दलित शोषण मुक्ति मंच राजगढ़ ने राष्ट्रपति को भेजा
राजगढ़। सोमवार को राजगढ़ में दलित शोषण मुक्ति मंच इकाई राजगढ़ द्वरा एस डी एम नरेश वर्मा के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा गया है। दलित शोषण मुक्ति मंच राजगढ़ इकाई के अध्यक्ष राजुमार ने बताया की इस ज्ञापन के माध्यम से दलित शोषण मुक्ति मंच आपका ध्यान अभी हाल ही में 14 सितंबर 2020 को उत्तरप्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ हुए अमानवीय दुष्कृत्य की तरफ आकर्षित करना चाहते है। उतर प्रदेश की अमानविय सरकार की संवेदन हीनता के चलते पीड़िता के परिवार को उसके पार्थिव शरीर न सौंप कर एक दलित परिवार अपनी पुत्री का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाया। देश में सरकारे आती जाती रहती है लेकिन आय दिनों में बेटियों के साथ बलात्कार जेसी घटनाओ को लिए कोई भी सरकार ठोस कानून नहीं बनती। क्या बेटियां इन नेताओ को प्यारी नहीं होती जिनसे यह नेता लोग पैदा होते है वह भी किसी की बेटी होती है और जो इनकी पत्निया होती है वह भी किसी की बेटी होती है। बेटिया तो सबकी एकसमान होती है फिर 21 वी सदी में भी इन मासूमो के साथ बलात्कार व् हत्या पर फासी की सजा क्यों नहीं होती, यह बात सोचने विचारने योग्य है।
राजकुमार ने कहा की आज पूरे देश के अंदर दलित शोषण मुक्ति मंच ये विरोध प्रदर्शन कर रहा है क्योंकि आज देश में आजादी के 73 वर्षों बाद भी न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। दलित समाज की इस बेटी के साथ हुए इस अमानवीय घटना के बाद भी उत्तर प्रदेश की सरकार में इस दलित लड़की की प्राथमिकी दर्ज होने में पुलिस ने 8 दिन लगाए। पुलिस के अधिकारियों ने जिस तरह से इस केस को रजिस्टर कर ने में लापरवाही दिखाई है उन अधिकारियों का एक महिला के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। ये साफ दर्शाता है कि सरकार का पूरा का पूरा तंत्र उतरप्रदेश में असमाजिक तत्वों के साथ खड़ी है। हिमाचल प्रदेश व् जिला सिरमौर दलित समाज ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से निवेदन करते है कि उत्तर प्रदेश की सरकार पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए va दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।