देहरा: निजी स्कूलों की स्कूली बसें लम्बे समय तक खड़े रहने से हुई खराब
कोरोना संकटकाल मे दो वर्षो से लगातार मंदी की मार झेल रहे तमाम हिमाचल भर के निजी स्कूल जहां बन्द खडी स्कूली बसों का टैक्स इंश्योरेंस अभी भर नही पाए थे कि अब लम्बे अरसे से एक जगह खडी स्कूली बसे स्टार्ट होने का नाम ही नहीं ले रही है। सरकार द्वारा जारी तीसरी से सातवीं कक्षा के बच्चों को स्कूल कैसे पहुंचाया जाए इस बात की चिंता सताने लगी है। ऐसा ही एक ताजा मामला गुरुवार यानी 11 नवम्बर को गरली के निकटवर्ती गांव सदवां मे चल रहे लोटस इन्टरनेशनल कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल मे देखने को मिला। यहां गुरुवार सुबह ज्यौ ही ड्राईवर स्कूल बसों को स्टार्ट करने लगे तो तमाम सभी बसे जवाब दे गई। सभी ने मिलकर उक्त बसों को मिलकर धक्का लगाकर स्टार्ट करने की कडी मशककत की लेकिन इसके बाद भी वह तस से मस नहीं हुई। यही हाल गांंव खबली मे चल रहे देहरा पब्लिक स्कूल खबली "सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गरली व आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परागपुर मे देखने को मिला। उक्त बस चालको की माने तो लम्बे अरसे से खडी उक्त कई बसों की बैटरियां जवाब दे गई है तो कई बसो के यहां खडे खडे रहने पर टायर खराब हो चुके है, तो स्कूल प्रशासन को पहले सरकार को दिए जाने वाले स्कूली बसो के टैक्स इंश्योरेंस भरने की चिंता सता रही थी लेकिन अब उन्हे रात दिन यही परेशानी पैदा हो रही है कि करीब 21 महीने बाद सरकार ने तीसरी से सातवीं कक्षा के तमाम स्कूली बच्चों को स्कूल आने की इजाज़त तो दे दी है लेकिन अब यहां जाम हो चुकी उक्त स्कूली बसो को कैसे ठीक करवाए जाए।