दुनिया के सबसे अमीर आदमी की रोचक कहानी, जानिए क्यों इंसान के दिमाग से जोड़ना चाहते है कंप्यूटर
अगर आपके लिए कुछ बहुत जरुरी है, तो चीजे आपके विरोध में होने पर भी आपको उस चीज को करना चाहिए।
(When something is important enough for you, you do it even if the odds are not in your favour.)
ये सोच है एक ऐसे व्यक्ति की जो एक दिग्गज व्यापारी, निवेशक, इंजीनियर और आविष्कारक है। ये व्यक्ति जूनून, कड़ी मेहनत और कामयाबी का प्रतीक है। इन्होंने अपनी काबिलियत से सबको हैरान कर रखा है। पर इनकी कामयाबी तक की कहानी इतनी भी आसान नहीं थी।
उनका जन्म 28 जून 1971 को साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उनके पिता एक ब्रिटिश मूल के दक्षिण अफ्रीकी थे, जो पेशे से एक इंजीनियर थे और इनकी माँ मॉडल थी। जब ये केवल 9 साल के थे तभी इनके माता-पिता का तलाक़ हो गया और वह पिता के साथ रहने लगे। उनके 2 छोटे भाई-बहन भी थे जिनपर उनके पिता बिलकुल भी ध्यान नहीं देते थे। वह बचपन से ही शर्मीले स्वाभाव के थे। उनका किताबों और पढाई की ओर अत्याधिक लगाव था। महज़ 10 साल की उम्र तक उन्होंने ऐसी किताबें पढ़ ली थी जो कॉलेज स्टूडेंट भी नहीं पढ़ते थे। 9 की उम्र में उन्हें अपना पर्सनल कंप्यूटर मिला और इनकी प्रोग्रामिंग में दिलचस्पी हो गई। वो तब केवल 12 वर्ष के थे जब उन्होंने कम्प्यूटर गेम Blaster बना डाला। इसके लिए उन्होंने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया पर कुछ Computer Programming की किताबों की मदद से उन्होंने ये गेम बनाया। उन्होंने इस गेम को 500 डॉलर में एक कंपनी को बेच दिया। इन्ही पैसो से उन्होंने स्कूल की फीस भरी।
अगर इनकी स्कूली दिनों की बात की जाए तो उनका सफर चुनौतियों से भरा था। स्कूल में बच्चे इन्हे परेशान करते और मार-पीट करते। एक बार उन्हें स्कूल के कुछ बदमाश बच्चों ने इतना मारा की वह बेहोश हो गए। एक बार तो उन्हें सीढ़ियों से नीचे धकेला भी गया, जिसके बाद उन्हें होस्पिटल में एडमिट करवाया गया। इस घटना के बाद से आज तक उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। जैसे-तैसे 17 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया से उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली।
स्नातक होने के बाद इन्होंने बाहर जाने का फैसला लिया, पर पिता नहीं माने। पिता चाहते थे की वो आगे की पढ़ाई वहीं से करें। पर उनके सपने बड़े थे। वो जानते थे की जिस चीज की तलाश में वो थे उन्हें वो साउथ अफ्रीका में नहीं मिलेगी। वो देख रहे थे दुनिया के बाकि देशों से ज्यादा अमेरिका में दुनिया को बदल देने वाली चीजे हो रही हैं, और उनके सपने भी अमेरिका में ही पूरे होंगे। हालांकि, वह तुरंत USA नहीं जा सके।
1989 में वह अपनी मां के रिश्तेदारों के पास कनाडा चले गए। कनाडा के शुरुआती दिन उनके लिए खास अच्छे नहीं थे। उन्हें अपना खर्चा चलाने के लिए नाले की सफाई करने से लेकर और कई छोटे मोटी नौकरियां करनी पड़ी। 1995 में Physics में Phd करने के लिए वे कनाडा से USA चले गए, यह उनके सपने सच होने जैसा था। उन्होंने Stanford University में दाखिला लिया और Internet से रूबरू हुए, लेकिन दो दिन में ही उन्होंने Phd से ड्राप आउट लिया और अपना सारा ध्यान Internet में लगा दिया।
किशोर अवस्था में एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें डिप्रेशन से जूझना पड़ा। इसी दौर ने उन्हें ज़िंदगी की सबसे बड़ी सीख दी, “सबसे मुश्किल समय में सही सवालों के साथ अपने आपको पेश करना है” और जिस दिन से उन्होंने ऐसा करना शुरू किया, बाकी सब उन्हें आसानी से प्राप्त होने लगा। उन्होंने सोचा इंसान को सही सवाल पूछने और उनका जवाब पाने के लिए अपनी चेतना की सीमाओं का विस्तार करना होगा। इस तरह उन्होंने अपना सवाल पाया, कि किस चीज का इंसान के भविष्य पर सबसे ज्यादा प्रभाव होगा? और इसका जवाब उन्हें मिला – इंटरनेट और अंतरिक्ष उपनिवेशीकरण।
वे इन सभी में योगदान करने की कोशिश करना चाहते थे लेकिन पैसो की कमी के कारण वो कोशिश ही नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर अपने पिता की पैतृक संपत्ति से मिले पैसो से एक IT company Zip2 बनाई जो Newspaper Publisher Industry के लिए सिटी गाइड का काम करती थी। 1999 में सबसे बड़े सर्च इंजन Compaq ने Zip 2 को $ 307 मिलियन नकद और 34 मिलियन डॉलर सिक्योरिटीज में खरीदा। यह सौदा एक कंपनी को नकदी में बेचने का एक रिकॉर्ड बन गया।
इस से उन्हें 22 million डॉलर मिले। वैसे तो एक आम आदमी अपनी ज़िन्दगी इतने पैसो में आराम से गुज़ार सकता है मगर उनके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
1999 में इन पैसो से उन्होंने Online Payment Systems (X.com) पर काम करना शुरू किया। मार्च 2000 में, X.com के एक प्रतिद्वंद्वी कंपनी Confinity के साथ मिला दिया गया। 2001 में, विलय के बाद, X.com का नाम बदलकर PayPal रख दिया गया और वह PayPal के अध्यक्ष बना दिए गए। नाम देने के बाद उन्होंने इस कंपनी को और बड़ा करने पर जोर दिया।
October 2002 में, PayPal को Ebay.com द्वारा $ 1.5 बिलियन में खरीद लिया गया। बिक्री से पहले, उनके पास 11 प्रतिशत PayPal स्टॉक था, इसमें उन्हें 165 Million डॉलर मिले मगर वे इस से भी संतुष्ट नहीं हुए। Payment इंडस्ट्री में तो वे Financial Revolution ला ही चुके थे, लेकिन वह कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे। वे मानव प्रजाति को धरती से बाहर बसाना चाहते हैं और इसी क्रम में SpaceX की शुरुआत हुई।
हालांकि उन्होंने कभी अंतरिक्ष और स्पेस के बारे में औपचारिक शिक्षा नहीं ली थीं, लेकिन अपनी लगन और मेहनत के जरिए स्वयं ही बहुत सी किताबों और Internet से उन्होंने इसका ज्ञान प्राप्त करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी तीसरी कंपनी, Space Exploration Technologies Corporation यानि SpaceX की स्थापना की, जिसमें उनका लक्ष्य Commercial Space Travel के लिए अंतरिक्ष यान का निर्माण करना था और मंगल ग्रह पर मानव बस्ती की स्थापना करना था। पर उनके सामने एक समस्या थी- SpaceX प्रोजेक्ट पर लगने वाली भारी वितरण लागत। उन्होंने Russian Federation के साथ इसके बारे में चर्चा की, लेकिन पैसो के कारण यहाँ बात नहीं बन पाई। इसके बाद वह अपने Reusable launch vehicles और Spaceships के आईडिया के साथ दुनियां के सामने आए। उन्होंने अपने खुद के रॉकेट का डिजाईन और निर्माण करना शुरू कर दिया। उनका मुख्य लक्ष्य था कि कम लागत में न सिर्फ रॉकेट को ऑर्बिट में पहुंचाया जाए बल्कि उसका reuse भी किया जा सके, जो कि अभी तक कोई बड़ी एजेंसी नहीं कर पाई।
2006 से 2008 के बीच, उनके पहले तीन उड़ान के प्रयास विफल रहे और वे कंगाली की कगार पर आ गए थे। लोगो द्वारा पागल और सनकी b कहे जाने के बावजूद उन्होंने 28 सितंबर 2008 को, चौथे प्रयास के दौरान Falcon 1 को अंततः ऑर्बिट में पंहुचा। यदि चौथा लॉन्च भी विफल होता, तो शायद SpaceX अस्तित्व में ही नहीं रह पाती।
NASA उनकी इन उपलब्धियों से प्रभावित हुआ और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा से उड़ान भरने के लिए $1.6 Billion के Contract पर SpaceX के साथ समझौता किया।
वो दिन था और आज का दिन उन्होंने कभी मूढ़ कर पीछे नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने दुनिया को टेस्ला मोटर्स, सोलर सिटी व हायपरलूप प्रोजेक्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट दिए। अभी भी वह इंसानी दिमाग को कंप्यूटर के साथ लिंक करने जैसे रेवोलुशनरी आइडियाज पर कम कर रहे हैं।
ये उनकी महनत और लगन का ही नतीजा है की आज एलन मस्क, दुनिया के सबसे अमीर शख्स की सूची में नंबर 1 पर हैं। दिसंबर 2016 में, एलन को फ़ोर्ब्स पत्रिका की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में 21वां स्थान प्राप्त हुआ। जनवरी 2018 तक, एलन की कुल संपत्ति 20.9 अरब अमेरिकी डॉलर थीं। 08 जनवरी 2021 तक, एलन की कुल संपत्ति 184 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है।