फर्जी डिग्री मामले में ABVP ने दिया बड़ा बयान
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 2008 से लेकर लगातार फर्जी डिग्रियों के मामले में बोलता आ रहा है और प्रदेश में जिस प्रकार से प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा अपने कैंपस में यह गोरखधंधा अपनाया गया है उसका विद्यार्थी परिषद लंबे समय से विरोध करती आ रही है उसी के परिणाम स्वरूप अब जाकर मानव भारती यूनिवर्सिटी पर गाज गिरी है। बहुचर्चित चार लाख फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने इन्फोर्समेंट केस इन्फॉरमेशन रिपोर्ट ( ईसीआईआर ) दर्ज कर ली है । ईसीआईआर दर्ज करने के साथ ईडी ने मामले की नियमित जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि विवि प्रबंधन की ओर से फर्जी डिग्री बेचकर अकूत संपत्ति अर्जित करने और उस काले धन को कानूनी रूप देने के लिए कई जगह निवेश करने के इंडी को प्रारंभिक जांच में साक्ष्य मिले हैं । जल्द विवि ईडी धन शोधन की जांच पूरी कर विश्वविद्यालय के हिमाचल और एडीजी राजस्थान समेत कई राज्यों में काले धन वेणुगोपाल से खरीदी गई संपत्तियों को सीज कर सकता है। हिमाचल पुलिस ने फर्जी डिग्री का गोरखधंधा चलाने के आरोप में विवि के खिलाफ सोलन जिले में तीन एफआईआर दर्ज की थीं इन मामलों की जांच सोलन पुलिस की एक एसआईटी को दी थी, जिसने विवि का संचालन करने वाले राजकुमार राणा, विवि रजिस्ट्रार अनुपमा , सहायक रजिस्ट्रार मनीष गोयल, डाटा ऑपरेटर प्रमोद कुमार के अलावा विवि के नशा मुक्ति केंद्र के संचालक जतिन नागर को गिरफ्तार कर रही जेल भेज दिया था।
प्रांत मंत्री राहुल राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी परिषद लंबे समय से इस प्रकार के काले धंधे के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करता आया है जिसके परिणाम स्वरूप आज एक विश्वविद्यालय के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उसी प्रकार पूरे हिमाचल प्रदेश में ऐसे बहुत से निजी विश्वविद्यालय है जहां पर अभी भी इस प्रकार की हेरा फेरी और फर्जी डिग्रियां बेची जाती है और शिक्षा क्षेत्र में यह बहुत बड़ा खिलवाड़ है।
विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि आने वाले समय में प्रदेश केअनियमिताएं पाए जाने वाले सभी निजी विश्वविद्यालयों की पूर्ण तह जांच की जाए और जो जो विश्वविद्यालय ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित पाया जाता है उन सभी को गिरफ्तार किया जाए और ऐसी विश्वविद्यालय की मान्यता रद्द की जाए।