धर्मशाला : मौजूदा राजनीतिक संकट के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू स्वयं जिम्मेदार : संजय शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश के अंदर मौजूदा राजनीतिक संकट के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री बनने के बाद सभी विधायकों को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी उनकी थी, परंतु उन्होंने अपनी पुरानी राजनीतिक कुंठा को मन में पाले रखा और अपने विरोधियों के प्रति चली आ रही दुर्भावना को नहीं निकाला और उन्हें ठिकाने लगाने के षड्यंत्र रचते रहे।
क्योंकि पार्टी का अध्यक्ष रहते सुखविंदर सिंह सुक्खू को वीरभद्र सिंह खेमे ने कभी भी अध्यक्ष स्वीकार नहीं किया और इसी खुन्नस के चलते मुख्यमंत्री बनने के बाद वे उन्हें लगातार दरकिनार करते रहे, जबकि प्रदेश के मुखिया के नाते उनको साथ लेकर चलना उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया और विधायकों की नाराजगी को लगातार बढ़ने दिया जिसका परिणाम सबके सामने है।
क्षेत्रीय राजनीतिक संतुलन बनाने में भी मुख्यमंत्री नाकामयाब रहे और उन क्षेत्रों के कद्दावर नेताओं को ठिकाने लगाने के षड्यंत्र में लग रहे। इसलिए भाजपा को कोसने की बजाय मुख्यमंत्री को स्वयं का आत्म निरीक्षण करना चाहिए। चुने हुए विधायकों को काले नाग और जहरीले नाग की संज्ञा देना यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री सत्ता जाने के भय से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और अब उनका अपनी वाणी और स्वयं पर भी नियंत्रण नहीं है।
सरकार के मंत्री अपने विभागों में स्वतंत्रता के साथ कार्य नहीं कर पा रहे थे उनके विभागों में मुख्यमंत्री कार्यालय का अनुचित हस्तक्षेप रहता है जिसकी वजह से मंत्री स्वयं को असहाय महसूस करते हैं। यही सब कारण हैं जो विधायकों को अपनी पार्टी लाइन से हटकर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार को समर्थन देना पड़ा है। जबकि भारतीय जनता पार्टी को सरकार के भीतर के गतिरोध को लेकर कुछ लेना देना नहीं है।
बागी विधायकों के घरों पर और उनके समर्थकों पर हिंसक प्रदर्शनों के साथ सरकार खुद प्रदेश की कानून और व्यवस्था को खराब कर रही है। मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए और ऐसी घटनाओं को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए निर्देश देने चाहिए, ताकि प्रदेश की कानून और व्यवस्था दुरुस्त बनी रहे।