वो अनसुलझे रहस्य जिनका आज भी नहीं मिला कोई हल
इतिहास हमें बहुत कुछ सिखाता है। इसमें हमारे लिए बहुत से सबक भरें है, लेकिन इसमें कई रहस्य भी हैं जो मनुष्य की उत्सुकता को बढ़ाते हैं। इनमे कुछ रहस्य नए हैं तो कुछ सदियों पुराने, जो आज भी सुलझे नहीं हैं। भारत में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की पीढ़ियों ने कई पेचीदा कहानियों और घटनाओं के साथ हाथापाई की है, जिन्होंने उन्हें वर्षों से चकित किया है। ऐसे ही कई रहस्य और अनसुलझे किस्सों को लेकर हम आए हैं। आइए एक नजर डालते हैं भारत की कुछ ऐसी ही कुछ पहेलियों पर, जिनमें से कुछ सही मायने में बेवजह और पेचीदा हैं।
चरामा की एलियन नुमा शैल चित्र
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बस्तर क्षेत्र में चरामा शहर के पास गुफाओं में प्राचीन शैल चित्र पाए गए हैं। उन्हें खोजने वाले पुरातत्वविद् जेआर भगत का कहना है कि वे बिना चेहरे वाले भयानक ह्यूमनॉइड और फ्लाइंग डिस्क को चित्रित करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि आसपास के गांवों में इसको लेकर के किवदन्तियां हैं। कहा जाता है कि छोटे 'रोहेला' लोग गोल आकार की उड़ान तश्तरीयों में आकाश से उतरते थे और एक या दो ग्रामीणों का अपहरण करते थे।
छत्तीसगढ़ पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA से इन सम्मोहक खोजों पर शोध करने में मदद करने को कहा है।
सम्राट अशोक के '9 अज्ञात पुरुष'
सम्राट अशोक के '9 अज्ञात पुरुषों' को दुनिया के सबसे शक्तिशाली गुप्त समाजों में से एक माना जाता है । किंवदंती के अनुसार, सम्राट अशोक ने 270 ईसा पूर्व में '9 अज्ञात पुरुषों' का गुप्त समाज बनाया। हालांकि इन 9 व्यक्तियों की पहचान एक रहस्य थी, लेकिन उन्हें कई क्षेत्रों के प्रख्यात ज्ञान को ले जाने और उनकी सुरक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई। इन 9 अनजान पुरुषों में से प्रत्येक को समय यात्रा और प्रचार से लेकर माइक्रोबायोलॉजी और मनोवैज्ञानिक युद्ध तक के विभिन्न विषयों पर ज्ञान की एक पुस्तक सौंपी गई थी। इन 9 अनजान पुरुषों की वास्तविक पहचान आज भी रहस्य बनी हुई है, लेकिन माना जाता है कि पीढ़ियों से संरक्षित गुप्त समाज आज तक मौजूद है।
मीर उस्मान अली का खजाना
हैदराबाद के आसफ जाह राजवंश के अंतिम और सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान अपने आभूषणों और पौराणिक खजाने के शानदार संग्रह के लिए भी जाने जाते थे। टाइम मैगजीन ने उन्हें 1937 में दुनिया का सबसे अमीर आदमी कहा था और व्यापक रूप से माना जाता है कि वह अब तक के सबसे अमीर भारतीय हैं। उनकी शानदार निजी संपत्ति और प्रसिद्ध निजाम आभूषणों में से अधिकांश उनकी मृत्यु के बाद कभी बरामद नहीं हुए। ऐसा माना जाता है कि वे अभी भी हैदराबाद में राजा कोठी पैलेस के भूमिगत कक्षों में कहीं छिपे हुए हैं जहां निजाम अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा रहे थे।
सिंधु घाटी सभ्यता का गायब होना
सिंधु घाटी सभ्यता शायद भारत का सबसे प्राचीन रहस्य है। इस महान सभ्यता के बारे में कई ऐसे सवाल हैं जो प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामियाई सभ्यताओं से भी बड़े थे। जिन लोगो ने इस सभ्यता की शुरुआत की उनके बारे में पुख्ता सबूत अभी तक नहीं मिले। इतना ही नहीं, उनके द्वारा इस्तेमाल किये गये 4000 साल पुराने सिंधु चित्रमय लिपि को भी आजतक कोई समझ नहीं पाया। उस जमाने की संस्कृति और उससे संबधित असंख्य रहस्य धरती की गोद में समा गये इसलिये इस सभ्यता को समझना मुश्किल है। सभ्यता को लेकर बहुत सारे सिद्धांत दिये गये है पर कोई भी निर्णायक नहीं है।
लामा तेनजिन की 500 साल पुरानी मम्मी
हिमाचल में स्पीति के पास घुइन नामक एक छोटा सा क़स्बा है जहाँ पुराने ज़माने में प्रचलित, खुद की ममी बनाने की संस्कृति देखने को मिलती है। यहां, एक छोटे से कंक्रीट के कमरे में एक 500 साल पुरानी ममी कांच के बक्से में संरक्षित है। 15वीं सदी के सांघा तेंजिन नामक बौद्ध भिक्षु के इन अवशेषों को उल्लेखनीय रूप से अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है। सांघा तेंजिन का शरीर जाहिरा तौर पर एक रहस्यमय प्राकृतिक ममिफिकेशन से गुजरा है जिस कारण आज भी इसकी त्वचा अटूट और सर पर बाल हैं। ये ममी सबसे पहली प्राकृतिक ममी है।
कुलधरा-भूतों का गांव
जैसलमेर के पश्चिम में 20 किमी दूर कुलधरा कुछ 100 साल पहले पालीवाल ब्राह्मणों का समृद्ध कस्बा था। लेकिन एक रात उस गांव में रहने वाले करीब 1500 लोग बिना किसी निशान गायब हो गए। कोई नहीं जानता कि वास्तव में वह लोग कहाँ गए और क्यूं, लेकिन किंवदंती के अनुसार, उन्होंने दुष्ट शासक सलीम सिंह और उसके अन्यायपूर्ण करों से बचने के लिए गांव छोड़ दिया। पर कहते है कि वह जाते समय क्षेत्र पर एक ऐसा अभिशाप छोड़ गए जिससे आज तक कुलधरा निर्जन बना हुआ है।कहा जाता है कि जो भी इस गांव में रहने की कोशिश करता है, उसकी निर्मम मौत हो जाती है।