवकों की मौत हो गई थी, जिनमें से एक, नितेश, का शव पहले ही मिल गया था। गुरुवार सुबह लगभग 7 बजे स्थानीय लोगों ने वीरेंद्र के शव को खोजने के लिए अपने स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी बीच पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुँच गए। तीनों टीमों ने मिलकर कड़ी मशक्कत की, और सुबह करीब 10 बजे वीरेंद्र का शव बरामद कर लिया गया। आपको बता दें कि यह दुखद घटना बुधवार दोपहर को घटी थी, जब ओडरा खड्ड में नहाते समय दो युवक डूब गए थे। मृतकों की पहचान नितेश (पुत्र ओम प्रकाश, निवासी गांव भूलीण, डाकघर चरड़ा, तहसील चुराह, जिला चम्बा) और वीरेंद्र (पुत्र दुर्गाराम, निवासी गांव उथार, डाकघर चरड़ा, तहसील चुराह, जिला चम्बा) के रूप में हुई थी। हादसे के कुछ ही घंटों बाद नितेश का शव तो बरामद कर लिया गया था, लेकिन वीरेंद्र का शव नहीं मिल पाया था। पुलिस, दमकल विभाग और स्थानीय लोगों ने बुधवार देर शाम तक खोजबीन जारी रखी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। पुलिस ने वीरेंद्र के शव को कब्जे में लेकर मेडिकल कॉलेज चम्बा भेज दिया है, जहाँ पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। एसपी चम्बा अभिषेक यादव ने इसकी पुष्टि की है।उधर, एसडीएम चम्बा प्रियांशु खाती ने बताया कि प्रशासन की ओर से दोनों मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपए की फौरी राहत राशि प्रदान कर दी गई है। इस दुखद घटना से दोनों परिवारों में गहरा शोक है।
भरमौर/प्रिंस कुमार – मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमौर स्थित प्रसिद्ध चौरासी मंदिर परिसर की पवित्रता बनाए रखने के लिए स्थानीय निवासियों ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। अनिल कुमार, नसीब, नंद लाल और सुरेंद्र सहित अन्य स्थानीय लोगों ने आज अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (ADM), भरमौर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अस्थायी दुकानों के नियमन की मांग की गई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिर क्षेत्र में ऐसे व्यक्तियों को दुकानें आवंटित न की जाएं जो धार्मिक आचरण और मर्यादाओं का पालन नहीं करते।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के दुर्गम क्षेत्र तीसा में कल शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे में सास और दामाद की हालत गंभीर है। यह घटना तीसा में शाम करीब 4 बजे हुई, जब एक तेज रफ्तार कार पर पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर आ गिरा, जिससे कार अनियंत्रित होकर सड़क से करीब 150 फीट नीचे खाई में जा गिरी। हादसे में 55 वर्षीय देई देवी, पत्नी किशनचंद, निवासी लठरुंड की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनके दामाद खेमराज (36), पुत्र देवीचंद, निवासी थनेईकोठी ने अस्पताल में है। इस हृदय विदारक घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पत्थर गिरने के बाद कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पलट गई। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे। भारी मशक्कत के बाद, स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने दोनों मृतकों खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया और फिर तीसा अस्पताल ले जाया गया। शुरुआती उपचार के बाद, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चंबा मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां आज उनका पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। वही घायल का उपचार चल रहा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि खेमराज अपनी सास देई देवी को अपने घर ले जा रहा था। देई देवी कई दिनों से अपनी बेटी से मिलने की इच्छा जता रही थीं, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था और यह हादसा उनकी इस चाहत को हमेशा के लिए अधूरा छोड़ गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे के कारणों की गहनता से जांच की जा रही है।
प्रिंस कुमार/भरमौर:विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पीडब्ल्यूडी विभाग से सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक रैफलू राम ने सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण पेश करते हुए सीनियर सेकेंडरी स्कूल छतराड़ी के विद्यालय परिसर के विकास के लिए अपनी जेब से ₹11,000 का चेक विद्यालय को भेंट किया। उन्होंने यह चेक विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र ठाकुर को सौंपा। रैफलू राम द्वारा किए गए इस योगदान की पूरे क्षेत्र में भूरी-भूरी प्रशंसा की जा रही है। उन्होंने यह नेक पहल न केवल एक समर्पित नागरिक के रूप में की, बल्कि एक अभिभावक और समाज सेवक के रूप में भी मिसाल पेश की है। प्रधानाचार्य राजेंद्र ठाकुर ने उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे प्रेरणादायक कदम हमें यह एहसास कराते हैं कि स्कूलों का विकास केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, अपितु समाज के सामूहिक सहयोग से भी संभव है। गौरतलब है कि रैफलू राम पीडब्ल्यूडी विभाग में बतौर बेलदार अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके दोनों बेटे वर्तमान में इसी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। स्कूल परिसर के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए उनके इस योगदान से न केवल संस्थान को लाभ मिलेगा, बल्कि अन्य लोगों को भी समाज सेवा की प्रेरणा मिलेगी। विद्यालय प्रशासन एवं स्थानीय समुदाय ने रैफलू राम की इस सराहनीय पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की है और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कांगड़ा जिला के देहरा में तीन दिवसीय दौरे के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केएफडब्ल्यू परियोजना के अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाली जिला कांगड़ा व चंबा की ग्राम वन प्रबंधन समितियों (विलेज फोरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटी) को सम्मानित किया। उन्होंने राज्य स्तर पर वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगडू को एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार डलहौजी वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति छम्बर को 60 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ को 40 हजार रुपये प्रदान किये। वर्ष 2022-23 के लिए राज्य स्तर का एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़, 60 हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2 तथा तीसरा पुरस्कार देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगडू को 40 हजार रुपये प्रदान किया। वर्ष 2023-24 के लिए राज्य स्तर का प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2, द्वितीय पुरस्कार 60 हजार रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ तथा तृतीय पुरस्कार 40 हजार रुपये देहरा वन मंडल की ग्राम वन प्रबन्धन समिति लगड़ू को प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार खुडियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, लगड़ू, 30 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, भटेड़़ तथा 20 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार देहरा वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति नौशेरा को प्रदान किया जबकि वर्ष 2022-23 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का पहला पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़, 30 हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2 और 20 हजार रुपये का तीसरा पुरस्कार नगरोटा सूरियां की ग्राम वन प्रबन्धन समिति बलडोआ ने प्राप्त किया। वर्ष 2023-24 का देहरा वन मंडल स्तर का 50 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति जैनी मसरूर-2, 30 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां की ग्राम वन प्रबन्धन समिति, बलडोआ तथा 20 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार नगरोटा सूरियां वन रेंज की ग्राम वन प्रबन्धन समिति भटेड़़ ने जीता। मुख्यमंत्री ने सभी विजेता समितियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा एवं चम्बा ज़िलों में 307 वन विकास समितियों ने इस परियोजना के तहत योजना बनाने, उसे क्रियान्वित करने एवं निगरानी का काम किया। उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण न केवल जलवायु संतुलन के लिए आवश्यक है बल्कि यह हमारी नदियों के उद्गम, मिट्टी के कटाव की रोकथाम, जैव विविधता की सुरक्षा और लाखों लोगों के जीविका उपार्जन से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का वन क्षेत्र लगभग 15,443 वर्ग किलोमीटर आंका गया है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 28 प्रतिशत है और प्रदेश का वर्गीकृत वन क्षेत्र 37,948 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है जो भौगोलिक क्षेत्रफल का 68.16 प्रतिशत है। यह क्षेत्र हरित आवरण से परिपूर्ण है और यह हमें एक अनूठी पहचान और जिम्मेदारी प्रदान करता है। यहां के लोग प्रकृति के साथ आध्यात्मिक और पारंपरिक संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों ने अच्छा कार्य किया है, उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 22.5 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में दिए जायेंगे, इसमें से 2.5 करोड़ रुपये वित्तरित किए जा चुके हैं तथा शेष राशि इसी वर्ष उनके खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं से प्रकृति और वनों के संरक्षण के इस अभियान में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन स्थापित करें ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित, समृद्ध और हरा-भरा हिमाचल मिल सके। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत दोनों जिलों में 13,300 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण व भूमि बचाव का कार्य किया गया है। कांगड़ा व चंबा जिला में 8300 हेक्टेयर भूमि पर 61 हज़ार पौधे लगाए गए हैं जबकि शेष भूमि से लैंटाना हटाई गई है तथा यह परियोजना 30 मार्च, 2026 तक पूर्ण कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना ने साबित किया है कि जब नीति, प्रौद्योगिकी और जनता का सहयोग एक साथ जुड़ते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने वन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से परेशान लोगों की आवाज अब सीधे हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। भाजपा विधायक डॉ. जनक राज ने प्रदेश सरकार पर पांगी के साथ 'सौतेला व्यवहार' करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की गुहार लगाई है। शिमला में शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. जनक राज ने कहा कि अपने एक सप्ताह के पांगी प्रवास के दौरान उन्होंने पाया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधा न होने के कारण मरीजों को उपचार के लिए कुल्लू या जम्मू तक का सफर तय करना पड़ रहा है। विधायक ने आरोप लगाया कि पांगी में विकास नाम की कोई चीज नहीं है और सरकार द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने हिमाचल दिवस समारोह को भी मात्र 'शिष्टाचार' करार दिया, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं पूरी नहीं हुईं और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। जनक राज ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में उद्घाटन किए गए पांगी के मिनी सचिवालय की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के बाद से ही मिनी सचिवालय बंद पड़ा हुआ है, और मुख्यमंत्री का 15 अप्रैल का दौरा केवल औपचारिकता निभाने जैसा था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र को सरकार जानबूझकर अनदेखा कर रही है। विधायक ने महिलाओं को ₹1500 देने की घोषणा पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यह पैसा सब्सिडी के रूप में गरीबों के घरों के लिए स्वीकृत हुआ था, जिसे डायवर्ट किया गया। उन्होंने पांगी में मोबाइल नेटवर्क की खराब स्थिति, कई गांवों तक बिजली न पहुंचने और गंदे पानी की आपूर्ति पर भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि नालों से सीधे पाइप लगाकर बिना फिल्टर के पानी घरों में पहुंचाया जा रहा है, जिससे लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। हिमस्खलन प्रभावितों की अनदेखी और शिक्षा व्यवस्था का हाल जनक राज ने बताया कि सर्दियों में हिमस्खलन के कारण पांगी की कुमार पंचायत में कई घरों को नुकसान हुआ था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी प्रभावित परिवारों को कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अभी तक न तो तहसीलदार और न ही एसडीएम मौके पर पहुंचे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी पांगी की स्थिति दयनीय है, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसके अलावा, किलाड़ से चंबा के लिए चलने वाली बस को कुल्लू में बदला जा रहा है, जिससे लोगों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। विधायक ने बताया कि इन मुद्दों को विधानसभा में कई बार उठाया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
सतत और रसायन मुक्त कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य मंत्रिमंडल ने चंबा जिला के पांगी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल घोषित करने को स्वीकृति प्रदान की है, इसका उद्देश्य राज्य में प्राकृतिक खेती पारिस्थितिकी प्रणाली को मजबूत करना है। प्रदेश सरकार द्वारा पांगी घाटी में प्राकृतिक खेती पद्वति अपनाने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित किया जाएगा। यह संगठन प्राकृतिक पद्वति से उगाए गए उत्पादों के विपणन में सहायता प्रदान करने, फसल उत्पादन में अंतराल को दूर करने, प्राकृतिक उत्पादों की आपूर्ति और उत्पादन का समुचित प्रबंधन और उपज के लिए प्रभावी ग्रेडिंग, पैकेजिंग और बाजार लिंकेज सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि एफपीओ से किसानों को उनकी प्राकृतिक उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलने के साथ-साथ उपयुक्त बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर सीईटीएआरएएनएफ प्रणाली के तहत किसानों के समूहों को विकसित और प्रमाणित किया जाएगा, इस प्रणााली को राज्य भर में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए अपनाया गया है। इन प्रयासों से बड़े क्षेत्र प्रमाणन (एलएसी) का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसमें एक ही क्षेत्र में रसायन-मुक्त खेती को अनिवार्य किया गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, राज्य सरकार ने पांगी घाटी में भागीदारी गारंटी प्रणाली के तहत एलएसी प्रमाणन के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति को प्रमाणन प्रक्रिया शुरू करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य सौंपा गया है। प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के उदद्ेश्य से राज्य सरकार ने पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक खेती से उगाई गई जौ को 60 रुपये प्रति किलो ग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की घोषणा की है। इस पहल से पांगी जैसे दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय युवा और कृषक वर्ग पर्यावरण हितैषी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित होंगे और इन युवाओं को आजीविका का एक स्थाई साधन उपलब्ध होगा। प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम पांगी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील पत्थर साबित होगा। किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए 5 करोड़ रुपये का रीवालिंवग फंड देने की घोषणा की है।
चंबा: चंबा जिले की चुवाड़ी तहसील के बलोह गांव के पास बीती रात बादल फटने की एक दुखद घटना सामने आई है। इस आपदा में एक व्यक्ति की जान चली गई है, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावित परिवार को तत्काल ₹25,000 की अंतरिम राहत राशि प्रदान की है। इसके साथ ही, सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा में भेड़-बकरियों के हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश जारी किए हैं, ताकि पशुधन हानि का भी मुआवजा दिया जा सके। इस दुखद घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए, सरकार ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। साथ ही, शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और संबल प्रदान करने की कामना की है।
चंबा जिले के भरमौर-पठानकोट हाईवे पर दयालु पुल के समीप गुरुवार रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ। एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की पहचान महेंद्र कुमार, जो कि त्रिथा के रहने वाले थे, और अशोक कुमार, जो लाहड़ के निवासी थे, के रूप में हुई है। इस दुखद घटना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। हादसे में घायल हुए दो व्यक्तियों को तत्काल डलहौजी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों ने उन्हें आगे के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर कर दिया है। फिलहाल, इस भयानक हादसे के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि दुर्घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सके। चंबा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक यादव ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस द्वारा मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पांगी/ चंबा: हिमाचल प्रदेश के पांगी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत शूण के अंतर्गत सधारी गांव में सिंधारी नाले पर बनी पुलिया ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। प्रतिदिन इस खस्ताहाल पुलिया से गुजरने वाले सैकड़ों लोग अपनी सुरक्षा को लेकर दहशत में हैं। स्थानीय विधायक डॉ. जनक राज ने इस गंभीर मुद्दे पर सरकार को कई आरोप लगाए। उन्होंने इस पुलिया को खतरे का प्रतीक करार देते हुए कहा कि सरकार इस समस्या पर आंखें मूंदे बैठी है। जनक राज ने आरोप लगाया कि पूंजीगत व्यय में भारी कटौती के कारण पिछड़े और दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों का विकास बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने वर्तमान सरकार की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन को विफल बताते हुए कहा कि विकास कार्यों के लिए न तो पर्याप्त धन है और न ही सरकार में इच्छाशक्ति दिखाई दे रही है। व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ सत्ता में आई सरकार पर निशाना साधते हुए विधायक ने कहा कि पांगी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे यहां के लोगों का जीवन और मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने मांग उठाई कि सधारी पुलिया की खतरनाक स्थिति को तत्काल संज्ञान में लिया जाए। उन्होंने इस पुलिया के स्थायी समाधान के लिए तुरंत बजट आवंटित करने और ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि ग्रामीणों के जीवन को सुरक्षित किया जा सके।
पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद
चंबा जिले के तीसा उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने बागवानी जगत में हलचल मचा दी है। यहां मनरेगा के तहत खरीदे गए तीन करोड़ रुपये के सेब के पौधों की खरीद में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।अनियमितता के चलते तत्कालीन खंड विकास अधिकारी (BDO) मनीश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। कुछ समय पहले सनवाल पंचायत में सेब के पौधों की खरीद में गड़बड़ी की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। मामला इतना गंभीर था कि एसडीएम ने इसकी विस्तृत जांच की। एसडीएम की जांच रिपोर्ट में मनरेगा के तहत हुई इस महंगी खरीद में कई चौंकाने वाली अनियमितताएं उजागर हुईं। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने मामले की गहराई से पड़ताल की और विभागीय जांच में भी गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इसी के चलते ग्रामीण विकास विभाग ने तीसा के तत्कालीन BDO मनीश कुमार पर गाज गिराते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत सनवाल में मनरेगा के तहत लगभग तीन करोड़ रुपये के सेब के पौधों की खरीद में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसी वजह से तत्कालीन खंड विकास अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। अब देखना यह है कि इस 'मीठे' सौदे की कड़वी सच्चाई आगे क्या मोड़ लेती है और इस गड़बड़ी में और कौन-कौन शामिल पाया जाता है।
हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दुर्गम पांगी घाटी के धनवास में एक मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी। इस परियोजना को लगभग 10.50 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नवंबर, 2025 से पहले पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस परियोजना के स्थापित होने से पांगी घाटी की सभी 19 पंचायतों को सर्दियों में भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में 500 किलोवाट की बैटरी स्टोरेज सुविधा से रात के समय भी बिजली की आपूर्ति होगी। इससे क्षेत्र में लोड शैडिंग की समस्या समाप्त होगी और विद्युत व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि 2.2 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस संयंत्र में 2,400 सौर पैनल लगाए जाएंगे जिससे हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और इस दिशा में हरसंभव प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने करयास पंचायत के चार महिला मण्डल भवनों के निर्माण के लिए 25-25 लाख रुपये तथा इनमें आवश्यक सामान की खरीद के लिए एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने करयास पंचायत में मंदिर सड़क के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक सुन्दर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम और विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
अब चम्बा जिले की महलाओं को भी इंदिरा गांधी सम्मान निधि योजना के तहत 1500-1500 रुपए का लाभ मिलेगा। ये घोषणा आज हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पांगी घाटी में आयोजित कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने पांगी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सीएम ने पांगी घाटी की महिलाओं को इंदिरा गांधी सम्मान निधि योजना के तहत 1500-1500 रुपए की तीन किस्त जारी करने की घोषणा का ऐलान किया और कहा कि यह किस्तें अप्रैल, मई और जून के महीनों के लिए हैं, और जल्द ही महिलाओं के खातों में आ जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश की बाकी पात्र महिलाओं को भी यह सम्मान निधि जल्द ही मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने पांगी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनमें सिविल हॉस्पिटल पांगी को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाना, पांगी घाटी में 10 लीटर का मिल्क प्लांट स्थापित करना और राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलना शामिल है। उन्होंने पांगी के साच में तहसील बनाने की भी घोषणा की और क्षेत्र में 62 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को भी बड़ी राहत देते हुए 1 जून से डीए की तीन प्रतिशत अतिरिक्त किस्त जारी करने की घोषणा की। इसके साथ ही, 70 से 75 वर्ष के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। पांगी घाटी के बेरोजगार युवाओं के लिए 20 बस परमिट जारी करने का भी ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को जिला चम्बा के पांगी प्रवास के दौरान क्षेत्रवासियों के लिए करोड़ो रुपये लागत की 14 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री किलाड़ में 3.75 करोड़ रुपये लागत के कृषि विभाग के आवासीय कमरों, राजकीय उच्च विद्यालय लुज में 1.5 करोड़ रुपये लागत से बनने वाले अतिरिक्त कमरों, राजकीय उच्च विद्यालय मिंधल में 1.5 करोड़ रुपये की लागत के अतिरिक्त कमरों, किलाड़ में 2.13 करोड़ रुपये की लागत के मार्केट यार्ड, किलाड़ में 49.42 लाख रुपये लागत के राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के नए कार्यालय, 1.99 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले स्वास्थ्य उप-केन्द्र रेई तथा 1.99 करोड़ रुपये की लागत के स्वास्थ्य उप-केन्द्र हुडान का शिलान्यास किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 20.88 करोड़ रुपये लागत से निर्मित मिनी सचिवालय भवन किलाड़, 5.62 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आईटीआई भवन किलाड़, किलाड़ में 5.29 करोड़ रुपये लागत से निर्मित बस स्टेंड, किलाड़ में 2.98 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टेंड के लिए वैकल्पिक मार्ग, 19.83 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नागरिक अस्पताल किलाड़ का भी लोकार्पण किया। वही मुख्यमंत्री ने किलाड़ में हि.प्र. राज्य सहकारी बैंक के एटीएम का शुभारम्भ भी किया तथा किलाड़ में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह परिसर में पौध रोपण कार्यक्रम में भाग लिया।
सरार, हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के सलूनी तहसील का एक छोटा सा गांव, जो सलूनी से लगभग 8 किलोमीटर और चम्बा से 60 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गांव अपने शांतिपूर्ण वातावरण और अपूर्व प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। चारों ओर हरे-भरे पहाड़, घने जंगल और ताजगी से भरपूर हवा इस गांव को एक आदर्श स्थान बनाते हैं। गांव सरार में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है - वासुकी नाग जी का मंदिर। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी अद्भुत वास्तुकला और शांतिपूर्ण वातावरण भी लोगों को आकर्षित करता है। गांव के पास एक सुंदर झील भी है, जो एक समय में लगभग 12 बीघा में फैली हुई थी। यह झील गांव की प्राकृतिक सुंदरता का अहम हिस्सा थी, लेकिन बढ़ते प्रदूषण और गंदगी के कारण इसका पानी सूख गया है। यहाँ के लोगों का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, अगर झील को साफ और संरक्षित किया जाए, तो यह फिर से अपनी खोई हुई सुंदरता को प्राप्त कर सकती है और पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन सकती है। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस झील का जीर्णोद्धार करते हैं, तो यह न केवल गांव की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित कर सकता है, बल्कि यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन सकता है। झील के पुनर्निर्माण से पर्यटक यहां आ सकते हैं और गांव की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। सरार गांव, इसके मंदिर, झील और पहाड़ों के साथ, प्रकृति प्रेमियों और शांति चाहने वालों के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है। यदि इसे एक संरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो यह न केवल गांव की सुंदरता को बचा सकता है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
पिछले 24 घंटों से हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचाई है। बारिश के कारण कई नदियाँ उफान पर आ गईं हैं, वहीं भूस्खलन और बर्फबारी से प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और मंडी जैसे इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। भारी बारिश और बर्फबारी के चलते चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में शैक्षिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। वही मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। सड़कें बंद और लैंडस्लाइड्स: नेशनल हाईवे 5, जो शिमला को किन्नौर से जोड़ता है, निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। इसके अलावा, होली-चंबा सड़क भी गरोला के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गई है। इस भूस्खलन में एक बस भी पलट गई, लेकिन गनीमत रही कि वह खाई में नहीं गिरी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। कुल्लू में जलस्तर बढ़ा और लैंडस्लाइड: कुल्लू के गांधीनगर में नाले का जलस्तर बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ है। वहीं, सोलंग नाला में तीन फीट तक ताजा बर्फबारी हुई, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और यातायात बाधित हुआ है। कुल्लू जिले के बंजार तहसील में हॉस्पिटल के पास भी भूस्खलन हुआ, जिससे एक गाड़ी इसकी चपेट में आ गई। ऊहल नदी का उफान और शानन परियोजना: ऊहल नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण शानन परियोजना के बैराज गेट खोलने पड़े हैं। निचले इलाकों में रहने वालों को नदी किनारे सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पांवटा साहिब में लैंडस्लाइड के कारण NH-707 तीन घंटे से बंद है, जिससे यात्री परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने भारी बारिश के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से, भूस्खलन और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिसके कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहेगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी रहेगी। खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। लाहौल स्पीति में पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी ने इलाके की स्थिति को गंभीर बना दिया है। कई इलाकों में तीन फीट से भी अधिक बर्फबारी हो चुकी है, जिससे पूरा जिला बाकी दुनिया से कट चुका है। अटल टनल रोहतांग भी वाहनों के लिए बंद कर दी गई है। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लाहौल स्पीति प्रशासन ने हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया है। अधिक ढलान वाले इलाकों में बर्फ के पहाड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहें। सड़कें और बिजली आपूर्ति पर असर किन्नौर और लाहौल स्पीति में ताजा बर्फबारी के कारण 220 से अधिक सड़कों और 250 बिजली ट्रांसफार्मरों का संचालन ठप हो गया है। इससे क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई है और यातायात प्रभावित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है। मौसम विभाग ने आम नागरिकों को घरों में सुरक्षित रहने और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। मौसम की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए लोगों से अपील की जाती है कि वे प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुक्खू सरकार द्वारा नायब तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने की अधिसूचना जारी करने के बाद से संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ में नाराजगी है। इस निर्णय को लेकर महासंघ ने आगामी 25 और 27 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है, जिसका असर प्रदेशभर में लोगों के प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां, लोन, और ई-केवाईसी प्रक्रियाओं पर पड़ेगा। इससे आम जनता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने दो दिन के भीतर उचित निर्णय नहीं लिया, तो 28 फरवरी से वे अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर देंगे। सुक्खू सरकार ने राज्य कैडर की अधिसूचना जारी कर नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन चैनल को प्रभावित कर दिया है, जिससे महासंघ के सदस्य परेशान हैं। राज्य में इन पदों पर कुल 3,342 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 488 पद खाली हैं। 2,828 पटवारी और कानूनगो 25 और 27 फरवरी को अवकाश पर जाएंगे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ सकती है। यह पहली बार नहीं है कि इन कर्मचारियों ने विरोध किया है। पिछले साल जुलाई में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था और 15 अगस्त को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई बैठक के बाद ही उन्होंने काम पर लौटने का निर्णय लिया था। इसके बाद, महासंघ ने अपनी आठ मुख्य मांगों को बलवान कमेटी के सामने रखा था, जो अब सरकार के पास सिफारिश भेज चुकी है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी 4 दिन मौसम खराब रहने का अनुमान, प्रदेश भर में अच्छी बारिश-बर्फबारी की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र 25 फरवरी की देर शाम से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान जताया है. प्रदेश भर में इसका असर 28 फरवरी तक देखने को मिलेगा. मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि 26 और 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश बर्फबारी होने के आसार हैं. वहीं अब तक प्रदेश में सर्दियां शुष्क रही हैं. पूरे सीजन के दौरान प्रदेश में सामान्य से लगभग 69 फ़ीसदी कब बारिश दर्ज की गई है. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र में मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि. 25 फरवरी की देर शाम से हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका असर 28 फरवरी तक प्रदेश भर में देखने को मिलेगा. वहीं पहली और दो मार्च को भी प्रदेश भर में मौसम खराब बना रहेगा. इस दौरान 26 और 27 फरवरी को प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अच्छी बारिश बर्फबारी होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है. इसको देखते हुए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस बार सर्दियां शुष्क रही हैं. प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश बर्फबारी दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से 69 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज की गई. जनवरी महीने में सामान्य 85 फ़ीसदी कम बारिश हुई. वहीं फरवरी महीने में अब तक सामान्य से 52 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसके चलते पूरे सीजन के दौरान दिन के तापमान औसतन चार से पांच डिग्री ऊपर देखने को मिले. फिलहाल प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य चल रहे हैं मगर दिन के तापमान में उछाल देखा जा रहा है. हालांकि प्रदेश में मौसम बिगड़ने के बाद दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. इसके चलते मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 26 और 27 फरवरी को प्रदेश में कोल्ड डे का अलर्ट भी जारी किया गया है
जल शक्ति मंडल चम्बा में हुई भर्ती के विरोध में जिला मुख्यालय चम्बा में आज एक बार फिर युवाओं ने एकजुट होकर आक्रोश रैली निकाली। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जय सिंह की अगुवाई में तहसील कार्यालय चम्बा से आरंभ हुई आक्रोश रैली डीसी ऑफ़िस पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान युवाओं ने जमकर नारेबाजी भी की। युवाओं ने डीसी चम्बा मुकेश रेपस्वाल से मुलाकात करके उनके द्वारा की गई जांच के बारे में जानकारी मांगी। डीसी ने उन्हें भर्ती से संबंधित दस्तावेज भी दिखाए लेकिन युवाओं ने इस पर असंतोष प्रकट किया। इसके उपरांत युवाओं ने डीसी ऑफ़िस के बाहर पहुंचकर दोबारा नारेबाजी की। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक भर्ती मामले की जांच पूरी नहीं होगी तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि युवा बीते 1 सप्ताह से भर्ती मामले की जांच को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। युवाओं ने गत शनिवार भी डीसी ऑफ़िस में धरना दिया था और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जय सिंह ने आत्मदाह करने का प्रयास भी किया था। लेकिन डीसी से गुरुवार तक जांच प्रक्रिया पूर्ण के आश्वासन मिलने के बाद धरना प्रदर्शन और आत्मदाह को टाल दिया गया था। जय सिंह ने कहा कि आज डीसी चम्बा जांच को लेकर संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए हैं। उन्होंने भर्ती को लेकर जो धांधली के आरोप लगाए थे, उनकी जांच डीसी चम्बा ने नहीं की है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि अब वे कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का चम्बा पहुंचने पर घेराव करेंगे और काले झंडे दिखाकर चम्बा में उनका स्वागत करेंगे।
** चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका हिमाचल में आज देर रात से मौसम करवट बदलने वाला है। मौसम विभाग ने आज देर रात से कई हिस्सों में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।इस दौरान खास कर चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है। इसके साथ ही शिमला में बारिश जबकि कुफरी नारकंडा ओर ऊपरी क्षेत्रो में बर्फबारी हो सकती है। 20 फरवरी को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में आंधी व तूफान चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है। 21 से 23 फरवरी तक अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही मौसम खराब रहेगा। इससे लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिला की अधिक ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ हो जाएगा। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान मौसम साफ बना रहा है लेकिन आज डेरा से प्रदेश में पश्चिमी विकशॉप सक्रिय हो रहा है जिसके चलते देर रात से प्रदेश के चार जिलों में कांगड़ा मंडी कुल्लू चंबा में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी मौसम खराब बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विकशॉप का असर 21 फरवरी की सुबह तक रहेगा इसके बाद मौसम साफ रहेगा। बीते दिनों मौसम साफ रहने से तापमान में उछाल आया है लेकिन बारिश और बराबरी होने से तापमान में भारी गिरावट आने की भी आशंका है। प्रदेश में इस बार सर्दियों में भी सूखे जैसे हालात बने हुए है। शिमला सहित कई हिस्सों में बर्फबारी बारिश काफी कम हुई हुई है। इस विंटर सीजन एक जनवरी से 17 फरवरी के बीच में नॉर्मल से 79 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 142.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 29.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है।इसकी मार गेहूं की फसल के अलावा सेब के बगीचों पर पड़ रही है। हालांकि आगामी दो दिन बारिश बर्फबारी को।लेकर अलर्ट जारी किया गया है ऐसे में किसान बागवानों को राहत मिल सकती है।
प्रदेश में बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से राज्य के किसान और बागवान परेशान नजर आ रहे हैं. जनवरी महीने में 84 फ़ीसदी और फरवरी महीने के 11 दिनों में 51 फ़ीसदी तक कम बारिश हुई है. बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से नकदी फसल के साथ सेब की पैदावार पर खतरा मंडरा रहा है. किसान-बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर खासे चिंतित हैं. राज्य में कई ऐसे किसान और बागवान हैं, जिनकी रोज़ी-रोटी इसी के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर मौसम का साथ नहीं मिलेगा, तो आने वाले समय में परेशानियां बढ़ सकती हैं. यह राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ रहा है. बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर बेहद चिंतित हैं. सर्दियों के मौसम में अब तक नाममात्र की बर्फबारी हुई है. बर्फबारी न होने की वजह से पौधे की जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं. यही नहीं, बर्फबारी होने से कई ऐसे कीड़े-मकौड़े भी मर जाते हैं, जो पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.वहीं, युवा बागवान मोहित शर्मा ने भी बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा. बेहतर पैदावार के लिए पौधे को नमी की जरूरत होती है. बर्फ न होने की वजह से नमी नहीं मिल पा रही है. यह सभी बागवानों के लिए चिंता का विषय है.
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर दो दिनों तक मौसम खराब रहने वाला है. हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा. इस दौरान जिला चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. साथ ही जिला शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि अन्य स्थानों पर केवल बादल छाए रहेंगे और बारिश या बर्फबारी जैसे कोई भी असर देखने को नहीं मिलेंगे.मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है, जिसका असर हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले जिले चंबा, कुल्लू लाहौल स्पीति और किन्नौर में देखने को मिलेगा. इससे शिमला जिला के ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की बर्फबारी देखने को मिल सकती है. हालांकि शहर पर बादल छाए रहेंगे. लेकिन, बारिश और बराबरी की कोई भी संभावना नहीं है. शोभित कटियार ने बताया कि इसके बाद अगले तीन दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा. इसके बाद 14 और 15 फरवरी को लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. साथ ही 17, 18 और 19 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों पर तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश देखने को मिलेगी. कटियार ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहे है, जो आने वाले दिनों में सामान्य हो जाएंगे.
हिमाचल: बिजली बोर्ड में 706 पद खत्म करने पर इंजीनियर-कर्मचारी नाराज, आज काले बिल्ले लगाकर देंगे सेवा
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 706 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इस निर्णय के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से काले बिल्ले पहनकर काम करने का निर्णय लिया है। शिमला स्थित मुख्य कार्यालय सहित राज्य के अन्य विद्युत मंडल और उप मंडल में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी इस विरोध में शामिल होंगे।यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था। अब, 706 पदों की समाप्ति के कारण कार्यभार बढ़ने से कर्मचारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। इसी कारण, कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें वे केवल निर्धारित समय तक ही काम करेंगे।अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो कर्मचारियों ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर 11 फरवरी को हमीरपुर में पंचायत आयोजित की जाएगी, और इसके बाद अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे राज्य सरकार को फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की। हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को प्रदेश में आउटसोर्स पॉलिसी के तहत होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उचित नियम बनाए जाएं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत के आदेशों के पालन के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि, 8 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बताया कि वेकेशन के कारण केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके बाद, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला वर्ष 2022 में दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए थे। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत भर्तियां बिना पारदर्शिता के की जा रही हैं और कारपोरेशन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां भी कटघरे में हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के तहत नियुक्तियां स्वीकार नहीं की जाएं और विभाग को स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (WD) के सक्रिय होने से होने वाला है । मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी के ऊंचे इलाकों में 8 और 10 फरवरी को बारिश-बर्फबारी का अधिक प्रभाव रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान इन क्षेत्रों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। हालांकि, प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा। हिमाचल के कई इलाकों में ठंड बढ़ी प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी सर्दी बढ़ी है। शिमला में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि प्रदेश का सबसे गर्म शहर ऊना का तापमान गिरकर 2.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट आई है, जैसे कि भुंतर (2.0 डिग्री), धर्मशाला (4.8 डिग्री), पालमपुर (3.5 डिग्री), सोलन (2.6 डिग्री) और बिलासपुर (3.9 डिग्री)। इस सर्द मौसम के बीच, हिमाचल प्रदेश के उच्च क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण ठंड और बढ़ सकती है। विंटर सीजन में कम बारिश-बर्फबारी विंटर सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 72 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। 1 जनवरी से 7 फरवरी तक 29.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से 104.7 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष बर्फबारी और बारिश का स्तर काफी कम रहने से प्रदेश में सूखा और ठंड बढ़ने का असर देखा गया है।
**राज्यपाल ने कर्मचारी भर्ती विधेयक 2024 को दी मंजूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2003 के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ देने पर रोक लगा दी है। राज्यपाल शिव प्रताप की मंजूरी के बाद, राज्य सरकार ने हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 को ई-गजट में प्रकाशित कर दिया है। यह विधेयक विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद सुक्खू सरकार द्वारा पारित किया गया था। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद, इस संशोधित विधेयक के तहत कर्मचारियों को उनके नियमित नियुक्ति की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे। इससे पहले, उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ दिए जा रहे थे, जिससे राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। क्यों किया गया यह बदलाव? सालों तक अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ और सिनियरिटी देने के आदेशों के चलते राज्य सरकार को भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा था। उच्च न्यायालय ने कुछ कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ देने का आदेश दिया था, और इसके कारण सरकार पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ रहा था। इसके साथ ही, कर्मचारियों की सिनियरिटी लिस्ट में पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों को भी संशोधित करना पड़ रहा था। यह स्थिति विशेष रूप से कांग्रेस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई थी, क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति पहले ही गंभीर संकट का सामना कर रही थी। इन कारणों से, राज्य सरकार ने इस बदलाव की जरूरत महसूस की और हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 में संशोधन किया। अब इस विधेयक के तहत कर्मचारियों को केवल उनकी नियमित सेवा की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे, अनुबंध सेवाकाल को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। विधेयक में संशोधन के बाद क्या बदलेगा? इस संशोधन से, कर्मचारियों को बैकडेट से लाभ और सिनियरिटी नहीं मिलेगी, जो पहले उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण मिल रही थी। सरकार के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि इससे सरकार को आने वाले वर्षों में वित्तीय बोझ से बचने में मदद मिलेगी। अब कर्मचारियों को नियमित होने की तिथि से लाभ मिलेगा, और इस नए बदलाव के बाद यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अनुबंध सेवाकाल को सिनियरिटी और वित्तीय लाभ के लिए नहीं जोड़ा जाएगा। राज्यपाल से मिली मंजूरी बीते गुरुवार को शाम मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और विधेयक को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। गुरुवार को, मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से इस विधेयक की मंजूरी के लिए आग्रह किया, जिसके बाद राज्यपाल ने 24 घंटे के भीतर विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद राज्य सरकार ने देर शाम इसे राजपत्र में प्रकाशित किया।
**5 फरवरी दोपहर तक दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर **लहौल-स्पिति, किन्नौर चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना **फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना हिमाचल प्रदेश में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। आज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी व मध्यवर्ती तथा मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की माने तो प्रदेशभर में आज दोपहर बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान लहौल-स्पिति, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। वहीं मध्यवर्ती व मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है जबकि कई क्षेत्रों में अंधड़-आंधी भी चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 4 फरवरी से पूरे उत्तर भारत मे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। हिमाचल प्रदेश में आज सुबह से ही बादल छाए हैं। लाहौल स्पीति व किन्नौर में सुबह से ही हल्की बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। पूरे प्रदेश भर में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्र में बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ का मुख्यतः असर 4 फरवरी की मध्य रात्रि को देखने को मिलेगा और यह 5 फरवरी की दोपहर तक रहेगा। उनोने कहा कि जनवरी माह में मात्र 13.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से काफी कम है। अमूमन जनवरी माह में 83.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष जनवरी माह में 84%कम बारिश हुई है जो1901 से नौवीं बार कम बारिश हुई है। यह पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर होने का असर है। आने वाले दो दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी उसके बाद फिर तापमानों में उछाल आएगा। वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है। मंगलवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश भर में सुबह से ही बादल छाए रहे।पश्चिमी विक्षोभ का असर 4फरवरी की मध्यरात्रि को ज्यादा देखने को मिल सकता है 5 फरवरी की दोपहर से मौसम साफ हो जाएगा।वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है।
**कहा, सुक्खू सरकार ने दो साल में नहीं किया कोई काम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा सुझाए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है और इसके बजाय, भाजपा विधायकों को प्रताड़ित किया जा रहा ह। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने क्षेत्रों की जरूरतों और विकास कार्यों को सरकार के सामने रखते हैं, लेकिन सरकार उनकी प्राथमिकताओं को अनसुना कर देती है। इसके बजाय, कांग्रेस के हार चुके और नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। अगर सरकार भाजपा विधायकों की बात नहीं सुन रही, तो विधायक प्राथमिकता बैठक का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए भाजपा विधायक दल इस बैठक का बहिष्कार करेगा। पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों के उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप भी जयराम ठाकुर ने लगाया। उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जा रहा, और उद्घाटन पट्टिका पर उनका नाम तक नहीं लिखा जा रहा। इसके बजाय, कांग्रेस के नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार के बाद से पुलिस का दुरुपयोग बढ़ गया है। भाजपा के विधायक और नेता सत्ता के दुरुपयोग के कारण लगातार प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को घंटों थाने में बैठाया जा रहा है और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, जैसे रोहतांग, पांगी और भरमौर में हिमपात हुआ, जबकि राजधानी शिमला और मनाली समेत मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई, और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, लेकिन 4 और 5 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। शनिवार को भरमौर और पांगी की ऊपरी चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश से किसानों और बागवानों को राहत मिली है क्योंकि खेतों की नमी बढ़ी है, जिससे फसलों को फायदा होगा। कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में भी सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी जारी रही। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, राजा घेपन पीक और सीवी रेंज की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में किसानों को लेकर महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से किसानों को कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी और वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक यह सुविधा अधिकतर छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित थी, लेकिन इस सीमा में बढ़ोतरी से अब अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे। कृषि क्षेत्र को समर्पित इस बजट प्रस्ताव से सरकार का मकसद है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए। साथ ही, यह कदम कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और किसान की आय दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
एक तरफ जहां हमारे समाज में गऊ पालन को धर्म से जोड़कर देखा जाता रहा है और एक धर्म विशेष पर लगातार गौवंश की हत्या के आरोप लगाए जाते हैं वहीं चम्बा के तीसा के मुस्लिम परिवार ने मिसाल पेश की जा रही है। बट्ट परिवार के सदस्य परवेज अली बट्ट ने मंजीर गोसदन के एक गोवंश को गोद लिया है। परवेज भट्ट गोसदन में एक गौवंश का पूरा खर्चा उठाएंगे। यही नही उन्होंने वहीं गोसदन में रखे जाने वाले पशुधन को सर्दी से बचाने हेतु गोसदन के भवन के चारों और तिरपाल की व्यवस्था इत्यादि हेतु 31 हजार रुपए गो सदन संचालकों को दिए किए हैं। सलूणी के तहत मंजीर में करोड़ों रुपए की लागत से गोसदन का निर्माण करवाया गया है। जहां कि सड़कों पर छोड़ दिए गए लगभग दो सौ गोवंश को रखने की क्षमता है। इस गोसदन में रखे जाने वाले गोवंश की देखरेख का जिम्मा राष्ट्रीय स्तर की गैर सरकारी संस्था सर्वोदय ह्युमन एंड नेचर डेवलपमेंट द्वारा उठाया गया है। ऐसे में संस्था के द्वारा एक परिवार को एक गोवंश गोद लिए जाने की अनूठी पहल(अभियान) की शुरुआत गई है। संस्था की इस पहल के तहत परवेज अली बट्ट सबसे पहले आगे आए हैं। वीरवार को बट्ट नर्सिंग कॉलेज बोंखरी मोड़ में परवेज अली बट्ट से मिलने पहुंचे संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन कुमार व महासचिव अजय कुमार के आग्रह पर फौरन हामी भरते हुए बट्ट ने मंजीर गोसदन के एक गोवंश को गोद लिया वहीं गोसदन के भवन के चारों और तिरपाल लगवाने व अन्य व्यवस्थाओं हेतु 31 हजार रुपए प्रदान किए। जबकि गोसदन के संचालन हेतु अपनी ओर से हर संभव सहयोग देने की हामी भरी। जिसके लिए गोसदन संचालकों ने परवेज अली बट्ट का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी परवेज अली बट्ट द्वारा गंगा जमुनी तहजीब के तहत हिंदू पर्वों के सफल आयोजन के लिए अपनी ओर से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। बट्ट द्वारा हर वर्ष बनीखेत में आयोजित होने वाली श्रीरामलीला के सफल आयोजन में भी अपनी और से बढ़चढ़ कर आर्थिक सहयोग किया जाता है। परवेज अली बट्ट ने कहा कि गोवंश का धार्मिक आस्था से भी जुड़ाव है। मगर खेद का विषय है कि कुछ स्वार्थी लोग अपना लाभ ले लेने के बाद गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं। परवेज अली बट्ट ने कहा कि ईश्वर अल्लाह एक हैं और सभी धर्म मानवता का संदेश देते हैं। ऐसे में हमें अपना मानवता का फर्ज निभाते हुए सड़कों पर छोड़े गए बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने जिला के अन्य साधन संपन्न लोगों से भी मंजीर स्थित गोसदन के एक एक गोवंश को गोद लेने का आह्वान किया है।
हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट बदलेगा। आज रात से ही प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो जाएगा और अगले छह दिनों तक इसका असर देखने को मिलेगा। खास तौर पर 4 फरवरी को बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जाहिर की है। इस दौरान =मध्य व उच्च पर्वतीय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं प्रदेश के ज्यादातर भागों में 2 फरवरी को मौसम साफ हो जाएगा। जबकि 3 फरवरी से अगले दो दिन तक फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। बारिश और बर्फबारी से पहले तापमान में ही हल्का उछाल आया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक हो गया है। मनाली के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.9 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह कल्पा का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक हो गया है।
1980 में भाजपा के गठन के बाद से हिमाचल में अब तक 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है।सतपाल सिंह सत्ती सबसे अधिक दस साल तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे, तो खीमीराम शर्मा को सबसे कम कार्यकाल मिला। हालांकि सबसे छोटा कार्यकाल डॉ राजीव बिंदल के नाम है जो वर्तमान में दुरसी बार अध्यक्ष है। साल 2020 में उनका पहला कार्यकाल महज 186 दिन का रहा था। तब कोरोना काल में हुए घोटाले में उनका नाम उछाला और नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। सिलसिलेवार बात करें तो हिमाचल भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने ठाकुर गंगाराम जो मंडी से ताल्लुक रखते थे। वे 1984 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद शिमला संसदीय हलके के अर्की से सम्बन्ध रखने वाले नगीनचंद पाल भाजपा के अध्यक्ष बने, और 1986 तक पद पर रहे। 1986 में शांता कुमार हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने और 1990 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। शांता कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुल्लू के महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक इस पद पर रहे। पर 1993 में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद महेश्वर की विदाई हो गई और एंट्री हुई प्रो प्रेम कुमार धूमल की। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई और धूमल सीएम बने। फिर सुरेश चंदेल दो साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे और साल 2000 से लेकर 2003 तक जयकिशन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। धूमल, सुरेश चंदेल और जयकिशन शर्मा, तीनों ही हमीरपुर संसदीय हलके से थे। साल 2003 में सुरेश भारद्वाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2007 तक इस पद पर रहे। भारद्वाज के बाद दो साल एक लिए जयराम ठाकुर और फिर 2009 से 2010 खीमीराम शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली। 2010 में भाजपा अध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह सत्ती की ताजपोशी हुई और वे दस साल लगातार अध्यक्ष रहे। सबसे अधिक वक्त तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब भी सत्ती के नाम है। सत्ती की विदाई के बाद डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हुई लेकिन कोरोना काल में घोटाले के आरोप के बाद बिंदल को महज 186 दिन बाद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। ये हिमाचल में किसी भी भाजपा अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल है। बिंदल के बाद सुरेश कश्यप को कमान सौपी गई और अप्रैल 2023 तक कश्यप पार्टी अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिंदल की दोबारा बतौर अध्यक्ष एंट्री हुई। अब बिंदल को पार्टी फिर मौका देती है या नहीं, ये सवाल बना हुआ है।
आज जिला चम्बा के NPSEA जिला अध्यक्ष, सुनील जरियाल, ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से UPS को लागू करने की अधिसूचना जारी की है, जिसके खिलाफ पूरे देश में विरोध का माहौल बन गया है। जरियाल ने इस फैसले को कर्मचारियों के खिलाफ बताते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की है, जबकि केंद्र सरकार अब कर्मचारियों को UPS के जरिए आर्थिक संकट में डालने की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि UPS में कर्मचारियों को अपनी पूरी जीवन भर की जमा पूंजी छोड़नी पड़ेगी, जबकि NPS में सेवानिवृत्ति पर 60% राशि वापस मिल जाती है। जरियाल ने यह भी कहा कि UPS में कर्मचारियों को 50% पेंशन तब मिलेगी, जब वे कम से कम 25 वर्षों तक नियमित सेवा देंगे। अगर कर्मचारी स्वेच्छापूर्वक सेवा से सेवानिवृत्त होते हैं तो उनका नुकसान और बढ़ जाएगा, क्योंकि उन्हें पेंशन पाने के लिए 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी। इसके अलावा UPS में कई अन्य छुपी हुई शर्तें भी हैं, जो कर्मचारियों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि OPS, NPS और UPS में से OPS कर्मचारियों के लिए सबसे लाभकारी है। जरियाल ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह 1 अप्रैल 2025 से UPS को लागू करने की बजाय, OPS को लागू करें, ताकि एक देश, एक संविधान और एक पेंशन का उदाहरण स्थापित हो सके। अन्यथा, केंद्र सरकार को कर्मचारियों को ठगने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
आज एनएमओपीएस (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, नई पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में UPS की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध किया गया। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य ओपीएस (Old Pension Scheme) के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना था। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों के इस आंदोलन में समर्थन करें और UPS के नुकसानों के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आ सकें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 वर्षों से चल रहे विरोध और आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी UPS का काफी विरोध हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें कई खामियां हैं। इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से सामने आई है, जो इसकी प्रचारित अच्छाइयों पर भारी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के मामले में सामने आती है। अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनता है तो उसे पेंशन कब से मिलेगी? यह सवाल जब वित्त सचिव से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, UPS के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्कीम में इस खामी के चलते कर्मचारियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उनका ये भी कहना है कि देश में विभिन्न विभागों में रिटायरमेंट की आयु अलग-अलग है। उदाहरण के तौर पर, विश्वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयु 65 साल है, जबकि कुछ विभागों में यह 60 वर्ष या 58 वर्ष है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो उसे पेंशन के लिए दो साल का इंतजार करना होगा। वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र पर वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी करने वाला युवा अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके वीआरएस लेना चाहे, तो उसे यूपीएस के तहत पेंशन पाने का कोई विकल्प 10 सालों तक नहीं होगा। इस पर सवाल उठता है कि अगले 10 सालों तक वह जीवित रहेगा या नहीं, इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। वहीं अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आता है, तो इस स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन तय की गई है। हालांकि यह फायदा भी तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी की हो। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से पहले सेवा छोड़ दी, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। UPS में कर्मचारियों का योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान करेगी। पुरानी पेंशन में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं करना पड़ता और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है, जो लगभग अंतिम वेतन का 50% होती है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी UPS का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, बदलाव या वित्तीय लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। UPS के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे - एक व्यक्तिगत फंड, जिसमें कर्मचारी और सरकार का योगदान होगा, और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1 अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था, तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था, लेकिन जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगे, तो किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपये पेंशन मिली। अब भविष्य में भी क्या मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि UPS में पुरानी पेंशन (OPS) जैसा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेंगे और NPS तथा UPS का विरोध जारी रखेंगे।
शिमला: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और एरियर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारी और पेंशनर एक बार फिर मायूस हो गए।सरकार की ओर से इस मौके पर कई विकास कार्यों की घोषणाएं की गईं, लेकिन DA-एरियर पर कोई स्पष्ट ऐलान नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में निराशा बढ़ गई है। दरअसल, कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से बकाया DA और एरियर की मांग कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में DA का भुगतान उनकी सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार पहले से ही आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। उधर, कर्मचारियों और पेंशनरों ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल घोषणाओं का दौर चलता है, लेकिन उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब ऐसे में DA-एरियर पर सरकार का कोई ठोस फैसला कब आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स गणतंत्र दिवस के दिन का इंतजार कर रहे है और उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कल सुक्खू सरकार कोई बड़ी घोषणा कर देंगे।
** प्रदेश के दो विश्वविद्यालय करेंगे भांग की खेती पर रिसर्च हिमाचल प्रदेश में भविष्य में भांग की खेती को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस पर पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा कि कैसे यह खेती की जाएगी। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे, और उसी के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। पहले इसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा अध्ययन किया जा रहा था, लेकिन अब कृषि विभाग को इसे लागू करने के लिए नोडल डिपार्टमेंट बना दिया गया है।इससे पहले, विधानसभा के मानसून सत्र में भांग की खेती से संबंधित सिफारिशें विधानसभा कमेटी ने दी थीं। अब, डा.वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विशेषज्ञों को भांग की खेती पर पायलट अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस अध्ययन की सिफारिशों पर कृषि विभाग भांग की खेती को आगे बढ़ाएगा। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने इसके प्रारूप को तैयार किया और दूसरे राज्यों में अध्ययन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, एनडीपीएस अधिनियम 1985 में संशोधन किया जाएगा ताकि औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित वातावरण में वैध किया जा सके।सरकार का दावा है कि भांग की खेती से प्रदेश की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने की मंजूरी दी है ताकि प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही, कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच रोप-वे स्थापित करने की मंजूरी भी दी गई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।