विस्थापित पंचायत परिवारों को भी मुफ्त बिजली की मांग
कोल बांध परियोजना से विस्थापित ग्राम जमथल नैहर देना देवला छाम्ब हरनोड़ा चमयोंण के विस्थापितों की एक बैठक ग्राम पंचायत कार्यालय हरनोड़ा में पूर्व प्रधान रमेश चंद ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कोल बांध प्रबंधन द्वारा विस्थापितों को दी जाने वाली 1% निशुल्क बिजली की राशि निदेशालय ऊर्जा विभाग हिमाचल प्रदेश के पास वर्ष 2015 से लेकर 2018 पूर्व तीन सालों की जमा करवाई है। जिसके आवंटन के लिए चारों जिला के प्रशासन कोल बांध परियोजना के लिए बनी पात्रता सूची को किनारे करते हुए आवंटन प्रक्रिया शुरू कर रहा है। जो कि पात्र विस्थापितों के साथ साथ गैर विस्थापितों को भी राशि वितरीत कर रहा है। परियोजना प्रभावितों के लिए बनी पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीति के पैरा नम्बर 3.1.1 का उलंघन है शनिवार को इस प्रक्रिया से नाराज चल रहे सभी विस्थापितों ने कोविड-19 के संक्रमण के बचाव को लेकर समाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए ग्राम पंचायत के कार्यालय में बैठक की। ठाकुर ने सरकार से मांग कि पंचायत को आधार न मानकर राजस्व गांव को आधार माना जाए । जिन गांव के विस्थापितों की जमीन परियोजना में गई है केवल उन्हें ही आधार माना जाए । जो विस्थापित पंचायत परिवार रिकार्ड की सूची से बाहर हुए है उन लोगों को भी 1% व मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए। विस्थापितों ने पीपीआर की शर्त को भी हटाने की मांग की है। ठाकुर ने कहा विस्थापितों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगें । कहा अभी तक इन गावों के कुछ एक लोग इस सूची से बाहार है । असली हक़दार गैर विस्थापित नहीं यहां के विस्थापित है। विस्थापितों ने मांग उठाई कि जो विस्थापित पीपीआर के तहत सूची में शामिल नहीं है सरकार उन्हें भी सूची में शामिल करे। कोल बांध परियोजना से प्रभावित चारों जिलों में अपनाई जा रही प्रक्रिया पर पूर्व प्रधान रमेश चंद ठाकुर ने विस्तार से चर्चा की।