देहरा: वेदव्यास परिसर में दो दिवसीय महिला राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वेदव्यास परिसर बलाहर के महिला संस्कृत अध्ययन केंद्र में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन एवं नामकरण हुआ। वेदव्यास परिसर के इस महिला संस्कृत अध्ययन केंद्र का नाम आज से सरोजिनी महिषी महिला संस्कृत अध्ययन केंद्र होगा। क्रार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली से कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ऑनलाइन माध्यम से शिरकत की। वहीं, इस संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा उपस्थित रहीं। फाउंडेशन फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट इन एकेडमिक फील्ड नई दिल्ली की अध्यक्ष माधुरी सहस्रबुद्धे इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुईं।
माधुरी सहस्त्रबुध्दे ने महिलाओं के तीन अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। वहीं, एसडीएम शिल्पी बेक्टा ने सभी से आह्वान किया कि हमें सिर्फ पढ़ने-पढ़ाने में ही नहीं अपितु हृदय से नारी का सम्मान करना चाहिए तब-ही महिला सुरक्षा एवं अधिकार (महिला आरक्षण विधेयक के संदर्भ में) शीर्षक इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की सार्थकता बनेगी। संगोष्ठी की अध्यक्षता वेदव्यास परिसर की निदेशिका प्रो. सत्यम कुमारी ने की। उन्होंने भी महिला सुरक्षा एवं अधिकार विषय पर हुई इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में अवगत करवाया।
प्रथम सत्र की इस संगोष्ठी का संयोजन समन्वयक डॉ. के. मनोज्ञा ने उद्घाटन अध्ययन केंद्र की सत्र का संचालन किया। उद्घाटन सत्र के बाद पौधरोपण सत्र कम्प्यूटर (संगणक) विज्ञान के वरिष्ठ आचार्य एवं परिसर के एनएसएस अधिकारी अमित वालिया ने संचालित किया। इस अवसर पर संगोष्ठी में शामिल सभी अतिथियों ने महिला छात्रावास के बाहर पौधरोपण किया।
वहीं द्वितीय सत्र में पैनल चर्चा डॉ. मनीष कुमार के संचालन एवं माधुरी सहस्त्रबुद्धे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। महिलाओं के लिए शिक्षा के क्षेत्र में चुनौती एवं संभावना विषय पर केंद्रित इस पैनल में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली की आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष प्रो. अवनीश अग्रवाल, लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली की दर्शन विभाग की आचार्या प्रो. संगीता खन्ना केंद्रीय विश्वविद्यालय की पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना कटोच ने भी भाग लिया।