द्रंग के कांग्रेस नेता नहीं चाहते क्षेत्र का विकास : पूर्ण चंद ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में हुए 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में तो आई मगर पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। हारने वाले इन दिग्गजों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर का नाम भी शामिल था। कौल सिंह ठाकुर चुनाव से पहले लगातार मुख्यमंत्री पद पर भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे मगर वो चुनाव तक नहीं जीत पाए और कौल सिंह ठाकुर को चुनाव हराने वाले नेता थे भाजपा की ओर से पहली बार चुनाव लड़े पूर्ण चंद ठाकुर। द्रंग की जनता ने पूर्ण चंद ठाकुर को चुनाव जीता कर विधानसभा भेजा और अब वे सदन में लगातार अपने क्षेत्र की जनता की आवाज़ उठा रहे है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान द्रंग के किन मुद्दों को पूर्ण चंद ठाकुर ने सदन में उठाया, इस पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने उनसे ख़ास बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ मुख्य अंश .....................
सवाल : सदन में आपने आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर सवाल उठाए, क्या आपके विधानसभा क्षेत्र में भी आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति खराब है?
जवाब : देखिए आउटसोर्स पूरे प्रदेश से सम्बंधित मुद्दा है लेकिन मैंने द्रंग चुनाव क्षेत्र का विधायक होने के नाते अपने क्षेत्र की ही बात की। जयराम सरकार ने द्रंग क्षेत्र में जल शक्ति और पीडब्ल्यूडी विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से कुछ कर्मचारी लगाए थे। इसके बाद 2022 में सत्ता का परिवर्तन हुआ और जल शक्ति विभाग से आउटसोर्स कर्मचारियों को हटा दिया गया। इससे संबंधित मैंने सवाल विधानसभा में लगाया था। इसके सम्बन्ध में मुझे जो जवाब आया उसमे मुझे बताया गया कि जो कर्मचारी हटाए गए है वह प्राइवेट कंपनी के जरिये लगाए गए थे और उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है। मैंने यह मांग की थी कि जो कर्मचारी निकाले गए है या तो उन्हें वापिस नौकरी पर रखा जाये या किसी और को उनके स्थान पर भर्ती किया जाए। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग में भी जो आउटसोर्स पर कर्मचारी लगाए गए थे उन्हें भी 30 से 40 किलोमीटर दूर लगाया गया है। कई कर्मचारी तो ऐसे है जिनके राजनैतिक द्वेष की भावना से तबादले किये जा रहे है। इन कर्मियों को 3 से 4 हज़ार रूपए मिलता है और उन्हें 30 से 40 किलोमीटर भेजा गया है। मैंने सरकार के समक्ष यह बात रखी है कि जिन्हें पंचायत स्तर पर रखा गया था उन्हें पंचायत में ही रखा जाए ताकि ये लोग अपने लोगों की सेवा भी कर सके। यह लोग इतना दूर जाएंगे तो मानदेय से ज्यादा पैसा इनके आने-जाने में ही लग जायेगा या इतना दूर जाकर रहेंगे तो इतना खर्च केवल किराये के कमरे में लग जाएगा। सरकार ने मुझे आश्वासन दिया है कि इस पर विचार किया जाएगा।
सवाल : द्रंग विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी काफी गरमाया है, इस पर आप क्या कहेंगे ?
जवाब : द्रंग विधानसभा क्षेत्र में कुल 300 प्राथमिक पाठशाला है जिसमें 365 पद शिक्षकों के स्वीकृत है। यहाँ 365 पद स्वीकृत होने के बावजूद 178 जेबीटी की पोस्टें खाली है और इसके बावजूद भी शिक्षकों के तबादले किये जा रहे है जो बच्चों के साथ खिलवाड़ है। इसके अलावा 7 से 8 पाठशाला ऐसी है जो बिना शिक्षकों के चल रही है जिनमे प्रत्येक पाठशाला में करीब 20 से 30 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। द्रंग के हमारे कांग्रेस पार्टी के नेता एक ओर कहते है कि शिक्षा को सुदृढ़ करना है और दूसरी ओर शिक्षकों के तबादले कर रहे है। यह भेदभाव की राजनीति कर रहे है और यदि ऐसा चलता रहा तो लोग सड़कों पर धरने पर बैठ जायेंगे और हम भी उनके साथ इसमें हिस्सा लेंगे। मैंने सरकार से आग्रह किया है कि यदि किसी शिक्षक का तबादला हो रहा है तो उसके स्थान पर किसी दूसरे शिक्षक की नियुक्ति भी की जाए।
सवाल : द्रंग दूरदराज का क्षेत्र है, इस क्षेत्र के और किन-किन मुद्दों को आप विधानसभा के अंदर और बाहर उठा रहे है ?
जवाब : द्रंग के ज्वलंत मुद्दों को लेकर मैंने विधानसभा में बात रखी है। चाहे वह शिक्षा है, स्वास्थ्य है या अन्य मुद्दे है। पिछली सरकार में द्रंग विधानसभा क्षेत्र में बहुत काम हुए है लेकिन अभी भी वहां पर बहुत काम किया जाना बाकी है। द्रंग चुनाव क्षेत्र का क्षेत्रफल 900 वर्ग किलोमीटर है जो पूरे हमीरपुर जिले के बराबर है। कई ऐसे गाँव है जो अभी तक सड़कों से नहीं जुड़े है और जो सड़कें है उनकी भी हालत ठीक नहीं है। इसके साथ ही कई लिंक रोड है जिनका काम होना है, ऐसे कई कार्य है जो क्षेत्र में अभी होने है। मैं अपनी समझ के अनुसार कहता हूँ कि इन सभी छोटे कार्यों को मनरेगा के अंदर डाला जाना चाहिए क्यूंकि मनरेगा में बहुत पैसा है। इससे लोगों को भी काम मिलेगा और सड़कों का कार्य पूरा होने से लोगों को सुविधाएँ भी मिलेगी। इसके अलावा हमारे क्षेत्र में डॉक्टरों के पद खाली चले हुए है हमने इसके बारे में भी सरकार से बात की है। लेकिन द्रंग के कांग्रेस नेता शायद द्रंग का विकास नहीं चाहते है। मैं उन नेताओं से कहना चाहूंगा कि यदि आपको संस्थान नहीं चाहिए, अध्यापक, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ नहीं चाहिए तो आप लिख कर दे दीजिए कि हमें इन सब की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद हम देखेंगे कि जनता उन नेताओं का क्या हश्र करेगी।
सवाल : हिमाचल प्रदेश की नई सरकार के पहले बजट पर आपकी क्या राय है ?
जवाब : सरकार ने अपने हिसाब से बजट को बनाया है और इसके बारे में बेहतर होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही बात करे ।
सवाल : अंत में जनता को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
जवाब : द्रंग की जनता को मैं यह सन्देश देना चाहूंगा कि मैं पिछले 30 से 40 सालों से चाहे किसी भी पद पर रहा हूँ मैंने केवल जनता की सेवा की है। आगे भी मैं जनता से यही कहना चाहूंगा जो भी मेरे क्षेत्र की, जनता की समस्याएं या कार्य होंगे मैं सरकार से उन्हें पूरा करवाने के लिए हमेशा तत्पर रहूँगा।