शिमला : प्रदेश सरकार की अनूठी पहल, अब इन कर्मियों के बच्चों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति
हिमाचल प्रदेश में सफाई से जुड़े और जोखिमपूर्ण व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति मिलेगी। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय संशोधन करते हुए नई श्रेणियों को शामिल करने जा रहा है। जल्द इस योजना को देश भर में लागू किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2021-22 से हिमाचल में भी पात्र विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहली से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक 3000 से 7000 रुपये तक छात्रवृत्ति मिलेगी। बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों और स्कूल प्रिंसिपलों को इस बाबत पत्र जारी कर सूचित किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों और शिक्षा सचिवों को पत्र जारी कर बताया है कि इस योजना में शामिल किए जाने वाले विद्यार्थी सफाई से जुड़े और स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के परिवार का ही होना चाहिए। परिवार का इस व्यवसाय में लिप्त होने का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य रहेगा। विद्यार्थी राजकीय विद्यालय अथवा राज्य सरकार एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में नियमित एवं पूर्णकालिक कक्षा पहली से 10वीं के विद्यार्थी के रूप में अध्ययनरत हो। विद्यार्थी को केंद्रीय राजकीय, सार्वजनिक, धार्मिक स्रोत से अध्ययन करने के लिए किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति या भत्ता नहीं मिल रहा हो। किसी भी कक्षा में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति केवल एक वर्ष के लिए उपलब्ध होगी। यदि कोई विद्यार्थी अगले वर्ष भी उसी कक्षा में रहता है तो उसे दूसरे वर्ष (अथवा बाद के वर्ष के लिए) उसी कक्षा के लिए छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। योजना के तहत 90 फीसदी बजट केंद्र और दस फीसदी बजट प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा। केंद्र सरकार पात्र विद्यार्थी के बैंक खाते में सीधा राशि जमा करवाएगा।