जेबीटी परिणाम पांच महीने से लटका
प्रदेश में पहली बार जेबीटी शिक्षकों की भर्ती टीजीटी की तर्ज पर 50-50 बैच व कमीशन के माध्यम से भरी तो जा रही है, लेकिन कमीशन का परिणाम बीते पांच महीने बाद भी घोषित नहीं हो पाया है। इससे प्रदेश के हजारों जेबीटी अभ्यर्थियों में मायूसी छाई हुई। बता दें कि जेबीटी भर्ती की लिखित परीक्षा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा बीते 12 मई को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में ली गई थी, लेकिन कोर्ट द्वारा बीएड अभ्यर्थियों को जेबीटी भर्ती के लिए अस्थायी राहत दी गई थी, जिसके चलते बीते पांच महीनों से लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं हो पाया है। बीएड अभ्यर्थियों को अस्थायी राहत दिए जाने के विरोध में प्रदेश भर में जेबीटी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों द्वारा विरोध जताया गया, जिसके चलते उन्होंने कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई कि जेबीटी शिक्षक भर्ती में बीएड धारकों को शामिल न किया जाए, क्योंकि बीएड धारक जेबीटी शिक्षक बनने की पात्रता पूरी नहीं करते हैं। यहीं नहीं प्रदेश सरकार द्वारा करवाए गए जेबीटी प्रशिक्षण करने के बाद करीब 20 हजार जेबीटी अभ्यर्थी बेरोजगार बैठे हैं। इसी के साथ जेबीटी ने उच्च न्यायालय से भी गुहार की है। जेबीटी लिखित परीक्षा देने के बाद परिणाम के इंतजार में बैठे अभ्यर्थी कृष्णा सकलानी, हलकी देवी, कांता देवी, पुष्पराज, देेवेंद्र ठाकुर, रीना, राकेश कुमार व प्रवीण कुमार ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है कि लंबित मामले का जल्द निपटारा कर जेबीटी अभ्यॢथयों को राहत प्रदान करे, ताकि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि बीएड अभ्यर्थी टीजीटी पदों के लिए पात्र हैं, तो फिर उन्हें जेबीटी के पदों के लिए पात्रता देना किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं है। उन्हें प्रदेश उच्च न्यायालय में पूरा विश्वास है कि मामले में जल्द जेबीटी अभ्यॢथयों के पक्ष में फैसला सुनाकर राहत प्रदान की जाएगी। बीते दस अक्तूबर को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल सैट द्वारा प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए बीएड अभ्यॢथयों की याचिका को खारिज कर दिया है।