बिजली परियोजनाओं के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले लोगों को बिजली मंहगी
जिस प्रदेश में बिजली का उत्पादन हो रहा हो और जिस जिला व प्रदेश के लोगों ने बिजली की परियोजनाओं के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया हो, उस प्रदेश के लोगों को बिजली मंहगी देकर धन अर्जित किए जाने की सरकार की पालिसी अव्यवहारिक ही नहीं बल्कि अनुचित है। यह बात पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देश के प्रथम अथवा विश्व के सबसे ऊंचे बांध भाखड़ा के कारण किसानों की लाखों एकड़ उपजाऊ भूमि और हजारों परिवारों के घर-द्वार तथा शताब्दियों पुराने बिलासपुर नगर इस बांध के कारण बनी विशाल गोबिन्द सागर की भेंट चढ़ गए थे तब से लेकर अब तक विस्थापित हुए लाखों लोग विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ व समस्याएँ निरंतर झेलने को विवश हुए हैं। सरकारों ने इन विस्थापितों को विभिन्न वादे, प्रलोभन अथवा झांसे तो दिए पर उन पर कोई अमल नहीं किया। उन्होने खेद व्यक्त किया कि अब प्रदेश सरकार कोरोना की आड़ में लोगों पर विभिन्न प्रकार के टेक्स थोप कर उनकी आर्थिक कमर तोड़ने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ रही है।
शर्मा ने कहा कि कहाँ तो यह विस्थापित पिछले कितने ही वर्षों से बिजली-पानी मुफ़त उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे और कहाँ अब प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने एकाएक अचानक बिजली के रेटों में दुगने से भी अधिक बढ़ौतरी करके उनकी आर्थिक कमर तोड़ने का रिकार्ड स्थापित कर दिया है। उन्होने मांग की कि भाखड़ा विस्थापितों को बेची जा रही बिजली के रेट तुरंत कम किए जाएँ और भविष्य में इन्हें मुफ़त बिजली दिए जाने की व्यवस्था की जाए।