मंडी संसदीय उपचुनाव: जिला के नौ में से आठ विस क्षेत्रों में पिछड़ी है कांग्रेस
मंडी संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव बेशक कांग्रेस जीत गई हो लेकिन जिला मंडी में पार्टी के दिन फिरते नहीं दिख रहे। संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली जिला की नौ सीटों में से आठ पर कांग्रेस पिछड़ी है। जिला में सिर्फ नाचन में कांग्रेस को बढ़त मिली, बाकी सब जगह भाजपा आगे रही। उपचुनाव में पार्टी के बड़े नेताओं का बड़ा अहम और सुनहरे अतीत पर टिका उनका वहम दोनों जनता ने दूर कर दिए। 2022 से पहले ये स्थिति कांग्रेस के लिए अच्छी नहीं है। तब प्रदेश की सल्तनत और कांग्रेस के बीच एक बड़ी चुनौती जिला मंडी की रणभूमि होगी और संसदीय उपचुनाव में यहाँ फिर कांग्रेस ने मुँह की खाई है। इससे पहले जिला परिषद् और नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई है।
बहरहाल प्रतिभा सिंह की जीत से मंडी कांग्रेस में ऊर्जा का संचार जरूर हुआ है। परन्तु क्या सिर्फ उम्मीद से कांग्रेस सत्तासीन हो पाएगी ? क्या प्रतिभा की जीत सच में कांग्रेस की जीत है ? सवाल ये भी है कि जितने वोट प्रतिभा सिंह को मिले क्या वहां कांग्रेस के किसी अन्य प्रत्याशी को मिल पाते ? इन सवालों का जवाब मंडी कांग्रेस के बड़े नेताओं को खोजना होगा और जिला में पार्टी की धरातल स्थिति पर आत्ममंथन भी करना होगा। मंडी लोकसभा का उपचुनाव भले ही कांग्रेस जीत गई हो पर कहीं न कहीं इस जीत को कांग्रेस की जीत से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए सहानुभूति की जीत बताया जा रहा है, इसे वीरभद्र सिंह परिवार की जीत बताया जा रहा है। गौर करने लायक बात ये है कि जिला मंडी में कांग्रेस को पराजय मिली है और इस बात को कांग्रेस को जहन में रखकर आगे बढ़ने की जरुरत है। हवाई दावे जो भी हो किन्तु तथ्य ये ही है कि मंडी संसदीय क्षेत्र में जिला मंडी की नौ सीटें आती है जिनमें से आठ पर कांग्रेस पिछड़ी है। यानी मंडी जिला में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस के कई दिग्गजों के गढ़ में भी प्रतिभा सिंह को लीड नहीं मिल पाई है। इन दिग्गजों में सबसे पहले नाम आता है पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर का। ये उन नेताओं में से है जिन्हें कांग्रेस की सत्ता वापसी की स्थिति में मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जाता है। उपचुनाव के दौरान ठाकुर कौल सिंह पूरी निष्ठा के साथ प्रतिभा के प्रचार प्रसार में जुटे दिखे परन्तु फिर भी उनके अपने ही निर्वाचन क्षेत्र द्रंग में प्रतिभा सिंह पिछड़ गई। द्रंग में भाजपा प्रत्याशी को 2612 अधिक मत प्राप्त हुए है। ऐसा ही कुछ हाल पूर्व मंत्री एवं मंडी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रकाश चौधरी के गृह क्षेत्र में भी रहा। उनके क्षेत्र बल्ह में भी भाजपा को 956 अधिक मत प्राप्त हुए। यहां सवाल आश्रय शर्मा पर भी खड़े होते है। आश्रय लगातार कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे परन्तु टिकट न मिलने पर उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के लिए प्रचार प्रसार भी किया। इसके बावजूद भी मंडी सदर से भाजपा को बढ़त मिली जबकि उनके पिता अनिल शर्मा ने न तो भाजपा के लिए प्रचार किया न ही भाजपा के साथ अधिक दिखे। मंडी सदर से पिछले चुनाव कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर ने लड़ा था, सो सवाल चंपा पर भी उठेंगे। करसोग, जोगिंद्रनगर और सरकाघाट में भी कांग्रेस लीड की उम्मीद में थी, लेकिन स्थानीय नेता विफल रहे। स्पष्ट है कि जिला मंडी में कई दिग्गजों की पॉलटिकल मैनेजमेंट फेल हो गई है। अगर स्थिति ये ही रहे तो कांग्रेस के लिए 2022 का चुनाव कठिन होने वाला है। बड़े नेताओं को ये स्वीकार करना होगा कि अकेले जयराम ठाकुर के आगे जिला मंडी में वे पस्त हुए है।
जिसने मंडी जीता, सरकार उसी की बनी !
इतिहास गवाह है कि 10 विधानसभा सीटों वाला जिला मंडी जिस भी राजनैतिक दल ने जीता वही सत्ता पर काबिज हुआ और जिसे मण्डी ने ठुकराया उसे सत्ता से भी हाथ धोना पड़ा। 1982 से 2017 तक हुए 9 विधानसभा चुनाव भी इस बात की तस्दीक करते है। इन 9 में से 7 बार उसी पार्टी की सरकार बनी जिसने मंडी में सर्वाधिक सीटें जीती। जबकि 1998 में भाजपा की सरकार इसलिए बनी क्योंकि मंडी में 4 सीट कब्जाने वाली हिमाचल विकास कांग्रेस से उसका गठबंधन हुआ। वहीं 2012 में कांग्रेस और भाजपा दोनों को 5 - 5 सीटें मिली थी, हालांकि सरकार बनाने में कांग्रेस कामयाब रही थी। 2017 में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया। अब कांग्रेस यदि उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मान रही है तो 2022 में भी कांग्रेस की डगर आसान नहीं होने वाली।
विस चुनाव कांग्रेस भाजपा अन्य
1982 5 2 3 कांग्रेस की सरकार बनी
1985 7 2 1 कांग्रेस की सरकार बनी
1990 1 8 ( गठबंधन ) 1 भाजपा की सरकार बनी
1993 9 0 1 कांग्रेस की सरकार बनी
1998 4 3 4 सुखराम के समर्थन से भाजपा सरकार बनी
2003 6 2 2 कांग्रेस की सरकार बनी
2007 3 6 1 भाजपा की सरकार बनी
2012 5 5 0 कांग्रेस की सरकार बनी
2017 0 9 1 भाजपा की सरकार बनी