हिमाचल: नई शिक्षा निति के तहत बदल जाएगा पढ़ने-पढ़ने का तरीका, जानिए क्या अहम बदलाव
हिमाचल प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में घोषणा के बाद अब कैसे किस तरह से लागू करना इसका प्लान तैयार किया जा रहा है। विभाग को निर्देश दिए हैं कि हर बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उसे प्रदेश मंत्रिमंडल में लाकर मंजूरी ली जानी है। इसके बाद ही पढ़ाने से लेकर परीक्षाओं का पूरा तरीका बदला जा सकेगा। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को हिमाचल सरकार ने पिछले साल अगस्त में ही लागू करने का फैसला लिया था। अब इसे आगामी वित्तीय वर्ष में पूरी तरह से लागू करने की बात कही है। इसके बाद विभाग के काम में तेजी आ गई है। सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी में तीन साल की उम्र के बच्चे दिखेंगे। हालांकि हिमाचल ने कुछ स्कूलों में इसे पहले ही शुरू कर दिया था। लेकिन अब अलग से शिक्षकों से लेकर शिक्षा तक की व्यवस्था की जानी है। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने कहा कि विभाग को इन सभी बदलावों को अलग-अलग प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।
नई शिक्षा के अहम बदलाव
नई नीति के तहत जमा एक से स्नातक स्तर तक संकाय सिस्टम खत्म हो जाएगा। विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय नहीं होगा। विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, आइटी और वोकेशनल विषयों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। आइटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे, जबकि संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा। स्नातक में बीए, बीएससी और बीकॉम की डिग्री सिस्टम खत्म कर दोबारा रूसा की तर्ज पर क्रेडिट स्कोर सिस्टम लागू होगा। चार साल की डिग्री का विकल्प होगा। चार साल की डिग्री के बाद पीजी केवल एक वर्ष की ही होगी। एमफिल को खत्म कर दिया गया है, जबकि पीएचडी के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट होगा। राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) तीसरी कक्षा से 14 साल तक के बच्चों पर लागू होगा।