धर्मपुर-मंडी: एनएच निर्माण में लापरवाही पर स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन, तीन घंटे तक लगा रहा जाम

धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण कार्य में हो रही अनियमितताओं और लापरवाही से नाराज़ स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को चोलथरा में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर तीन घंटे तक धरना दिया गया। इस प्रदर्शन से आम जनजीवन प्रभावित रहा और बाजार क्षेत्र पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व जिला पार्षद भूपेन्द्र सिंह, पंचायत प्रधान मेहर चंद गारला, व्यापार मंडल अध्यक्ष बिहारी लाल, किसान सभा के खंड अध्यक्ष रणताज राणा, सर्वोदय जन सेवा समिति के राजीव आर्य तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। धरने में सैकड़ों ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया और एनएच निर्माण में हो रही अनदेखी के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि एनएच निर्माण के कारण चोलथरा बाजार, पंचायत भवन, स्कूल, बैंक, सहकारी समिति और आसपास के घरों को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने सड़क की कटिंग के बाद सुरक्षा दीवारें नहीं बनाई हैं, जिससे लोगों के घरों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा सड़कों, पुलियों और नालियों की मरम्मत नहीं की गई है और जल निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीस दिन पहले एसडीएम सरकाघाट को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें विशेष रूप से बरसात से पहले सुरक्षा दीवारें बनाने और बाजार की टूटी सड़कें ठीक करने की मांग की गई थी। लेकिन मांगों पर कोई कार्रवाई न होते देख लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए। पिछले सप्ताह दमसेहड़ा में भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ था, लेकिन वहां न तो प्रशासन आया और न ही पुलिस, उल्टा प्रदर्शनकारियों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसी अनुभव से सबक लेते हुए इस बार प्रदर्शन की पूर्व सूचना दी गई थी, जिसके चलते सुबह से ही पुलिस बल तैनात रहा।
धरनास्थल पर बाद में एसडीएम स्वाति डोगरा, डीएसपी संजीव गौतम और मौर्थ के अभियंता तन्मय पहुंचे। लेकिन प्रदर्शनकारी तब तक नहीं माने जब तक हमीरपुर से परियोजना निदेशक मौके पर नहीं पहुंचे और लिखित समझौता नहीं किया गया। दोपहर साढ़े बारह बजे परियोजना निदेशक के आने के बाद तीन घंटे की बातचीत के बाद एक औपचारिक समझौता हुआ। लिखित समझौते में यह तय किया गया कि चोलथरा और सरौन पंचायतों की समस्याओं का समाधान अगले 15 दिनों में किया जाएगा। कंपनी ने बाज़ार क्षेत्र की टूटी सड़कें व नालियां बहाल करने, घटिया पुलिया को सुधारने, प्रभावित लोगों के घरों के पास सुरक्षा दीवारें बनाने, तोड़े गए रास्ते व जलस्रोतों को पुनः निर्मित करने, जल निकासी के लिए नालियां बनाने, निजी भूमि से अवैध डंपिंग हटाने और सड़क को पक्का करने का वादा किया है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों में वादा पूरा नहीं हुआ, तो एनएच प्रभावित क्षेत्र के लोग और संगठन बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उनका कहना था कि प्रशासन को निर्माण कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए, न कि प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे। प्रशासन का यह रवैया निंदनीय है और जनभावनाओं के खिलाफ है।