देहरा : शास्त्री के नए भर्ती नियमों से छात्रों सहित संस्कृत कॉलेजों को खतरा
प्रदेश सरकार द्वारा नए शास्त्री भर्ती नियमों की विगत वर्ष के अक्टूबर माह में जारी की गई सूचना परंपरागत संस्कृत महाविद्यालयों तथा संस्कृत विश्वविद्यालयों के हजारों संस्कृत ऑनर्स (शास्त्री) विद्यार्थियों के भविष्य पर वज्रपात है। उक्त शब्द वेदव्यास परिसर के छात्रों ने निदेशक के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए 100 से अधिक घात्रों द्वारा हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में कहे गए हैं।
छात्र नेता ईशांत शर्मा, हिमांशु, शुभम, कार्तिक, सशांक, निशांत, राहुल आदि ने कहा कि भारत सरकार द्वारा करीब 60 वर्ष पूर्व 23 जनवरी, 1964 में कोठारी आयोग की अध्यक्षता में गठित सेंट्रल संस्कृत बोर्ड व संस्कृत कमीशन की संस्तुतियों को स्वीकार करके वेदादि शास्त्रों के अमूल्य, सार्वजनिक, उत्कृष्ट ज्ञान विज्ञान की रक्षा तथा संरक्षण,संवर्धन हेतु ओरिएंटल (प्राच्य) संस्कृत विद्या के केंद्रों, विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को न केवल स्थापित किया था, बल्कि इन्हें केंद्रीय अनुदान प्रदान कर के यूजीसी वेतनमान देकर देश व प्रदेश सरकारों के माध्यम से सुदृढ़ता से स्थापित भी किया था, जो कि गत 60 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है। उसके अनुसार भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय 23 जनवरी,1964 के नीतिनिर्धारण संबंधी आदेश के अनुसार सभी प्रदेश सरकारें संस्कृति अध्यापक के पद को शास्त्री अध्यापक के नाम से ही सृजित कर के केवल शास्त्री उपाधिधारी स्नातकों को ही अधिकृत रूप से करती आ रही है।
उक्त छात्रों के अनुसार विगत 11 अक्टूबर, 2023 को जो शास्त्री पद भर्ती एवं पदोन्नति नियम की अधिसूचना जारी की गई है, वह बलपूर्वक टीजीटी नियमों को थोपने जैसी है। इन छात्र नेताओं ने कहा कि इसके घातक परिणाम शास्त्री कर चुके और कर रहे छात्रों सहित प्रदेश के 8 राजकीय संस्कृत महाविद्यालयों, मंदिर न्यास द्वारा चालित 4 महाविद्यालयों, केंद्र सरकार द्वारा चालित 2 आदर्श महाविद्यालयों व निजी क्षेत्र के 15 संस्कृत महाविद्यालयों को भविष्य में भुगतने पड़ेंगे।
वेदव्यास परिसर के प्रभारी निदेशक डॉ. विजेंद्र शर्मा के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में छात्र-छात्राओं ने निवेदन किया है कि प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री को इस विषय से अवगत करवा कर उनकी इस मांग को संज्ञान में लेते हुए भारतीय संस्कृति के इस विनाशक निर्णय को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।