काेविड मरीजाें के लिए जयराम सरकार ने रिकॉर्ड समय में तैयार किए मेकशिफ्ट हेल्थ सेंटर
प्रदेश के अस्पताल में काेविड मरीजाें के लिए बैड की कमी नहीं आएगी, क्याेंकि जयराम सरकार ने प्रदेश के कई ज़िलों में मेकशिफ्ट हेल्थ सेंटर तैयार कर दिए गए हैं। जहां पर काेराेना संक्रमित मरीजाें का इलाज हाेगा वह भी बेहतरीन सुविधा के साथ। बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिले के खलियार में राधास्वामी सत्संग ब्यास कोविड समर्पित मेकशिफ्ट स्वास्थ्य केन्द्र (डीसीएचसी) का लोकार्पण किया। इस अस्पताल में 200 पूर्ण ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर, 200 बिस्तरों की क्षमता का गंभीर रोगी वार्ड तथा केन्द्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है। बताया गया कि इस अस्पताल में गर्म व ठंडे पानी की सुविधा वाले अलग-अलग वाशरूम, मरीजों के आराम के लिए लाउंज, उपचार संगीत, अग्नि सुरक्षा व्यवस्था और रोगियों के लिए गर्म व ठंडे पानी के आरओ की सुविधा उपलब्ध है। इसमें 16 सीसीटीवी और स्वचालित स्विचओवर पावर बैकअप जेन-सेट और ऑन द स्पाॅट लैब की सुविधा है, जिसे 140 स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 200 बिस्तरों की क्षमता वाला यह मेकशिफ्ट अस्पताल कोविड-19 रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ-साथ भंगरोटू में 100 बिस्तरों की क्षमता के एक अन्य प्री-फैब्रिकेटिड अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर कहते हैं कि कोविड-19 रोगियों की संख्या में तीव्र वृद्धि चिंता का विषय है। कोविड रोगियों के लिए बेड की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने शिमला, कांगड़ा, नालागढ़ आदि में प्री-फैब्रिकेटिड कोविड अस्पताल बनाए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का अस्पताल नेरचैक में भी बनाया जा रहा है।
राधास्वामी सत्संग ब्यास ने दिया सरकार का साथ
कोविड रोगियों के उपचार के लिए राधास्वामी सत्संग ब्यास ने मण्डी जिला के खलियार, कांगड़ा जिला के परौर और सोलन में मेकशिफ्ट अस्पतालों के निर्माण के लिए अपने परिसर उपलब्ध करवाए हैं। जिला कांगड़ा के परौर में मेकशिफ्ट अस्पताल का निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है। प्रारंभ में इस अस्पताल में 250 बिस्तरों की क्षमता होगी, जिसे आवश्यकता के अनुसार बढ़ाकर 1000 बिस्तर तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महामारी के दौरान राज्य सरकार की सहायता के लिए राधा स्वामी सत्संग ब्यास का आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता की माने ताे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में मरीजों के निरन्तर सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि उनकी स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि होम आइसोलेशन में मरीजों की स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें तुरन्त अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए।