किसान कम्पोस्ट खरीद योजना का लाभ उठा कर अपनी फसल की गुणवत्ता और मृदा की उर्वरकता में ला सकते है सुधार: देव राज कश्यप
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हिमाचल प्रदेश सरकार और कृषि विभाग ने किसानों की आय में वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य सुधार और जैविक खेती को प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए हैं। कृषि उप निदेशक देव राज कश्यप ने बताया कि इन प्रयासों के तहत, श्रीधान्व लगाने के लिए फसलें और पोषण को बढ़ावा देने के साथ-साथ मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए कम्पोस्ट का उपयोग महत्वपूर्ण बन गया है। आजकल हाईब्रिड फसलों में इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक, फफूंदनाशक और अन्य रसायनों के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ बढ़ रही हैं, जो कि एक बड़ा चिंता का विषय है। ऐसे में जैविक खेती और कम्पोस्ट का उपयोग किसानों और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। सरकार ने किसानों के लिए कम्पोस्ट खरीद योजना की शुरुआत की है, जिससे किसानों को अपनी फसल की गुणवत्ता और मृदा की उर्वरकता में सुधार लाने का अवसर मिलेगा। कम्पोस्ट से न केवल फसल के अवशेषों का विघटन होता है, बल्कि इससे मृदा की वायु संचरण क्षमता, गुणवत्ता और उर्वरा शक्ति में भी सुधार होता है। इसके परिणामस्वरूप मृदा में दारण (erosion) जैसी समस्याओं का समाधान हो सकता है, और फसलों को सूक्ष्म तत्व आसानी से उपलब्ध होते हैं।इसके अलावा, मृदा और जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने किसानों से गोबर और कम्पोस्ट तीन रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने की योजना शुरू की है। इस योजना से किसान अपने घर पर कम्पोस्ट बनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। कृषि उप निदेशक देव राज कश्यप ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए किसान अपने संबंधित खंड स्तरीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।