सीरम इंस्टिट्यूट को मिली 7-11 साल के बच्चों पर कोविड टीके के परीक्षण की अनुमति
पूरे देश में युद्धस्तर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी है। देश को कोरोना से बचाने के लिए बड़ी तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। पर अब तक पूरे भारत में सिर्फ व्यस्क लोगों के लिए ही टीका लगाए जाने की अनुमति थी। जिसके कारण कई बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को कोविड से कैसे सुरक्षित रखें इसे लेकर परेशान थे। भारत में बच्चों को कोरोना से दूर रखने के लिए अब पूरे देश में बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण का ट्रायल किया जा रहा है, सभी को पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द बच्चों के लिए कोविड टीके आ जाएंगे। भारत में फिर से स्कूलों को खुलता देख और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कई वैक्सीन निर्माता कंपनियां बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने का काम करने में जुटी है। इसी क्रम में सीरम इंस्टिट्यूट 7-11 साल तक के बच्चों के लिए अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के टीके का परीक्षण कर रही है। कंपनी ने भारत में इस वैक्सीन का नाम कोवावैक्स रखा है।
भारतीय दवा नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन का सात से 11 साल की उम्र तक के बच्चों पर परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। भारत के दवा महानिदेशक(DCGI) से सीरम इंस्टिट्यूट को पहले ही 12-17 साल के बच्चों पर कोवावैक्स के परीक्षण की अनुमति मिल चुकी है। कंपनी ने इसका परीक्षण 100 बच्चों पर किया भी और इसके सुरक्षा संबंधी डाटा भी दवा नियामक को दिए गए है। नोवावैक्स वैक्सीन जिसे सीरम द्वारा कोवावैक्स के नाम से भारत में लाया गया है इसे भारत में अभी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है। देश में सिर्फ जाइडस कैडिला की वैक्सीन ही हैं जिसे 12 साल से अधिक के उम्र के बच्चों और व्यस्कों को लगाने के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।