धर्मशाला : जदरांगल में सीयूएचपी के लिए जन चेतना मंच का संघर्ष रंग लाया : जेएम पठानिया
आखिरकार धर्मशाला के जदरांगल में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने करीब 57.10 हेक्टयर वन भूमि में भवन निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस मंजूरी पर जन चेतना मंच धर्मशाला ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। जन चेतना मंच धर्मशाला के पदाधिकारी और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कैप्टन जेएम पठानिया ने प्रेस वार्ता कर इस बाबत जानकारी साझा की है।
जेएम पठानिया ने कहा कि उनका संघर्ष रंग लाया है, दरअसल उन्होंने जदरांगल में चिन्हित वन भूमि पर पेंच फंसने से धर्मशाला से देहरा शिफ्ट होते केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का कार्य इसी भूमि पर करवाने के लिए भारत की केंद्र सरकार को वन भूमि क्लियरेंस के लिये प्रस्ताव भेजा था जिसे विधिवत मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने ने कहा कि अब इसके बाद एक और बड़ी कि चुनौती उनके सामने है और वो यह है कि यहां न केवल स्थायी कैंपस का निर्माण हो बल्कि जो धर्मशाला की लिहाज़ से केंद्रीय विश्वविद्यालय के जो प्रासांगिक (relevant) विभाग हैं वो यहीं से चलें और जिनकी प्रासांगिकता देहरा में है वो वहां से चलाए जाएं, ताकि इसका विश्वविद्यालय फैकल्टी और छात्रों को लाभ मिल सके, ख़ास तौर पर वो विभाग जो पहले से ही यहां चल रहे हैं, उन्हें तो बिल्कुल भी शिफ्ट न किया जाए, जिससे कि छात्र और फैकल्टी प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्लाय की मेडिकल सांइस विभाग को तो धर्मशाला से ही चलाया जाना चाहिए, इसलिये क्योंकि इसका विश्वविद्यालय दोहरा लाभ भी उठा सकता है क्योंकि जहां एक ओर धर्मशाला के नजदीक मेडिकल कॉलेज टांटा है तो वहीं दूसरी ओर जोनल हस्पताल धर्मशाला भी है जिसका लाभ छात्र और फैकल्टी दोनों ही उठा सकते हैं। जेएम पठानिया ने कहा कि जन चेतना मंच अपने संघर्षशील कार्यों से अपना स्तर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना चाहते हैं इसके लिये उन्हें जो करना पड़ा वो निश्चित तौर पर करेंगे।