टीचर ट्रांसफर पालिसी या एक्ट
प्रदेश सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर यहां टीचरों के ट्रांसफर के लिए पालिसी बनाने की सोची, जिसपर सॉफ्टवेयर बनाने की भी तैयारी है, लेकिन अब उत्तराखंड के मॉडल का अध्ययन भी शुरू कर दिया है। अभी तक सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि उसे पालिसी ही बनानी है या फिर एक्ट रखना है, क्योंकि उत्तराखंड में इसके लिए एक्ट बना है वहीं, हरियाणा में पालिसी बनी है। ऐसे में सरकार उलझ गई है। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में टीचर ट्रांसफर के लिए जो एक्ट है उसकी प्रति अधिकारियों को मिल चुकी है, जिसपर सचिव स्तर पर चर्चा हुई। दो दिन पूर्व अधिकारियों ने इस पर मंथन किया जो अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को सौंपेंगे। बताया जाता है कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ही अफसरशाही को उत्तराखंड के मॉडल को देखने को भी कहा है। एक तरफ अभी उलझन पड़ी है दूसरी तरफ यहां वित्त विभाग से सॉफ्टवेयर बनाने के लिए पैसा भी मांगा जा चुका है। 11 लाख रुपए की मांग वित्त विभाग से की है जो केंद्र सरकार की एक एजेंसी को दिए जाने हैं। उसने हरियाणा में टीचर ट्रांसफर का सॉफ्टवेयर बना रखा है, जिससे हिमाचल में भी काम करने की बात की जा रही है। इस एजेंसी से एनआईटी के जरिए बातचीत हो चुकी है, मगर अब एक्ट पर मंथन से यह लग रहा है कि कहीं प्रदेश सरकार अपना इरादा न बदल दे। यहां पालिसी की जगह पर एक्ट होगा या फिर पालिसी ही होगी अभी फैसला नहीं हो पाया है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री से बात किए जाने के बाद अधिकारियों को चर्चा करने के लिए कहा गया है, जो भी सही होगा उसे लागू कर दिया जाएगा। दिसंबर महीने तक इस कसरत को पूरा करके इसे सिरे चढ़ाने के लिए ट्रायल भी होगा। इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री से अधिकारियों की चर्चा अब उपचुनाव के बाद ही हो पाएगी, क्योंकि शिक्षा मंत्री भी प्रचार में डटे हैं।