इस फिल्म ने दी थे लव स्टोरीज को एक नई डेफिनिशन
इंडियन सिनेमा की हिस्ट्री में बहुत सी फिल्में ऐसी हैं जिन्होंने लोगों के ज़हन में एक छाप छोड़ दी। इन फिल्मों को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं। इन ही सदाबहार फिल्मों में से एक डीडीएलजे ने आज 25 साल पूरे कर लिए है। आज ही के दिन इंडियन सिनेमा में रोमांस की परिभाषा बदली थी। राज सिमरन से मिला, उन्हें प्यार हुआ और उनकी लव स्टोरी का जादू हर फिल्म लवर पर चला।
20 अक्टूबर 1995 को डीडीएलजे रिलीज़ हुई थी। इस मूवी को न सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में रह रहे भारतियों का भी पूरा प्यार मिला। इस मूवी ने न केवल रोमांस को नई परिभाषा दी बल्कि उस दौरान के आम लोगों, खासकर युवाओं को एक नई पहचान दी। उन्होंने राज और सिमरन में अपने आप को देखा। इस फिल्म ने रोमांस के steriotype को पूरी तरह तोड़ दिया। ये फिल्म 80 और 90 के दशक से अलग थे। उस दौरान की फिल्मों में हीरो सुपरहीरो हुआ करता था लेकिन इस मूवी ने एक हीरो की पूरी definition ही बदल दी।
इस फिल्म ने युवाओं के मन में जगह बनाई। जिस तरह कहानी आगे बढ़ती जाती है, दर्शक चाहते हैं की राज सिमरन को पकडे और न जाने दे, अंत तक फिल्म में लोगों का समां बंधा रहता है। वो बस प्रार्थना करते रहते हैं की बाबूजी राज और सिमरन के प्यार को स्वीकार कर ले और उन्हें एक साथ जीने की मंज़ूरी दे दें। और जब एन्ड में बाबू जी कहते हैं 'जा सिमरन जा, जी ले अपनी ज़िन्दगी' तो दर्शकों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता और सब के मन में यही ख्याल रहता है 'आखिर दिलवाले दुल्हनिया ले ही गए।'
तोड़े बहुत से रिकॉर्ड
बहरहाल फ़िल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। मुंबई के मराठा मंदिर में यह फ़िल्म 1,000 हफ़्ते तक चली। 10 फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड जीतने वाली डीडीएलजे सिर्फ चार करोड़ रुपये में बनी थी। 1995 में फ़िल्म ने कुल 102.50 करोड़ रुपये का बिज़नेस किया, जिसमें 89 करोड़ रुपये की कमाई भारत से और 13.50 करोड़ रुपये की कमाई विदेश से हुई।
फिल्म के कुछ फेमस डायलॉग्स
"बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती है सेनॉरिटा"
"राज, अगर वो तुझसे प्यार करती है तो तुझे पलट के ज़रूर देखगी, पलट-पलट"
"तुम अपनी ज़िंदगी ऐसे लड़के के साथ गुज़ार दोगी जिसे तुम जानती नहीं हो, मिली नहीं हो, जो तुम्हारे लिए बिल्कुल अजनबी है"
"मैं एक हिंदुस्तानी हूं और मैं जानता हूं कि एक हिंदुस्तानी लड़की की इज़्ज़त क्या होती है"
"मेरी मां कहा करती थी कि जो शादी वाले घर में सेवा करता है उसे बहुत सुंदर दुल्हन मिलती है"
"जा सिमरन जा, जी ले अपनी ज़िंदगी"