Keylong:- जनजातीय क्षेत्रो से भेदभाव सहन नही : रवि ठाकुर
पांच साल से प्रशिक्षित पटवारीनियुक्ति का कर रहे इंताजार
मंत्री मार्कंडेय पर अनदेखी के जड़े बेरोजगारों ने आरोप, 2017 से कर रहे नौकरी का इंतजार
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के 2017 बैच के प्रशिक्षित 15 पटवारियों को प्रदेश सरकार पिछले चार साल से नियुक्ति करना भूल गई है, जबकि 2018 के बैच के पटवारियों को इस वर्ष नियुक्ति दे दी गई। 2016 में जिला लाहौल स्पीति में भी प्रदेश के अन्य सभी जिलों की भांति पटवार परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों ने 2017 में प्रदेश के अन्य जिलों के प्रशिक्षिणार्थियों के साथ राजस्व विभाग जोगेंद्रनगर से 18 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्तिम पटवार परीक्षा भी उतीर्ण की थी। प्रशिक्षण समाप्त होने के तुरन्त बाद प्रदेश के अन्य सभी ज़िलों में सन 2018 में ही पटवारियों की शत प्रतिशत नियुक्तियां हो चुकी है। मगर जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के प्रशिक्षित पटवारियों को सरकार ने पिछले चार साल से घर में ही बैठा रखा है और अगले बैच को प्रशिक्षण दे कर 2021 में उन्हें नियुक्ति दे दी, जबकि 2017 में प्रशिक्षण प्राप्त पटवारी अभी तक नियुक्त नहीं हुए हैं। दूसरी ओर प्रशिक्षित पटवारी, विनोद कुमार, महेश कुमार, तन्जिन शाकीया, प्रवीण कुमार, एकता देवी, रजत, सोनम टशी, सन्दीप छेरिंग, नावांग, राजेश, देचेन, ठिल्ले, रिगजिन व भास्कर ने बताया कि अपनी नियुक्ति के लिए कई बार मुख्यमंत्री व स्थानीय विधायक एव मंत्री से मिले लेकिन हर बार आशवासन ही मिलता रहा। इनका कहना है कि मंत्री ने जिला के बेरोजगार प्रशिक्षित पटवारियों के विषय को कैबिनेट में तक नहीं उठाया। स्थानीय विधायक एवम मंत्री को उन्हें अपने जिला के लोगों के समस्या से कोई लेना देना ही नहीं रहा है। लाहुल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि जयराम सरकार ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के साथ भेदभाव किया है। इसी का नतीजा है कि 2017 से प्रशिक्षित पटवारियों की आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घाटी के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।