शिक्षा विभाग ने लिया एक हजार रुपये से महंगी किताबें नहीं खरीदने का फैसला
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में पढ़ने के लिए अब एक हजार रुपये से अधिक कीमत की पुस्तकें नहीं रखी जाएंगी। वर्तमान में जारी पुस्तक खरीद प्रक्रिया पर लगे आरोपों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने महंगी पुस्तकें न खरीदने का फैसला लिया है। इस वर्ष खरीदी जाने वाली पुस्तकों की खरीद प्रक्रिया की इन दिनों जांच जारी है। चयनित कंपनियों के आवश्यक दस्तावेजों की जांच अगले सप्ताह तक पूरी होने के आसार हैं।
सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए हर वर्ष समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से पुस्तकों की खरीद की जाती है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी की 8 से 385 रुपये तक और निजी प्रकाशकों की 1800 रुपये तक की पुस्तकें खरीदी हैं। एक प्रकाशक से 1800 रुपये का किताबों का सेट प्रदेश भर के प्राइमरी, मिडल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए खरीदा गया। इसके अलावा वर्ष 2018-19 में एक नेता, सेवानिवृत्त अफसरों सहित कुछ विशेष प्रकाशकों की कई महंगी पुस्तकें भी खरीदी गई हैं। अब इन विवादों से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने एक हजार रुपये से महंगी किताबें नहीं खरीदने का फैसला लिया है।